https://hindi.sputniknews.in/20230413/suurat-ke-chaatron-ne-banaayaa-rikshaa-khiinchne-vaalaa-robot-1530430.html
सूरत के छात्रों ने बनाया रिक्शा खींचने वाला रोबोट
सूरत के छात्रों ने बनाया रिक्शा खींचने वाला रोबोट
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भारत के सूरत के चार छात्रों के एक समूह ने एक मानव जैसा रोबोट तैयार किया है
2023-04-13T16:50+0530
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भारत के सूरत के चार छात्रों के एक समूह ने एक मानव जैसा रोबोट तैयार किया है जो रिक्शा खींच सकता है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, छात्रों ने रोबोट बनाने में 25 दिन लगे और उन्होंने करीब 30,000 रुपये खर्च किए हैं।दरअसल यह रोबोट एक बैटरी द्वारा संचालित होता है जिसे रिचार्ज किया जा सकता है। जिन छात्रों ने इस रोबोट को विकसित किया है, वे इसमें और अधिक कार्यक्षमता जोड़ने का इरादा रखते हैं ताकि इसका उपयोग व्यापक रूप से किया जा सके।गौरतलब है कि फरवरी में, कर्नाटक में 'शिक्षा' नाम का एक ह्यूमनॉइड रोबोट विकसित किया गया था, जो कक्षा चार तक के बच्चों को पढ़ा सकता है। हालांकि, मॉडल को आधिकारिक तौर पर कहीं भी तैनात नहीं किया गया है।
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रिक्शा खींचने वाला रोबोट, सूरत के छात्र, रोबोट का सफल परीक्षण, रोबोट का उपयोग
रिक्शा खींचने वाला रोबोट, सूरत के छात्र, रोबोट का सफल परीक्षण, रोबोट का उपयोग
सूरत के छात्रों ने बनाया रिक्शा खींचने वाला रोबोट
इंसानों के बारे में गहराई से अध्ययन करके पैरों की हर गतिविधि को ध्यान में रखकर इस रोबोट को बनाया गया है, खास उनके चलने के तरीके पर ध्यान दिया गया है।
भारत के सूरत के चार छात्रों के एक समूह ने एक मानव जैसा रोबोट तैयार किया है जो रिक्शा खींच सकता है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, छात्रों ने रोबोट बनाने में 25 दिन लगे और उन्होंने करीब 30,000 रुपये खर्च किए हैं।
दरअसल यह रोबोट एक बैटरी द्वारा संचालित होता है जिसे रिचार्ज किया जा सकता है। जिन छात्रों ने इस रोबोट को विकसित किया है, वे इसमें और अधिक कार्यक्षमता जोड़ने का इरादा रखते हैं ताकि इसका उपयोग व्यापक रूप से किया जा सके।
"सड़क पर रोबोट के चलने का सफल परीक्षण किया जा चुका है। यह हमारा प्रोटोटाइप है जिसे हमने सड़क पर परीक्षण किया है। और यह अभी तक पूरा नहीं हुआ है, अभी भी इसके हाथ, पैर, सिर और चेहरे पर काम करना बाकी है। हमने इसे वैसे ही बनाने की कोशिश की है जैसे एक सामान्य इंसान चलता है," छात्रों में से एक, मौर्य शिवम ने स्थानीय मीडिया को बताया।
गौरतलब है कि फरवरी में, कर्नाटक में 'शिक्षा' नाम का एक
ह्यूमनॉइड रोबोट विकसित किया गया था, जो कक्षा चार तक के बच्चों को पढ़ा सकता है। हालांकि, मॉडल को आधिकारिक तौर पर कहीं भी तैनात नहीं किया गया है।