कश्मीर
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कश्मीर में आतंकवादी विरोधी अभियानों में महिला कर्मियों की तैनाती पर विचार कर रही है सीआरपीएफ

© AP Photo / Channi AnandIndian army soldiers patrol at the Line of Control (LOC) between India and Pakistan border in Poonch, about 250 kilometers (156 miles) from Jammu, India
Indian army soldiers patrol at the Line of Control (LOC) between India and Pakistan border in Poonch, about 250 kilometers (156 miles) from Jammu, India - Sputnik भारत, 1920, 30.12.2022
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सीआरपीएफ को सितंबर 2020 में श्रीनगर में पहली महिला महानिरीक्षक मिली थी। महिला और सैनिक बलों के जवानों को वर्तमान में हवाई अड्डे जैसे संवेदनशील प्रतिष्ठानों पर तैनात किया गया है।
अर्धसैनिक बलों के एक अधिकारी के हवाले से भारतीय मीडिया ने बताया कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल जल्दी जम्मू कश्मीर में तलाशी और आतंकवादी विरोधी अभियानों के दौरान महिलाओं की तैनाती के लिए प्रशिक्षण की तैयारी पर विचार कर रहा है । यदि ऐसा हुआ तो यह जम्मू कश्मीर के उग्रवाद के इतिहास में पहली बार होगा।
सीआरपीएफ की पहली महिला महानिदेशक चारु सिंह ने मीडिया को बताया कि पहले इसके बारे में शायद किसी ने नहीं सोचा था लेकिन अक्सर जब भी हम ऑपरेशन के लिए बाहर होते हैं तो हमें घरों में जाना होता है और घरों में महिलाएं होती हैं। इसलिए मुझे एहसास हुआ कि वहां हम पुलिसकर्मियों को नहीं भेज सकते, इसलिए उनकी संवेदना को ठेस न पहुंचे तो हमने सोचा कि महिलाओं को लाने से स्थिति संभालने का बेहतर तरीका हो सकता है।
सीआरपीएफ अब पहले से अधिक चुस्त और तकनीकी रूप से मजबूत हैं। हमने अपने प्रशिक्षण पर पूरा ध्यान केंद्रित किया है अब हम महिला विंग पर भी जोर दे रहे हैं। चारु ने कहा कि वह चाहती है कि आतंकवादी विरोधी अभियानों के दौरान महिलाओं को असहज महसूस ना हो क्योंकि हम स्थानीय लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हैं और जब महिलाओं के साथ डील कर रहे हो तो महिलाओं को भी असहज महसूस ना हो।
सिन्हा ने कहा कि यह प्रयोग के आधार पर किया जा रहा है। हमें देखना होगा कि वे कैसे प्रशिक्षित होते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी महिला कर्मी बहुत अच्छी हैं, उनकी उम्र कम है, और वे बहुत उत्साही और उत्सुक हैं।
प्रयोग के तौर पर वे एक टीम लेकर आए जिसने करीब छह महीने तक काम किया। हमने उन्हें प्रशिक्षित किया, क्षेत्र में रखा, और रुचि और क्षमता के स्तर का परीक्षण किया। हमने पाया कि वे बहुत अच्छे और ईमानदार और बहुत मेहनती थे। अब उसी के आधार पर हमने इसे आगे बढ़ाने का फैसला किया है।

यहां महिलाएं वह सब करेंगी जो उनके पूर्व सहयोगी करते हैं। उनका प्रशिक्षण पुरुषों के समान है और उनका हथियार भी।
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