https://hindi.sputniknews.in/20230118/bhaarit-ne-jnsnkhyaa-men-chiin-ko-phle-hii-pchaad-diyaa-hai-riiporit-541746.html
भारत ने जनसंख्या में चीन को पहले ही पछाड़ दिया है: रिपोर्ट
भारत ने जनसंख्या में चीन को पहले ही पछाड़ दिया है: रिपोर्ट
Sputnik भारत
वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू के अनुमानों के मुताबिक भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन चुका है।
2023-01-18T11:58+0530
2023-01-18T11:58+0530
2023-01-18T11:58+0530
विश्व
भारत
चीन
संयुक्त राष्ट्र
अधिक जनसंख्या
जनसंख्या में गिरावट
जन्म दर
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e7/01/12/542131_6:0:2596:1457_1920x0_80_0_0_66a808dbca12ab6a7d41c48e94439772.jpg
वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू के अनुमानों के मुताबिक एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत पहले ही चीन को पीछे छोड़ कर दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन चुका है। वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू जनगणना और जनसांख्यिकी पर केंद्रित एक स्वतंत्र संगठन है। संगठन के अनुमान के मुताबिक भारत की जनसंख्या 2022 के अंत तक 1.417 बिलियन थी जो चीन द्वारा पेश किये गए आकड़ों से 5 मिलियन अधिक थी। संयुक्त राष्ट्र पहले ही घोषणा कर चुका है कि भारत अप्रैल 2023 में चीन को पीछे छोड़ देगा। इस के आलावा, दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश चीन ने मंगलवार को जन्म दर में लगातार वर्षों तक गिरावट के बाद जनसंख्या में कमी की घोषणा की है। दूसरी ओर, राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, एक साल पहले की तुलना में 2022 में चीन की जनसंख्या 850,000 कम हो गई। अपने अनुमान में, संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि 2022 और 2050 के बीच वैश्विक आबादी में अनुमानित आधे से अधिक वृद्धि केवल कांगो, मिस्र, इथियोपिया, भारत, नाइजीरिया, पाकिस्तान, फिलीपींस और तंजानिया में होगी। चीन के 2021 में अपनी सख्त एक-बच्चा नीति को उलटने के बावजूद जनसंख्या में गिरावट दर्ज की गई है। इस एक बच्चा नीति का उद्देश्य परिवारों को केवल एक बच्चा होने तक सीमित करके तेजी से जनसंख्या वृद्धि के सामाजिक और आर्थिक परिणामों को कम करना था।
भारत
चीन
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
2023
धीरेंद्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/135790_0:0:719:720_100x100_80_0_0_8e4e253a545aa4453ae659b236312d73.jpg
धीरेंद्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/135790_0:0:719:720_100x100_80_0_0_8e4e253a545aa4453ae659b236312d73.jpg
खबरें
hi_IN
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e7/01/12/542131_329:0:2272:1457_1920x0_80_0_0_d0e82f2888206640c598fa1d9feb3b91.jpgSputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
धीरेंद्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/135790_0:0:719:720_100x100_80_0_0_8e4e253a545aa4453ae659b236312d73.jpg
वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू, भारत, चीन, दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश
वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू, भारत, चीन, दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश
भारत ने जनसंख्या में चीन को पहले ही पछाड़ दिया है: रिपोर्ट
विशेषज्ञों के मुताबिक अगर नीति निर्माता पर्याप्त नौकरियां पैदा नहीं करते हैं तो यह संख्या एक बोझ बन सकती है।
वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू के अनुमानों के मुताबिक एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत पहले ही चीन को पीछे छोड़ कर दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन चुका है।
वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू जनगणना और जनसांख्यिकी पर केंद्रित एक स्वतंत्र संगठन है। संगठन के अनुमान के मुताबिक भारत की जनसंख्या 2022 के अंत तक 1.417 बिलियन थी जो चीन द्वारा पेश किये गए आकड़ों से 5 मिलियन अधिक थी।
संयुक्त राष्ट्र पहले ही घोषणा कर चुका है कि भारत अप्रैल 2023 में चीन को पीछे छोड़ देगा। इस के आलावा, दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश चीन ने मंगलवार को जन्म दर में
लगातार वर्षों तक गिरावट के बाद
जनसंख्या में कमी की घोषणा की है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि रिसर्च प्लेटफार्म मैक्रोट्रेंड्स के एक अन्य अनुमान में भारत की आबादी 1.428 बिलियन बताई गई है। हालांकि भारत की जनसंख्या वृद्धि धीमी हो गई है लेकिन विश्व जनसंख्या समीक्षा ने कहा कि यह संख्या कम से कम 2050 तक बढ़ने की उम्मीद है।
दूसरी ओर, राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, एक साल पहले की तुलना में 2022 में चीन की जनसंख्या 850,000 कम हो गई। अपने अनुमान में, संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि 2022 और 2050 के बीच वैश्विक आबादी में अनुमानित आधे से अधिक वृद्धि केवल कांगो, मिस्र, इथियोपिया, भारत, नाइजीरिया, पाकिस्तान, फिलीपींस और तंजानिया में होगी।
चीन के 2021 में अपनी सख्त एक-बच्चा नीति को उलटने के बावजूद जनसंख्या में गिरावट दर्ज की गई है। इस एक बच्चा नीति का उद्देश्य परिवारों को केवल एक बच्चा होने तक सीमित करके तेजी से जनसंख्या वृद्धि के सामाजिक और आर्थिक परिणामों को कम करना था।