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नई दिल्ली अफ्रीका में हथियारों का प्रमुख निर्यातक बनना चाहता है: सेना के दिग्गज

© Photo : Indian ArmyAfrica-India Joint Military Exercise AFINDEX 2023 at Pune. The Exercise is focused on Humanitarian Mine Action and Peace Keeping Operations under the UN mandate.
Africa-India Joint Military Exercise AFINDEX 2023 at Pune. The Exercise is focused on Humanitarian Mine Action and Peace Keeping Operations under the UN mandate. - Sputnik भारत, 1920, 23.03.2023
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भारत और 23 अफ्रीकी देशों के सैनिक अब पुणे में सैन्य अभ्यास में लगे हुए हैं, जिसे आधिकारिक तौर पर AFINDEX 2023 कहा जाता है।
भारत अफ्रीकी देशों के प्रमुख हथियार निर्यातकों में से एक बनना चाहता है, सेना के दो दिग्गजों ने Sputnik को बताया।
उनकी टिप्पणियां भारत और 23 अफ्रीकी देशों द्वारा महाराष्ट्र के पुणे में AFINDEX 2023 नामक बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास के समय सामने आई हैं, जिसका लक्ष्य नई दिल्ली और अफ्रीकी राज्यों के बीच सैन्य सहयोग बढ़ाना है।

भारत में बनाए गए हथियारों को प्रदर्शित करने का अवसर

मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) पी. के. सहगल के अनुसार, अभ्यास बहुत महत्वपूर्ण विकास है, क्योंकि भारत न केवल अपने सशस्त्र बलों की सैन्य ताकत दिखा रहा है, बल्कि अफ्रीकी देशों को अपनी क्षमता को बढ़ाने में मदद दे रहा है।
"यह भारत को भारत में बनाए गए हथियार प्रणालियों को प्रदर्शित करने का अच्छा अवसर दे रहा है, जो सस्ते हथियारों की तुलना में कहीं बेहतर निकली हैं, जो कीमत के संदर्भ में प्रतिस्पर्धी हैं, जबकि भारतीय उद्योग सुनिश्चित मैन्ट्नन्स बैकअप भी देता है," पूर्व भारतीय सेना अधिकारी ने कहा।
सहगल ने जोर देकर कहा कि अफ्रीकी देशों के साथ सैन्य अभ्यास करने का भारत का निर्णय क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव का सामना करने के लिए उठाया गया कदम था। हालांकि भारत ने देर से अपनी गतिविधि शुरू की थीं, अब यह वह सुनिश्चित करने के लिए सब कुछ कर रहा है कि यह गतिविधि हथियार आपूर्तिकर्ता के रूप में भारत पर विचार को बदल सके।
उन्होंने कहा, "भारत इन देशों के प्रमुख हथियार निर्यातकों में से एक के रूप में उभरना चाहता है। हम अब कहते हैं कि अगले पांच वर्षों के दौरान या 2025 तक हम लगभग 5 अरब डॉलर का निर्यात करनेवाला प्रमुख निर्यातक बनना चाहते हैं।"

मेजर जनरल सहगल ने बताया कि भारत ब्रह्मोस मिसाइलों, रडारों, हेलीकॉप्टरों और LCA तेजस आदि सहित प्रमुख हथियारों का निर्यात करना ही नहीं, यह गोला-बारूद और ग्रेनेड के मामले में प्रमुख हथियार आपूर्तिकर्ता बनना भी चाहता है।

सहगल ने कहा कि भारत लगभग 80 से 100 देशों में हथियारों की आपूर्ति करता है।

ग्लोबल साउथ को लेकर सैन्य कूटनीति

भारतीय सेना के एक अन्य पूर्व कमांडर, मेजर जनरल (डॉ.) अशोक कुमार ने कहा कि पुणे में चल रहे अभ्यास का महत्व भारत-अफ्रीका की रक्षा साझेदारी के संबंध में और विशेष रूप से वैश्विक दक्षिण के संदर्भ में बहुत बड़ा है।
डॉ. कुमार ने Sputnik से बातचीत में कहा, "भारत ने सैन्य कूटनीति पर ध्यान केंद्रित किया है। सैन्य कूटनीति में साझेदार देशों के साथ संयुक्त अभ्यास का आयोजन और अपने रक्षा उपकरणों का निर्यात दो प्रमुख स्तंभ हैं।"
सहगल की तरह, कुमार ने कहा कि स्वदेशीकरण के अलावा, भारत ने रक्षा निर्यात पर भी ध्यान केंद्रित किया है।
"भारत भी अफ्रीकी देशों को विशेष महत्व देता है और विकास का प्रतिबद्ध भागीदार बनना चाहता है [...] और इसके लिए, भारत ने नवीनतम रक्षा प्रदर्शनी में अफ्रीकी देशों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए काम किया था, जो हाल ही में गुजरात में आयोजित की गयी थी,” कुमार ने बताया।
उन्होंने कहा कि मौजूदा अभ्यास के दौरान अफ्रीकी देश भारत के सैन्य कौशल और क्षमता को देख सकेंगे। इससे भविष्य में रक्षा साझेदारी के लिए भारत और इन देशों के बीच गहरा विश्वास सामने आएगा।
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