राजनीति
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बिहार में राजनैतिक दलों ने 2024 का संसदीय चुनाव अभियान शुरू किया

© Photo : Twitter/ @yadavtejashwiBihar Deputy State Chief Tejashwi Yadav
Bihar Deputy State Chief Tejashwi Yadav - Sputnik भारत, 1920, 25.02.2023
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भारत में संसदीय चुनाव संघीय सरकार को चुनने के लिए आयोजित किए जाते हैं। अब संसद में कुल 543 सीटें हैं जिनमें से किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिए कम से कम 272 सीटों को जीतने की जरूरत है।
भारत में लगभग 14 महीनों के बाद 2024 के संसदीय चुनाव आयोजित किए जाएंगे, इसलिए शनिवार को बिहार में राजनीतिक दलों ने अपने चुनाव अभियानों को शुरू किया।

बिहार में राजनीतिक स्थिति किस तरह बदल गई?

2019 के संसदीय चुनाव के बाद बिहार की राजनीतिक स्थिति काफी हद तक बदल गई। 2019 में राष्ट्रीय जनतान्त्रिक गठबंधन ने राज्य में 40 संसदीय सीटों में से 39 सीटें जीती थीं, जिसमें भाजपा, जनता दल (यूनाइटेड) और लोक जनशक्ति पार्टी थीं।
राष्ट्रीय जनतान्त्रिक गठबंधन में भाजपा और कुछ क्षेत्रीय राजनीतिक दल शामिल हैं। उनका लक्ष्य कांग्रेस-विरोधी गठबंधन को बनाना है।
मगर अगस्त 2022 में जनता दल (यूनाइटेड) के प्रमुख नितीश कुमार ने भाजपा से गठबंधन तोड़ दिया।
यह दूसरी बार है जब उन्होंने भाजपा से रिश्ता तोड़ दिया। पहली बार, उन्होंने 2014 में श्री नरेंद्र मोदी के प्रधान मंत्री के पद पर उम्मीदवार बनने का विरोध करने के लिए भाजपा से रिश्ता तोड़ दिया था।
इसके बाद उन्होंने भाजपा का विरोध करने के लिए राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और कांग्रेस के साथ महागठबंधन की स्थापना की। महागठबंधन ने 2015 में राज्य विधानसभा चुनाव जीत लिया जिसके कारण भाजपा इस राज्य में विपक्षी दल बनी।
लेकिन 2017 में उन्होंने महागठबंधन से रिश्ता तोड़ दिया क्योंकि तत्कालीन बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद इस्तीफा देने से इनकार किया। इसके बाद, वे 2020 में भाजपा से जुड़े।
इसकी वजह से 2024 संसदीय चुनाव से पहले बिहार की राजनीतिक स्थिति फिर से बदल गई क्योंकि अभी नीतीश कुमार भाजपा के विरुद्ध विपक्ष को एकजुट करने के लिए सभी कोशिश कर रहे हैं।

बिहार में चुनाव अभियान

शनिवार को बिहार के राजनीतिक दलों ने 2024 संसदीय चुनाव का चुनावी अभियान शुरू किया। सत्ता में होता हुआ महागठबंधन (ग्रांड अलाइअन्स) और विपक्षी राष्ट्रीय जनतान्त्रिक गठबंधन अपनी रैलियाँ प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में आयोजित करेंगे।
जो महागठबंधन है, बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष नितीश कुमार प्रदेश के पूर्वी भाग में पूर्णिया जिले में एक रैली आयोजित करेंगे जबकि गृह मंत्री और भाजपा के प्रमुख रणनीतिकार अमित शाह वाल्मीकि नगर विधानसभा क्षेत्र में एक रैली को संबोधित करेंगे।
बिहार के अपमुख्यमंत्री तेजश्वी यादव और कांग्रेस और लेफ्ट फ्रन्ट जैसे छोटे गठबंधनों से राजनीतिज्ञ कुमार के साथ होंगे ताकि तथाकथित संयुक्त विपक्ष बनाया जा सके। बिहार के मुख्यमंत्री कुमार ने विपक्षी दलों की एकता का समर्थन किया क्योंकि उनको विश्वास है कि यह 2024 संसदीय चुनाव में भाजपा को हराने में मदद देगा।
मीडिया के मुताबिक, तेजश्वी यादव के पिता और राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव विडिओ कान्फ्रन्स के माध्यम से रैली को संबोधित करेंगे क्योंकि वे हाल ही में गुर्दा प्रत्यारोपण सर्जरी कराके भारत में सिंगापुर से लौटे हैं।
आरजेडी ने, जो महागठबंधन का सबसे बड़ा हिस्सा है, कहा कि अमित शाह के आने से "कोई बड़ा सुधार नहीं होगा"।
रैली से पहले मीडिया से बात करते हुए तेजश्वी यादव ने कहा: “राष्ट्र में भाजपा की एक ही नौकरी है – समाज में घृणा फैलाना और दंगे मचाना। दूसरी तरफ, हम शांति और संतुलन का संदेश सामने लाएंगे। बिहार के लोगों ने भाजपा को सत्ता से बाहर लाने का निश्चय किया।“

बिहार में अमित शाह का चुनावी अभियान

वाल्मीकि नगर विधानसभा क्षेत्र में जनसभा को संबोधित करने के बाद गृह मंत्री श्री अमित शाह किसानों की सभा को संबोधित करने के लिए बहार की राजधानी पटना पहुंचेंगे।
वे तखत श्री हरिमंदिर जी, प्रसिद्ध सिख मंदिर में श्रद्धांजली देनेवाले हैं, जहां गुरु गोविंद सिंह का जन्म हुआ था और उनकी जिंदगी के पहले साल बीत गए।
गौरतलब है कि शाह चार महीनों से ज्यादा समय बाद फिर से बिहार का दौरा कर रहे हैं।
बिहार के शाह के दौरे की बात करते हुए इस प्रदेश में भाजपा के प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा: “भाजपा की नीति के दो स्तंभ हैं: संगठनात्मक ताकत और वैचारिक प्रतिबद्धता और गृह मंत्री अमित शाह का बिहार का दौरा इस तथ्य की एक और पुष्टि है। दूसरी तरफ, महागठबंधन ने मुसलमानों को शांती प्रदान करने से फायदा उठाने के लिए सामूहिक दृष्टि से संवेदनशील सीमांचल जिला चुन लिया।“
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