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साल 2022-23 में अब तक भारत का कोयला उत्पादन 16 प्रतिशत बढ़ा

© Sputnik / Alexander Patrin / मीडियाबैंक पर जाएंExcavator loading coal
Excavator loading coal - Sputnik भारत, 1920, 03.01.2023
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कोयला भारत के लिए प्राथमिक घरेलू ईंधन के साथ-साथ देश भर में अधिकतम ढुलाई की जाने वाली एक सामग्री है फलस्वरूप भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में कोयले के खनन, आपूर्ति और खपत का भी योगदान है।
मंगलवार को जारी मंत्रालय के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भारत का कुल कोयला उत्पादन वित्त वर्ष 2022-23 में अब तक 16.39 प्रतिशत बढ़कर 607.97 मिलियन टन (MT) हो गया है।

गौरतलब है कि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के दौरान उत्पादन 522.34 मिलियन टन था।

सार्वजनिक क्षेत्र की कोयला कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड का उत्पादन दिसंबर तक 479.05 मिलियन टन था, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 15.82 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है।
दरअसल कोयला मंत्रालय ने कैप्टिव कोयला ब्लॉकों की खनन क्षमताओं के अधिक उपयोग द्वारा बाजार में अतिरिक्त कोयले को जारी करने का मार्ग प्रशस्त किया है, जिससे कैप्टिव और अन्य कंपनियों द्वारा कोयले के उत्पादन में 31.38 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और पिछले वर्ष उत्पादित 62.19 मिलियन टन की तुलना में वित्त वर्ष 2022-23 में समान अवधि में अब तक यह 81.70 मिलियन टन हो गया है।
"मंत्रालय तेजी से निकासी सुनिश्चित करने के लिए पीएम गति शक्ति योजना के तहत सभी प्रमुख खानों के लिए रेल संपर्क बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए कदम उठा रहा है। परिणामस्वरूप, अप्रैल-दिसंबर'22 के दौरान कुल कोयले का प्रेषण 594.22 की तुलना में 637.51 मीट्रिक टन रहा है, जो पूरे देश में विभिन्न क्षेत्रों में कोयले के प्रेषण की एक स्थिर और कुशल मात्रा को दर्शाता है," कोयला मंत्रालय ने एक बयान में कहा।
बता दें कि कोयले का उत्पादन और आपूर्ति बढ़ाने के लिए मंत्रालय ने 141 नई कोयला खानों को हाल में नीलामी के लिए रखा है। मंत्रालय पहले नीलाम की गई खदानों के संचालन के लिए संबंधित राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों के साथ मिलकर समन्वय कर रहा है नतीजतन उत्पादन में बढ़ोत्तरी हो रही है।
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