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हाथी बचाओ सिंगल-यूज प्लास्टिक हटाओ: श्रीलंका
हाथी बचाओ सिंगल-यूज प्लास्टिक हटाओ: श्रीलंका
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प्लास्टिक के जहर से जंगली हाथियों और हिरणों की मौत की एक श्रृंखला के बाद श्रीलंका सरकार ने मंगलवार को कहा कि देश में एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाएगा।
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प्लास्टिक के जहर से जंगली हाथियों और हिरणों की मौत की एक श्रृंखला के बाद श्रीलंका सरकार ने मंगलवार को कहा कि देश में एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।दरअसल पर्यावरण और वन्य जीवन पर प्लास्टिक कचरे के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए 18 महीने पहले नियुक्त एक पैनल ने सिंगल-यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की थी।बता दें कि साल 2017 में अचानक आई बाढ़ के कारण गैर-बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक बैग पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। और दो साल पहले द्वीप के उत्तर-पूर्व में हाथियों और हिरणों के खुले कचरे खाने से हुई मौतों के बाद प्लास्टिक कटलरी, खाने के रैपर और खिलौनों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। लेकिन प्लास्टिक उत्पादों का स्थानीय निर्माण और बिक्री जारी रही।गौरतलब है कि लगभग पांच साल पहले त्रिंकोमाली के पूर्वोत्तर जिले में प्लास्टिक के जहर से दर्जनों जंगली हिरणों की मौत हो गई, जिससे सरकार को जंगल के पास कचरे के खुले डंपिंग पर प्रतिबंध लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा।
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सिंगल-यूज प्लास्टिक, पर्यावरण और वन्य जीवन, आयात पर प्रतिबंध, श्रीलंका की ख़बरें
सिंगल-यूज प्लास्टिक, पर्यावरण और वन्य जीवन, आयात पर प्रतिबंध, श्रीलंका की ख़बरें
हाथी बचाओ सिंगल-यूज प्लास्टिक हटाओ: श्रीलंका
17:00 14.02.2023 (अपडेटेड: 18:29 14.02.2023) सिकुड़ते पर्यावास के कारण हाथी भोजन की तलाश में मानव बस्तियों में धावा बोल देते हैं और इस दौरान प्लास्टिक कचरे से भरे डंपिंग ग्राउंड में सेवन के बाद तड़प-तड़प कर मर जाते हैं।
प्लास्टिक के जहर से जंगली हाथियों और हिरणों की मौत की एक श्रृंखला के बाद श्रीलंका सरकार ने मंगलवार को कहा कि देश में एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।
"प्लास्टिक कटलरी, कॉकटेल शेकर और कृत्रिम फूलों का निर्माण या बिक्री, जून से प्रतिबंधित हो जाएंगी" कैबिनेट प्रवक्ता और मीडिया मंत्री बंडुला गुणवर्धन ने कहा।
दरअसल पर्यावरण और वन्य जीवन पर प्लास्टिक कचरे के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए 18 महीने पहले नियुक्त एक पैनल ने सिंगल-यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की थी।
बता दें कि साल 2017 में अचानक आई बाढ़ के कारण गैर-बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक बैग पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। और दो साल पहले द्वीप के उत्तर-पूर्व में हाथियों और हिरणों के खुले कचरे खाने से हुई मौतों के बाद प्लास्टिक कटलरी, खाने के रैपर और खिलौनों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। लेकिन प्लास्टिक उत्पादों का स्थानीय निर्माण और बिक्री जारी रही।
गौरतलब है कि लगभग पांच साल पहले त्रिंकोमाली के पूर्वोत्तर जिले में प्लास्टिक के जहर से दर्जनों जंगली हिरणों की मौत हो गई, जिससे सरकार को जंगल के पास कचरे के खुले डंपिंग पर प्रतिबंध लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा।