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उत्तराखंड के प्रमुख ने 'डूबते शहर' जोशीमठ के लिए राहत उपायों की घोषणा की

© AFP 2023 AJAY BHATTThis general view shows state-run NTPC hydropower project site damaged after a broken glacier caused a major river surge that swept away bridges and roads, near Joshimath in Chamoli district of Uttarakhand, on February 7, 2021.
This general view shows state-run NTPC hydropower project site damaged after a broken glacier caused a major river surge that swept away bridges and roads, near Joshimath in Chamoli district of Uttarakhand, on February 7, 2021.  - Sputnik भारत, 1920, 07.01.2023
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जोशीमठ चीन के साथ भारत की सीमा से केवल 50 किलोमीटर दूर है और बद्रीनाथ यानी हिंदू धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में से एक के प्रवेश द्वार के रूप में जाना जाता है।
उत्तराखंड राज्य के प्रमुख पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को जोशीमठ के "डूबते शहर" में प्रभावित लोगों के परिवार के सदस्यों के साथ एक दिन पहले कई घरों और एक मंदिर के ढह जाने के बाद एक बैठक की।
शनिवार सुबह जोशीमठ पहुंचे धामी ने शहर में जमीनी निरीक्षण करने से पहले हवाई सर्वेक्षण किया, वहां के निवासी आपदा से बहुत डरे हुए हैं।
पहाड़ी राज्य की धामी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने लगभग 600 परिवारों, यानी लगभग 3,000 लोगों को, जिनमें शहर की कम से कम 10 प्रतिशत आबादी शामिल है, तत्काल खाली करने का आदेश जारी कर दिया है, क्योंकि उनके घरों में दरारें आ गई हैं और भूस्खलन शुरू हो गया है।
घरों के अलावा, रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण जोशीमठ-मलारी सड़क को जो कि भारत को चीन सीमा से जोड़ती है, सिर्फ इसी वजह से ही कई स्थानों पर भारी दरारें विकसित हो गई हैं।
जोशीमठ को औली के बेहद लोकप्रिय स्की रिसॉर्ट से जोड़ने वाले एशिया का सबसे बड़ा रोपवे ''औली रोपवे'' के नीचे एक बड़ा गड्ढा बन जाने के बाद इसकी परिचालना को रोक दिया गया है।
धामी ने जोशीमठ में संवाददाताओं से कहा कि, "लोगों की जीवन की सुरक्षा हमारे लिए पहली प्राथमिकता है। अधिकारियों को जोशीमठ में लुप्तप्राय घरों में रहने वाले लगभग 600 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरण करने के लिए कहा गया है।"
उन्होंने आगे बताया कि उन्होंने संबंधित एजेंसियों को सीवर, जल निकासी और खतरे के क्षेत्र को ठीक करने के लिए 24×7 काम करने का आदेश दिया है।
धामी के अनुसार कस्बे से लोगों को हवाई मार्ग से लाने का इंतजाम भी जल्द से जल्द किया जाएगा।
एक आपदा नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जा रहा है। राज्य जोखिम वाले क्षेत्र में पर्याप्त संख्या में आपदा प्रतिक्रिया बल के कर्मियों को तैनात करेगा। स्वास्थ्य आपात स्थिति में मदद के लिए चिकित्सा उपचार सुविधाओं और हेलीकाप्टर सेवाओं को भी सक्रिय किया जा रहा है। राज्य के अधिकारियों द्वारा उठाए गए कदमों के अलावा, संघीय सरकार ने जोशीमठ के "डूबने" के पीछे के कारणों का पता लगाने और दीर्घकालिक उपचारात्मक उपाय प्रदान करने के लिए भूवैज्ञानिकों को शामिल करते हुए एक विशेषज्ञ समूह का गठन किया है।
शहर के आसपास की सभी बड़ी परियोजनाओं को रोक दिया गया है। इनमें निर्माणाधीन चारधाम राजमार्ग और राज्य द्वारा संचालित राष्ट्रीय तापविद्युत निगम लिमिटेड द्वारा निष्पादित की जा रही जलविद्युत परियोजनाओं पर काम का निलंबन भी शामिल है।
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