लद्दाख स्टैन्डॉर्फ
भारत और चीन की सेनाओं के बीच 2020 में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर बड़ी झड़पें हुईं। तभी से, दोनों पड़ोसियों के बीच संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं।

लद्दाख गतिरोध के बाद बातचीत के लिए पहली बार बीजिंग पहुंचे भारतीय अधिकारी

© AP Photo / Mukhtar KhanA nomad fetches water from a hand pump in remote Kharnak village in the cold desert region of Ladakh, India, Saturday, Sept. 17, 2022.
A nomad fetches water from a hand pump in remote Kharnak village in the cold desert region of Ladakh, India, Saturday, Sept. 17, 2022. - Sputnik भारत, 1920, 23.02.2023
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तीन साल बाद भारत और चीन के बीच परामर्श एवं समन्वय प्रणाली (WMCC) की आमने-सामने बैठक हुई जिसमें वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर शांति बहाली और द्विपक्षीय संबंध सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई।
भारत और चीन के अधिकारियों ने बीजिंग में कूटनीतिक वार्ता की और पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर टकराव वाले क्षेत्रों से सैनिकों को पीछे हटाने के प्रस्तावों पर "खुले और रचनात्मक तरीके" से चर्चा की।
इस अहम बैठक में भारतीय पक्ष का नेतृत्व विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) डॉ. शिल्पक आम्बुले ने किया, जबकि चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय के सीमा एवं समुद्री मामलों के महानिदेशक यी शियानलियांग ने किया।

"दोनों देश मौजूदा द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल के तहत शीघ्र ही वरिष्ठ कमांडरों की 18वें दौर की बैठक आयोजित करने पर सहमत हुए। इसके साथ ही दोनों पक्ष सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से चर्चा जारी रखने पर भी सहमत हुए," भारत के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा।

वहीं, बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि दोनों पक्षों ने चीन-भारत सीमा मुद्दे पर शुरुआती चरण में हुई सकारात्मक प्रगति की समीक्षा की और गलवान घाटी और अन्य चार स्थानों से दोनों देशों के सैनिकों को पीछे हटाने को लेकर सहमत हुए।
गौरतलब है कि डब्ल्यूएमसीसी की स्थापना वर्ष 2012 में सीमा मामलों पर भारत और चीन के बीच परामर्श एवं समन्वय के लिए एक मंच प्रदान कराने के उद्देश्य से की गई थी। ऐसे में डब्ल्यूसीसी की 26वीं बैठक महत्वपूर्ण थी, क्योंकि साल 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद दोनों देश के बीच पूर्वी लद्दाख में गतिरोध बना हुआ है। दोनों पक्षों के बीच सैन्य और कूटनीतिक वार्ता की कई दौर के बाद वर्ष 2021 में पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी तटों और गोगरा क्षेत्र से भारत और चीन ने अपने अपने सैनिकों को पीछे हटाया है।
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