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यूएन ने समुद्र के माध्यम से अधिक रोहिंग्याओं के म्यांमार से जाने की चेतावनी दी

© AP Photo / Rahmat MirzaA boat used to carry ethnic Rohingya rests on Indra Patra beach in Ladong village, Aceh province, Indonesia, Sunday, Dec. 25, 2022.
A boat used to carry ethnic Rohingya rests on Indra Patra beach in Ladong village, Aceh province, Indonesia, Sunday, Dec. 25, 2022. - Sputnik भारत, 1920, 18.01.2023
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अपने देश में उत्पीड़न का सामना करने के बाद लाखों रोहिंग्याओं ने पड़ोसी बांग्लादेश और भारत में शरण मांगी। बांग्लादेश उन्हें निर्वासित करने की कोशिश कर रहा है, जबकि भारत उनके आने को "अवैध" मानता है।
शरणार्थियों हेतु संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त के कार्याकाल (UNHCR) के अनुसार पिछले साल बांग्लादेश और म्यांमार से जाने वाले रोहिंग्या मुसलमानों की संख्या पांच गुनी बढ़ गई।
UNHCR की जानकारी के अनुसार 2022 में 3,500 लोगों से अधिक समुद्र को पार करने का प्रयास किया गया, जबकि 2021 में लगभग 700 लोगों ने इसी तरह की यात्रा की थी।
UNHCR की प्रवक्ता शाबिया मंटू ने जिनेवा में संवाददाताओं से कहा, "पिछले साल समुद्र के माध्यम से जाने की कोशिश करने वाले 3,040 रोहिंग्याओं में से अधिकांश लोग म्यांमार, मलेशिया, इंडोनेशिया और बांग्लादेश से थे और यह करनेवालों में लगभग 45 प्रतिशत लोग महिलाएं और बच्चे थे।"
समुद्र में कम से कम 348 लोग मारे गए या गायब हो गए, जिसके कारण वह वर्ष 2014 के बाद सबसे घातक वर्षों में से एक है। सबसे दुखद घटना दिसंबर में हुई, जब शरणार्थियों से भरी नाव डूब गई, और माना जाता है कि उन 180 रोहिंग्या मुसलमानों की मौत हुई।
UNHCR ने समझाया कि "वे अन्य देशों में सुरक्षा, परिवार के पुनर्मिलन और आजीविका की तलाश में खतरनाक समुद्री यात्राएं करते हैं। लगता है कि म्यांमार और बांग्लादेश में बढ़ती हताशा 2022 में समुद्री यात्राओं की संख्या में वृद्धि का कारण हुई है।"

रोहिंग्या मुसलमान क्यों भाग रहे हैं?

रोहिंग्या एक अल्पसंख्यक समूह हैं जो सदियों से म्यांमार में रह रहे हैं। लेकिन 1982 से उन्हें नागरिकता नहीं दी जा रही है। अब उन सभी को दक्षिण एशिया से अवैध अप्रवासी माना जाता है।
बहुत रोहिंग्या मुसलमानों ने 2014 के बाद देश से जाना शुरू किया था, जब म्यांमार की सरकार ने उन से जनगणना में अपनी जातीयता को रोहिंग्या से बंगाली में बदलने को कहा था। 2017 में म्यांमार की सेना ने उन पर हिंसा किया।
म्यांमार पर उनके बड़े पैमाने पर जाने की वजह से संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत द्वारा नरसंहार का आरोप लगाया गया है।
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