इंदौर मंदिर हादसा: अतिक्रमण हटाने का अभियान शुरू, मूर्तियां स्थानांतरित
© AP PhotoPeople stand around a structure built over an old temple well that collapsed Thursday
© AP Photo
सब्सक्राइब करें
मंदिर हादसे से सबक लेते हुए स्थानीय प्रशासन ने ऐसे स्थानों को चिन्हित किया है जहां बावड़ी या कुएं हैं और लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है। सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि ऐसे अवैध निर्माण को गिराया जाए।
इंदौर में एक मंदिर में बावड़ी की छत गिरने के चार दिन बाद, स्थानीय प्रशासन ने सोमवार सुबह धार्मिक परिसर से अतिक्रमण हटाने के लिए एक अभियान शुरू किया और देवताओं की मूर्तियों को दूसरे मंदिर में स्थापित कर दी गई हैं।
"भारी पुलिस सुरक्षा की मौजूदगी में यहां पटेल नगर इलाके में बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर परिसर में अभियान शुरू किया गया था और मंदिर की ओर जाने वाली सड़कों पर बैरिकेड्स लगाए गए थे," अधिकारियों ने बताया।
साथ ही उन्होंने कहा कि मंदिर परिसर के आस-पास करीब 10 हजार वर्ग फुट जमीन से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा रही है।
#इंदौर बावड़ी हादसे 36 लोगो की मौत,18 लोगो के घायल होने के बाद एक्शन,पटेल नगर में बावड़ी के अवैध निर्माण को तोड़ा गया,नगर निगम और भारी पुलिस बल मौके पर मौजूद#IndoreAccident #IndoreTempleCollapse pic.twitter.com/s9DhP0a6EC
— Vikas Singh Chauhan (@vikassingh218) April 3, 2023
इंदौर ब्रेकिंग :
— BHARAT GHANDAT (@BHARATGHANDAT2) April 3, 2023
निगम की टीम ने पटेल नगर बावड़ी से बेलेश्वर झूलेलाल महादेव मन्दिर का अवैध निर्माण तोड़ा ।
बीते गुरुवार को रामनवमी के दिन हवन के दौरान यहां बावड़ी का फ्लोर धंसने से 36 लोगों की मौत हो गई थी। pic.twitter.com/OZvuXnLK9x
इस बीच, मौके पर मौजूद मंदिर के पुजारी ने कहा कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई से पहले मंदिर की मूर्तियों की विधि-विधान से पूजा की गई और मूर्तियों को कांटाफोड़ मंदिर ले जाकर स्थापित किया गया।
"पिछले गुरुवार को हुई त्रासदी के बाद बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सेवाराम गलानी और सचिव मुरली कुमार सबनानी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी," इंदौर थाना के प्रभारी नीरज मेड़ा ने बताया।
साथ ही उन्होंने कहा कि ट्रस्ट के दोनों पदाधिकारियों के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने बावड़ी पर छत डालकर बेहद असुरक्षित निर्माण कराया था। गौरतलब है 30 मार्च को रामनवमी के अवसर पर हवन के दौरान बावड़ी पर बने मंदिर के फर्श धंसने से 36 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी।