भारत की जी20 अध्यक्षता

भारत पदानुक्रमित विश्व व्यवस्था में विश्वास नहीं करता: रक्षा मंत्री

© AP Photo / Jose Luis MaganaFILE - Indian Defense Minister Shri Rajnath Singh speaks during a news conference after a bilateral meeting at the Department of State in Washington, Wednesday, Dec.18, 2019
FILE - Indian Defense Minister Shri Rajnath Singh speaks during a news conference after a bilateral meeting at the Department of State in Washington, Wednesday, Dec.18, 2019 - Sputnik भारत, 1920, 09.01.2023
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भारतीय सरकार ने विकासशील देशों के हितों और दृष्टिकोणों का बेहतर समर्थन करने के लिए संयुक्त राष्ट्र जैसे वैश्विक संगठनों में विस्तृत सुधारों का आह्वान किया है।
भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को घोषणा की कि भारत अन्य देशों से अपने संबंधों में "ग्राहक या उपग्रह राज्य" का भूमिका निभाने में विश्वास नहीं करता। यह अधिक समान भागीदारी की इच्छा को दिखाता है।

नई दिल्ली में राजदूतों के सम्मेलन के दौरान भाषण देते हुए सिंह ने ऐसी पदानुक्रमित विश्व व्यवस्था को खारिज कर दिया, जिसकी स्थिति में कुछ राज्यों को दूसरों से उच्च माना जाता है।

इसके बजाय मंत्री ने भारत की रक्षा उद्योग की साझेदारी के लिए "संप्रभु समानता और आपसी सम्मान" के महत्व पर जोर दिया।
सिंह ने यह भी कहा कि G20 देशों का मौजूदा अध्यक्ष होने के नाते भारत अधिक सुरक्षित, समृद्ध और टिकाऊ विश्व व्यवस्था के लिए सहमति सुनिश्चित करने और एजेंडा को आकार देने पर काम करेगा। इस सन्दर्भ में G20 अध्यक्षता को लेकर भारत का दृष्टिकोण देश के "विकास, लोकतंत्र और विविधता" को प्रदर्शित करने का अवसर हो सकता है।
रक्षा मंत्री ने विशेष रूप से ड्रोन, साइबर तकनीक, कृत्रिम बुद्धि (एआई) और रडार जैसे उभरते क्षेत्रों में भारत की रक्षा विनिर्माण क्षमता को बढ़ाने के भारत के प्रयासों पर भी प्रकाश डाला।
सिंह के अनुसार, भारत मौजूदा साझेदारियों का समर्थन करने और भविष्य के विकास के लिए नए सम्बन्ध बनाने के लिए तैयार है। भारत का लक्ष्य साधारण क्रेता और विक्रेता संबंधों को सह-विकास और सह-उत्पादन में बदलना है।

मंत्री ने जोर देकर कहा कि "हमारा लक्ष्य क्रेता और विक्रेता के संबंध को हटाकर सह-विकास और सह-उत्पादन की मॉडल का प्रयोग शुरू करना है, या तो हम खरीदार या तो विक्रेता हों।"

इसके अलावा, सिंह ने राजनयिकों से 13 से 17 फरवरी तक कर्नाटक के बेंगलुरु में होने वाले 14वें एयरो इंडिया एयर शो में भाग लेने का आह्वान किया।
मंत्री ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में भारत का रक्षा निर्यात आठ गुना बढ़कर लगभग 1.5 अरब डॉलर हो गया और देश अब 75 से अधिक देशों में निर्यात करता है।
उन्होंने विश्वास जताया कि भारतीय एयरोस्पेस और रक्षा उत्पादन क्षेत्र भविष्य की चुनौतियों का सामना करने और उभरती संभावनाओं का लाभ उठाने के लिए तैयार है।
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