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रूसी तेल खरीदने से इनकार थोड़े ही करेगा भारत - विशेषज्ञ

© AP Photo / Gary KazanjianFILE - In this June 8, 2017, file photo, oil derricks are busy pumping as the moon rises near the La Paloma Generating Station in McKittrick, Calif. The U.S. is on pace to leapfrog both Saudi Arabia and Russia as the world’s biggest oil producer
FILE - In this June 8, 2017, file photo, oil derricks are busy pumping as the moon rises near the La Paloma Generating Station in McKittrick, Calif. The U.S. is on pace to leapfrog both Saudi Arabia and Russia as the world’s biggest oil producer - Sputnik भारत, 1920, 11.01.2023
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मास्को (Sputnik) - 60 डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा कीमत की स्थिति में रूसी तेल की खरीद कम करने के लिए तैयारी की खबरों के बावजूद भारत थोड़े ही उस से इन्कार करेगा। यह रूसी कंपनी "बेकाएस मीर इंवेस्तीत्सीय" के वरिष्ठ विश्लेषक रोनाल्ड स्मिथ ने Sputnik को बताया।
स्मिथ के अनुसार "भारत के लिए कच्ची सामग्रियों की कीमत बहुत महत्त्वपूरण है। अगर उरल्स कंपनी के तेल की कीमत फिर 60 डॉलर से अधिक होगी तो फिर भी यह बरेंट कंपनी के तेल की कीमत से 20-40 डॉलर कम होगी। इसकी संभावना बहुत कम है कि भारत रूसी तेल खरीदने से इनकार करेगा।"
हाल ही में विदेशी मीडिया ने भारतीय पैट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के गुमनाम सूत्रों के हवाले से लिखा कि देश में रूस से तेल की खरीद को कम किया जा सकता है अगर इसकी कीमत 60 डॉलर प्रति बैरल से अधिक होगी या यूरोपीय संघ रूसी तेल खरीदने वाले देशों के खिलाफ दूसरी बार प्रतिबंध लगाने का फैसला करेगा।

सूत्रों के अनुसार, भारत में पहुंचने वाले रूसी तेल की मौजूदा कीमत 53-56 डॉलर प्रति बैरल है।

विश्लेषणात्मक कंपनी वोर्टेक्सा के आंकड़ों के अनुसार, रूस तीन महीनों से भारत का सबसे बड़ा तेल निर्यातक है। दिसंबर में उस ने प्रति दिन 11.7 लाख बैरल कच्चे तेल की आपूर्ति की थी। और भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है।
5 दिसम्बर के बाद पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के अनुसार यूरोपीय संघ ने समुद्र पर पहुंचाए जाते रूसी तेल को लेना खत्म किया था। इसके साथ सात के समूह, ऑस्ट्रेलिया और यूरोपीय संघ ने समुद्र पर भेजे जाने की स्थिति में रूसी तेल पर 60 डॉलर प्रति बैरल की मूल्य सीमा लगा दी, और अब अधिक महंगे तेल को भेजना और उसका बीमा करना मना है।
उम्मीद है कि 5 फरवरी से पेट्रोलियम उत्पादों पर भी इस तरह के प्रतिबंध लगाए जाएंगे, लेकिन अधिकतम कीमत अभी मालूम नहीं है।
जवाब में रूस ने पहली फरवरी से विदेशी लोगों को तेल खरीदने पर प्रतिबंध लगाया, अगर समझौतों के अनुसार प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मूल्य सीमा के तंत्र का प्रयोग करना संभव है। रूसी सरकार पेट्रोलियम उत्पादों के लिए तारीख का निर्णय करेगी।
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