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लीबिया में दो महीने तक फंसे 12 भारतीयों को बचाया गया, सुरक्षित स्वदेश लौटे
लीबिया में दो महीने तक फंसे 12 भारतीयों को बचाया गया, सुरक्षित स्वदेश लौटे
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राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग, विदेश मंत्रालय और ट्यूनीशिया में भारतीय दूतावास के संयुक्त प्रयास से पिछले दो महीनों से लीबिया में फंसे 12 भारतीय श्रमिकों को बचाया गया है।
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राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग, विदेश मंत्रालय और ट्यूनीशिया में भारतीय दूतावास के संयुक्त प्रयास से पिछले दो महीनों से लीबिया में फंसे 12 भारतीय श्रमिकों को बचाया गया है।इन श्रमिकों को आकर्षक नौकरी, अच्छा वेतन और खुशहाल जीवन देने का वादा कर एजेंट अवैध रूप से पंजाब से लीबिया ले गया था।साथ ही उन्होंने कहा, एनसीएम लगातार अल्पसंख्यकों के लिए काम करती है ताकि उन पर कोई अत्याचार न हो। उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग विदेश मंत्रालय के साथ लगातार चर्चा कर रहा है, ताकि भारत के बाहर रहने वाले अल्पसंख्यकों को कोई भी समस्या न हो। गौरतलब है कि इससे पहले नवंबर 2022 में म्यांमार के म्यावाडी इलाके में अंतरराष्ट्रीय अपराध गिरोह के नौकरी के झांसे में फंसे 38 भारतीयों कामगारों को बचाया गया था।
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राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग, भारतीयों कामगारों को बचाया, भारतीय विदेश मंत्रालय, बरवासी मजदूरों को बचाना, ट्यूनीशिया में भारतीय दूतावास, अल्पसंख्यकों के लिए काम, खुशहाल जीवन और बेहतर नौकरी पाने की इच्छा
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग, भारतीयों कामगारों को बचाया, भारतीय विदेश मंत्रालय, बरवासी मजदूरों को बचाना, ट्यूनीशिया में भारतीय दूतावास, अल्पसंख्यकों के लिए काम, खुशहाल जीवन और बेहतर नौकरी पाने की इच्छा
लीबिया में दो महीने तक फंसे 12 भारतीयों को बचाया गया, सुरक्षित स्वदेश लौटे
खुशहाल जीवन और बेहतर नौकरी पाना हर किसी की इच्छा होती है, और इसे हासिल करने की चाह में लोग कई बार धोखाधड़ी के शिकार हो जाते हैं।
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग, विदेश मंत्रालय और ट्यूनीशिया में भारतीय दूतावास के संयुक्त प्रयास से पिछले दो महीनों से लीबिया में फंसे 12 भारतीय श्रमिकों को बचाया गया है।
इन श्रमिकों को
आकर्षक नौकरी, अच्छा वेतन और खुशहाल जीवन देने का वादा कर एजेंट अवैध रूप से पंजाब से लीबिया ले गया था।
"लीबिया ले जाने के बाद उन्हें बिना किसी वेतन के निजी कंपनियों में नौकरी की पेशकश की गई और बंधुआ मजदूर के रूप में रखा गया। उन्हें बेरहमी से पीटा गया और भरपेट भोजन भी नहीं दिया गया," राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एनसीएम) के अध्यक्ष इकबाल सिंह ने कहा।
साथ ही उन्होंने कहा, एनसीएम लगातार अल्पसंख्यकों के लिए काम करती है ताकि उन पर कोई अत्याचार न हो। उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग विदेश मंत्रालय के साथ लगातार चर्चा कर रहा है, ताकि भारत के बाहर रहने वाले अल्पसंख्यकों को कोई भी समस्या न हो।
गौरतलब है कि इससे पहले नवंबर 2022 में म्यांमार के म्यावाडी इलाके में
अंतरराष्ट्रीय अपराध गिरोह के नौकरी के झांसे में फंसे 38 भारतीयों कामगारों को बचाया गया था।