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याकुट घुड़सवार ने माइनस 60 डिग्री सेल्सियस में मगदान की दुर्गम यात्रा पूर्ण किया
याकुट घुड़सवार ने माइनस 60 डिग्री सेल्सियस में मगदान की दुर्गम यात्रा पूर्ण किया
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इस यात्रा का उद्देश्य दुनिया के सामने यह साबित करना था कि याकुतियन घोड़े की नस्ल अद्वितीय है।
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इस यात्रा का उद्देश्य दुनिया को यह साबित करना था कि याकुतियन घोड़े की नस्ल अद्वितीय है।ये घोड़े शीत ध्रुव पर सर्दियों में माइनस 60 डिग्री सेल्सियस में रहते हैं, वे स्वतंत्र रूप से चरते हैं और बर्फ के नीचे भोजन की तलाश करते हैं।वहीं गर्मियों में, जब याकुटिया में तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से अधिक होता है, तो यह जानवर भीषण गर्मी का भी आसानी से झेलते हैं।साथ ही उन्होंने कहा कि उनके दोस्त और सहयात्री एक ट्रक में सड़क पर उनके साथ थे। उन्होंने खाना बनाया और रात के लिए टेंट भी लगा लिया। स्थानीय किसानों ने घोड़ों के चारे के लिए घास देकर मदद की।गौरतलब है कि डुगाइडन विनोकुरोव याकुट घोड़े की नस्ल को बढ़ावा देने के लिए प्रसिद्ध हैं। साल 2021-2022 में उन्होंने शीत के एक और ध्रुव, याकुतिया में युचुगेई बस्ती से याकुट घोड़े की पीठ पर सवार होकर मास्को तक की भी यात्रा कर ली थी। विनोकुरोव ने दो घोड़ों पर ओयमयाकोन-सीमचन मार्ग की यात्रा भी की हैं।
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घुड़सवार की दुर्गम यात्रा, भोजन की तलाश, घोड़े की नस्ल, घोड़े पर सवार, मास्को की यात्रा
घुड़सवार की दुर्गम यात्रा, भोजन की तलाश, घोड़े की नस्ल, घोड़े पर सवार, मास्को की यात्रा
याकुट घुड़सवार ने माइनस 60 डिग्री सेल्सियस में मगदान की दुर्गम यात्रा पूर्ण किया
19:48 30.03.2023 (अपडेटेड: 23:26 07.05.2023) याकुट सवार डुगाइडन विनोकुरोव गुरुवार को पोल ऑफ कोल्ड कहे जाने वाले ओयमयाकोन गांव से मगदान में सीमचान की बस्ती तक लगभग 800 किलोमीटर तय किया है।
इस यात्रा का उद्देश्य दुनिया को यह साबित करना था कि याकुतियन घोड़े की नस्ल अद्वितीय है।
ये घोड़े शीत ध्रुव पर सर्दियों में माइनस 60 डिग्री सेल्सियस में रहते हैं, वे स्वतंत्र रूप से चरते हैं और बर्फ के नीचे भोजन की तलाश करते हैं।
वहीं गर्मियों में, जब याकुटिया में तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से अधिक होता है, तो यह जानवर भीषण गर्मी का भी आसानी से झेलते हैं।
"हमने एक महीने से अधिक समय एक दुर्गम सड़क पर बिताया है। जब हमने ओयमयाकोन छोड़ा, तो तापमान माइनस 58°सेल्सियस था। हाँ, ठंडक जरूर महसूस हुई। लेकिन मेरे पास बहुत गर्म कपड़े थे। और अब मैं लोमड़ी के फ़र के कपड़े पहना हुआ हूँ, आप उन्हें वसंत के कपड़े कह सकते हैं। लेकिन यह अत्यधिक ठंड का सामना कर सकता है। सबसे कठिन हिस्सा कोलिमा नदी को पार करना था, घोड़ों को कारों के गुजरने से डर लगता था। लेकिन हमने इसे पूर्ण कर लिया," डुगाइडन विनोकुरोव ने Sputnik को बताया।
साथ ही उन्होंने कहा कि उनके दोस्त और सहयात्री एक ट्रक में सड़क पर उनके साथ थे। उन्होंने खाना बनाया और रात के लिए टेंट भी लगा लिया। स्थानीय किसानों ने घोड़ों के चारे के लिए घास देकर मदद की।
गौरतलब है कि डुगाइडन विनोकुरोव याकुट घोड़े की नस्ल को बढ़ावा देने के लिए प्रसिद्ध हैं। साल 2021-2022 में उन्होंने शीत के एक और ध्रुव, याकुतिया में युचुगेई बस्ती से याकुट घोड़े की पीठ पर सवार होकर मास्को तक की भी यात्रा कर ली थी। विनोकुरोव ने दो घोड़ों पर ओयमयाकोन-सीमचन मार्ग की यात्रा भी की हैं।