भारतीय तेजस, रूसी तोर: एयरो इंडिया 2023 के बारे में आपके लिए सबसे जरूरी जानकारी
© AP Photo / Aijaz RahiПилотажная группа ВВС Индии Suryakiran на 14-й международной авиакосмической выставки Aero India 2023 на авиабазе Елаханка в Бангалоре
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रूस ने बंगलौर में 14वीं अंतरराष्ट्रीय एयरोस्पेस प्रदर्शनी एयरो इंडिया 2023 में हथियारों और सैन्य उपकरणों के करीब 200 मोडेलों को पेश किया।
इस वर्ष एयरो इंडिया पांच दिनों तक 13 से 17 फरवरी तक चला, जिन में से तीन दिन विशेषज्ञों और प्रेस के लिए और दो दिन जनता के लिए आयोजित किए गए थे। उड़ान कार्यक्रम भारतीय वायु सेना के सुखोई ३० एमकेआई और मिग-29यूपीजी लड़ाकू विमानों की मदद से शुरू हुआ, जो देश की वायु सेना के विमानों का आधार हैं।
नए उत्पादों में से रूसी कन्सर्न वीकेओ अल्माज़-एंटे की वायु रक्षा प्रणालियां हैं, रोस्टेक रूसी राज्य निगम की रोसोबोरोनेक्सपोर्ट नामक कंपनी के स्टैंड पर लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर भी हैं। भारत ने नया हल्का बहुउद्देशीय लड़ाकू जेट तेजस पेश किया।
रूसी राज्य निगम रोस्टेक के यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन (UAC) की प्रेस सेवा के अनुसार, सुखोई ३० एमकेआई का उत्पादन भारत में लाइसेंस के तहत किया गया था। रोसोबोरोनेक्सपोर्ट के महानिदेशक अलेक्जेंडर मिखेयेव ने एक रूसी मीडिया को बताया कि रूस अब भारत में इन सुपरसोनिक लड़ाकू विमानों की अतिरिक्त संख्या के उत्पादन पर बातचीत कर रहा है।
© AP Photo / Aijaz RahiВертолеты Sarang ВВС Индии выполняют фигуры высшего пилотажа во время репетиции перед 14-й международной авиакосмической выставкой Aero India 2023 на авиабазе Елаханка в Бангалоре, Индия
Вертолеты Sarang ВВС Индии выполняют фигуры высшего пилотажа во время репетиции перед 14-й международной авиакосмической выставкой Aero India 2023 на авиабазе Елаханка в Бангалоре, Индия
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फेड्रल सर्विस फॉर मिलिटरी-टेक्निकल क्वॉपरैशन (FSVTS) के निदेशक दिमित्री शुगाएव ने एक रूसी मीडिया को बताया कि पिछले 5 वर्षों के दौरान भारत में रूसी सैन्य उत्पादों का कुल निर्यात 13 अरब डॉलर से अधिक हो गया है। इसके साथ पश्चिमी देशों के दबाव के बावजूद भारत सैन्य-तकनीकी सहयोग के क्षेत्र में रूस का भागीदार रहा है।
"प्रतिबंधों के बावजूद रूस मौजूदा अनुबंधों के अनुसार सभी दायित्वों को पूरा कर रहा है और सैन्य-तकनीकी क्षेत्र में सहयोग के नए रास्तों (परियोजनाओं) की पेशकश करता है," उन्होंने कहा।
बड़े निर्यातक के रूप में रूस
रूस प्रदर्शनी का सक्रिय भागीदार बना। इस में पांचवीं पीढ़ी का सुखोई एसयू-57ए लड़ाकू विमान, Ka-226T हल्का हेलीकॉप्टर, Il-76MD-90A (E) सैन्य परिवहन विमान, पैंत्सिर-एस1 एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल प्रणाली और एस-400 मिसाइल प्रणाली प्रस्तुत की गईं। इसके अलावा, प्रदर्शनी के हिस्से के रूप में रूसी कन्सर्न वीकेओ अल्माज़-एंटे के स्टैंड पर नवीनतम वायु रक्षा प्रणाली Vityaz, एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल प्रणालियाँ तोर और विशेष रूप से मॉड्यूलर डिजाइन वाली तोर-М2КМ प्रदर्शित की गईं।
रोसोबोरोनेक्सपोर्ट के प्रमुख के अनुसार, रूस भारत में पैंत्सिर-एस1, तोर-М2КМ, थलसेना के लिए बुमेरांग लड़ने वाले वाहनों और मानव रहित हवाई वाहनों के उत्पादन पर भारत के साथ तकनीकी परामर्श कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि रूस ने मिग-29के और मिग-29केयूबी लड़ाकू विमानों की अतिरिक्त संख्या की आपूर्ति के लिए भारत को प्रस्ताव प्रस्तुत किया था, और एस-400 मिसाइल प्रणालियों की आपूर्ति अनुबंध में निर्दिष्ट अवधि के अनुसार की जा रही है।
© Photo : Social Media Aero India 2023, Narendra Modi
Aero India 2023, Narendra Modi
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इसके साथ रोसोबोरोनेक्सपोर्ट निजी भारतीय उद्यमों के साथ भारी सैन्य परिवहन विमान Il-76 के आधुनिकीकरण के मुद्दे पर चर्चा कर रहा है। भारतीय साझेदार रूसी आधुनिक सैन्य परिवहन विमान Il-76MD-90A में दिलचस्पी लेते हैं।
भारत एक बड़े हथियार उत्पादक बनने की तैयारी कर रहा है
भारत के लिए प्रदर्शनी का मुख्य लक्ष्य अपने को हथियारों के बड़े खरीदार से रक्षा उत्पादों के निर्माता और निर्यातक में बदलने की संभावना को दिखाना था। जैसा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम के उद्घाटन के मौके पर कहा था, भारत दुनिया के बहुत देशों के लिए रक्षा के क्षेत्र में विश्वसनीय भागीदार बन गया है, जिनमें ऐसे देश हैं जो "रक्षा क्षेत्र के विकास के संदर्भ में भारत से आगे" हैं। नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह प्रदर्शनी भारत के नए दृष्टिकोण को दर्शाती है, जो भारतीय रक्षा उद्योग के पैमाने को दिखाता है।
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एयर शो के दौरान संवाददाताओं से कहा कि एयरो इंडिया 2023 के दौरान लगभग 250 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिनमें भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन और विभिन्न कंपनियों के साथ प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण के सौदे शामिल थे।
© AP Photo / Aijaz RahiСу-30МКИ ВВС Индии взлетает во время открытия Aero India 2023 на авиабазе Елаханка в Бангалоре
Су-30МКИ ВВС Индии взлетает во время открытия Aero India 2023 на авиабазе Елаханка в Бангалоре
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रक्षा अनुबंधों पर हस्ताक्षर करते समय भारत सरकार द्वारा घोषित "मेक इन इंडिया" और "आत्मनिर्भर भारत" कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित करता है, जिनका लक्ष्य विदेशी निर्माताओं के साथ साझेदारी स्थापित करने के बाद भारत में रक्षा उत्पादन का विकास और प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण है।
भारतीय पवेलियन की केंद्रिय चीज हल्का बहुउद्देशीय लड़ाकू जेट तेजस था। वह भारत में बनाया गया एकमात्र लड़ाकू विमान है जिसका देश में बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जाता है।
एयर शो के दौरान यह घोषणा की गई थी कि लगभग 200 भारतीय डिज़ाइन वाले हेलीकॉप्टर जल्द ही देश की थल सेना के लिए सेवा में होंगे। ये 95 हल्के हेलीकॉप्टर प्रचंड और 110 बहुक्रियाशील लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर होंगे।