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लवरोव ने दावा किया कि वे जहां भी जाएं, पश्चिम हर देश पर दबाव डालने का प्रयास करता है
लवरोव ने दावा किया कि वे जहां भी जाएं, पश्चिम हर देश पर दबाव डालने का प्रयास करता है
रूसी विदेश मंत्री सर्गे लवरोव ने बताया कि वे कहीं न जाएं, पश्चिम हर देश को ऐसा व्यवहार करने पर मजबूर करने का प्रयास करता है, जैसा अमेरिका के लिए जरूरी है।
2023-01-24T19:22+0530
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"मुझे आश्चर्य नहीं है कि मैं कहीं न जाऊँ, हमारे पश्चिमी सहयोगी किसी तरह की चेतावनी देने और हर देश को ऐसा व्यवहार करने पर मजबूत करने का प्रयास करते हैं जैसा अमेरिका चाहता है। हम अपने सभी ऐसे भागीदारों के दृष्टिकोण की बहुत सराहना और सम्मान करते हैं, जो इस तरह की स्थिति में पूर्व औपनिवेशिक शक्तियों और उस देशों के आदेशों पर निर्भर नहीं हैं, जो विश्व में मुख्या भमिका निभाना चाहते हैं। बदले में वे वैध राष्ट्रीय हितों के अनुसार कार्य करते हैं। उनमें बहुत सहयोगी इसके बारे में खुलकर बात करने में संकोच नहीं करते," उन्होंने इस्वातिनी की विदेश मंत्री थुली डलाडला के साथ बातचीत के बाद संवाददाता सम्मेलन में बताया।रूसी विदेश मंत्रालय के प्रमुख के अनुसार, पश्चिम परेशान है क्योंकि पिछली पांच शताब्दियों तक इसका जो प्रभुत्व था, वह गायब हो रहा है। और बहुध्रुवीय दुनिया बन रही है। लावरोव ने कहा कि "चीन, भारत, तुर्की, मिस्र, अफ्रीका <...> लैटिन अमेरिका" जैसे केंद्रों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इसके साथ उनसे यह कहना मना है कि उन्हें किस तरह विकसित होना चाहिए।
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इस्वातिनी की विदेश मंत्री थुली डलाडला, रूसी विदेश मंत्री सर्गे लवरोव, रूसी विदेश मंत्रालय के प्रमुख, पश्चिम का दबाव
इस्वातिनी की विदेश मंत्री थुली डलाडला, रूसी विदेश मंत्री सर्गे लवरोव, रूसी विदेश मंत्रालय के प्रमुख, पश्चिम का दबाव
लवरोव ने दावा किया कि वे जहां भी जाएं, पश्चिम हर देश पर दबाव डालने का प्रयास करता है
19:22 24.01.2023 (अपडेटेड: 12:37 27.01.2023) रूसी विदेश मंत्री सर्गे लवरोव ने बताया कि वे जहां भी यात्रा पर जाते हैं, पश्चिम मेजबान देश को ऐसा व्यवहार करने पर मजबूर करने की कोशिश कर रहा है जैसा कि अमेरिका के लिए जरूरी हो।
"मुझे आश्चर्य नहीं है कि मैं कहीं न जाऊँ, हमारे पश्चिमी सहयोगी किसी तरह की चेतावनी देने और हर देश को ऐसा व्यवहार करने पर मजबूत करने का प्रयास करते हैं जैसा अमेरिका चाहता है। हम अपने सभी ऐसे भागीदारों के दृष्टिकोण की बहुत सराहना और सम्मान करते हैं, जो इस तरह की स्थिति में पूर्व औपनिवेशिक शक्तियों और उस देशों के आदेशों पर निर्भर नहीं हैं, जो विश्व में मुख्या भमिका निभाना चाहते हैं। बदले में वे वैध राष्ट्रीय हितों के अनुसार कार्य करते हैं। उनमें बहुत सहयोगी इसके बारे में खुलकर बात करने में संकोच नहीं करते," उन्होंने इस्वातिनी की विदेश मंत्री थुली डलाडला के साथ बातचीत के बाद संवाददाता सम्मेलन में बताया।
लावरोव ने कहा, "हम अपने पश्चिमी दोस्तों को बदल नहीं सकते हैं और [यह नहीं कर सकते हैं कि वे हों] विनम्र, लोकतांत्रिक तरीके से व्यवहार करें।"
रूसी विदेश मंत्रालय के प्रमुख के अनुसार, पश्चिम परेशान है क्योंकि पिछली पांच शताब्दियों तक इसका जो प्रभुत्व था, वह गायब हो रहा है। और बहुध्रुवीय दुनिया बन रही है। लावरोव ने कहा कि "
चीन, भारत, तुर्की, मिस्र, अफ्रीका <...> लैटिन अमेरिका" जैसे केंद्रों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इसके साथ उनसे यह कहना मना है कि उन्हें किस तरह विकसित होना चाहिए।
"हम अमेरिका और यूरोप की दर्दनाक भावनाओं को समझते हैं क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय संबंधों की संरचना बदल रही है, बहुध्रुवीय, बहुकेंद्रित हो रही है," उन्होंने कहा।