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SCO देश एक दूसरे के सहयोग से विकास कर सकते हैं: रक्षा विशेषज्ञ

© Sputnik / SERGEI GUNEYEV(L-R) Mongolian President Ukhnaa Khurelsukh, Turkmen President Serdar Berdymukhamedov, Turkish President Recep Tayyip Erdogan, Kazakh President Kassym-Jomart Tokayev, Indian Prime Minister Narendra Modi, Chinese President Xi Jinping, Uzbek President Shavkat Mirziyoyev, Russian President Vladimir Putin, Tajik President Emomali Rahmon, Pakistani Prime Minister Shahbaz Sharif, Iranian President Ebrahim Raisi, Belarusian President Alexander Lukashenko and Azerbaijani President Ilham Aliyev pose for a family photo before the meeting in an expanded format at the Shanghai Cooperation Organisation (SCO) leaders' summit in Samarkand on September 16, 2022.
(L-R) Mongolian President Ukhnaa Khurelsukh, Turkmen President Serdar Berdymukhamedov, Turkish President Recep Tayyip Erdogan, Kazakh President Kassym-Jomart Tokayev, Indian Prime Minister Narendra Modi, Chinese President Xi Jinping, Uzbek President Shavkat Mirziyoyev, Russian President Vladimir Putin, Tajik President Emomali Rahmon, Pakistani Prime Minister Shahbaz Sharif, Iranian President Ebrahim Raisi, Belarusian President Alexander Lukashenko and Azerbaijani President Ilham Aliyev pose for a family photo before the meeting in an expanded format at the Shanghai Cooperation Organisation (SCO) leaders' summit in Samarkand on September 16, 2022. - Sputnik भारत, 1920, 27.04.2023
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28 अप्रैल को होनेवाली SCO देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक में चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के रक्षा मंत्री भाग लेंगे। भारत ने बेलारूस और ईरान को SCO के रक्षा मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है, जो वर्तमान में SCO में पर्यवेक्षक हैं।
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 28 अप्रैल को नई दिल्ली में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
चीन के रक्षा मंत्री जनरल ली शांगफू SCO के रक्षा मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए भारत आने वाले हैं। गलवान घाटी की झड़प के बाद किसी चीनी रक्षा मंत्री की यह पहली यात्रा है जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे।

सूत्रों के हवाले से भारतीय मीडिया ने यह बताया है कि चीन के रक्षा मंत्री जनरल ली शांगफू अपने भारतीय समकक्ष राजनाथ सिंह के साथ बैठक के लिए गुरुवार को दिल्ली आने वाले हैं। भारतीय मीडिया ने भारत के रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से बताया कि दोनों नेता दिल्ली के आईटीसी मौर्या होटल में शाम 6 बजे दोनों देशों से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
Sputnik ने भारत में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों की बैठक से पहले एक्सक्लूसिवली रक्षा विशेषज्ञ कमर आग़ा से बाता की।

उन्होंने बताया कि यह संगठन भारत और इसमें शामिल देशों के लिए कितना महत्वपूर्ण है और कैसे इसमें शामिल देश एक दूसरे के सहयोग से विकास की राह पर आगे बढ़ सकते हैं। SCO देशों में कुछ मसले हैं लेकिन उन्हें बातचीत के माध्यम से हल किया जा सकता है। विशेषज्ञ ने यह भी बताया कि विकास एक मुख्य मुद्दा है और अगर बढ़े देश विकास का काम कर रहे हैं तो उन्हें बिना किसी स्वार्थ के यह करना चाहिए। इसके अलवा आतंकवाद एक बहुत बड़ा मसला है, जिसके खिलाफ पूरे क्षेत्र के अंदर एक लड़ाई लड़कर उसे समाप्त करने की कोशिश करनी चाहिए और इन सबके साथ डेवलपमेंट के अजेंडे को आगे बढ़ाना होगा।
(L-R) Newly-elected Chinese state councilor Qin Gang, state councilor and secretary-general of the State Council Wu Zhenglong, state councilor Li Shangfu swear an oath after they were elected during the fifth plenary session of the National People's Congress (NPC) at the Great Hall of the People in Beijing on March 12, 2023. - Sputnik भारत, 1920, 31.03.2023
विश्व
SCO बैठक के लिए चीन के नए रक्षा मंत्री के भारत आने की संभावना

"भारत देश हमेशा से जोर देता रहा है कि बातचीत ही मसलों का हल है। भारत का तो यहां तक कहना है कि युद्ध का काल समाप्त हो चुका है और अब जो भी मुल्क युद्ध में जाएगा उसका नुकसान ही होगा। लेकिन यह है कि बहुत से देशों पर युद्ध थोपा जा रहा है हमने देखा की रूस के साथ यह हुआ है। SCO के सभी देशों को आपस में सहयोग करना चाहिए। प्रतिबंधों के खिलाफ काम करना बहुत जरूरी है जैसे एकतरफा प्रतिबंध ईरान, रूस सहित अन्य देशों के खिलाफ लगा दिए गए है, इसका बहिष्कार किया जाना चाहिए। लोकल करेंसी में भी ट्रेड लगातार बढ़ रहा है और यह भी विकास के लिए बहुत जरूरी है। विकास से बड़े देशों पर निर्भरता कम होती है और SCO के सभी देशों को टेक्नॉलजी ट्रांसफर करना चाहिए, और अगर आप विकास का एजेंडा कर रहे हैं वह उस देश के हिसाब से होना चाहिए," रक्षा विशेषज्ञ कमर आग़ा ने Sputnik से कहा।

जब कमर से पूछा गया कि SCO देशों के सामने क्या प्रमुख सुरक्षा खतरे हैं और वे इन चुनौतियों का एक साथ समाधान करने के लिए कैसे काम कर रहे हैं तो उन्होंने बताया कि सभी के लिए सुरक्षा, स्थिरता और विकास यह तीन प्रमुख चुनौतियां हैं। इन चुनौतियों का सामना करने के लिए देशों को आपस में अलग अलग तरीके से कनेक्टिविटी बढ़ाने के साथ साथ गैस पाइपलाइन को भी एक देश से दूसरे देश के बीच शुरू करनी चाहिए। बात करके ही मसले हल किये जा सकते हैं और युद्ध किसी भी मसले का हल नहीं है।

"चुनौतियां तभी दूर होंगी तब इन सभी देशों के बीच रेल रोड और गैस पाइप्लाइन की कनेक्टिविटी बढ़ेगी। भारत हमेशा से जोर देता रहा है कि सब मिलकर ही विकास कर सकते हैं। हालांकि हमारी कानेक्टिविटी ईरान से पाकिस्तान ने रोक रखी है। अगर रेल रोड के माध्यम से एक दूसरे से कनेक्ट हो जाते हैं तो ट्रांसपोर्टेशन चार्ज कम होने से सामान जल्दी पहुंचेगा। गैस पाइपलाइन का नेटवर्क बढ़ने से सस्ती ऊर्जा प्राप्त हो सकेगी। युद्ध किसी मसले का हल नहीं है, जंग से मसले हल नहीं होने वाले हैं और बड़ी ताकतों की कोशिश होती है।"

"वह [बड़ी ताकत] ऐसी स्थिति बनाती है कि उनके पास और कोई विकल्प न बचे जैसा कि मैंने यूक्रेन में देखा कि किस तरीके से रूस को घेरा गया। उसको फोर्स किया गया कि वह इंटरवेंशन करें और उसके बाद फिर जंग को खत्म नहीं होने देते। दूसरी बात यह भी है कि अमेरिका की शक्ति काफी कम हो चुकी है। ऐसा होता है तो बड़ी ताकतें हमेशा जंग का सहारा लेती हैं। वह सीधे तौर पर नहीं लड़ सकते तो वह प्रॉक्सी वार का सहारा लेते हैं जैसा हम यूक्रेन में देख रहे हैं," कमर आग़ा ने Sputnik को बताया।

विशेषज्ञ से आगे पाकिस्तान के वर्चुअली इस बैठक में भाग लेने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि भारत के साथ अन्य देशों के लिए पाकिस्तान एक समस्या बना हुआ है। पाकिस्तान की नीति की वजह से अफगानिस्तान में अराजकती फैल गई और पाकिस्तान से लगातार आतंकवादी गतिविधियां चलती रहती हैं, उसके फलस्वरूप कुछ समय पहले भारतीय सैनिकों की हत्या हुई।

"पाकिस्तान की नीतियों में कोई परिवर्तन नहीं आ रहा है और पाकिस्तान की सेना नहीं चाहती की भारत के साथ अच्छे संबंध बनें, लेकिन पाकिस्तान के आर्थिक हालात अच्छे नहीं हैं और कब तक वह कर्ज लेकर चल सकेगा। विकास उनका एजेंडा नहीं है, यह समस्या भारत के लिए नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए है और SCO में इस मसले पर बात करनी चाहिए। पाकिस्तान जिस तरीके से भारत, अफ़ग़ानिस्तान और सेंट्रल एशिया के दूसरे देशों में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है उसको रोकने के लिए SCO को चर्चा करनी चाहिए। उस पर दबाव पड़ना चाहिए और ठोस निर्णय लिए जाए तभी मुल्क में तरक्की होगी," कमर ने कहा।

कमर आग़ा ने भारत में SCO देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक आयोजित करने से भारत की छवि पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शंघाई कॉरपोरेशन आर्गेनाइजेशन (SCO) एक बहुत महत्वपूर्ण संगठन है, भारत की यह एक अच्छी उपलब्धि है। इसमें एक तरफ सभी विदेश मंत्री, विदेशी मंत्रालय के अधिकारी भारत आएंगे, जल्दी ही रक्षा मंत्रियों की एक मीटिंग होगी, जिसके अंदर सुरक्षा और अमन, शांति की बात होगी और आशा है कि सभी देशों का आने वाले समय में सहयोग बढ़ेगा।

"भारत को काफी अनुभव है इस तरह की मीटिंग ऑर्गेनाइज करने का और इस तरह की मीटिंग में पार्टिसिपेट करने का, वहीं दूसरी तरफ भारत की एक नीति है कि सभी देशों के साथ अच्छे संबंध बनाना और दूसरी नीति है कि इन देशों में विकास को निस्वार्थ तरीके से प्रमोट करे। जिससे वहां की जनता की तरक्की हो और देशों के बीच आपस में व्यापार बढ़े और शांति बनी रहे। इसको देखते हुए यह एक महत्वपूर्ण संगठन हो जाता है। इसमें एक खास बात भी है कि देशों के बीच आपस में द्विपक्षीय वार्ता भी साइड्लाइन में हो जाती है," रक्षा विशेषज्ञ ने कहा।

भारतीय सेना और पीपल लिबरेशन आर्मी (PLA) के जवानों के बीच 2020 में गलवान घाटी में हुए खूनी संघर्ष के बाद चीन के रक्षा मंत्री रक्षा मंत्री जनरल ली शांगफू भारत आ रहे है। इस पर कमर आग़ा ने कहा कि दोनों देशों को बातचीत के जरिए मसलों को हल करना चाहिए। अब जनरल ली शांगफू के आने से मुद्दों के हल होने की कुछ उम्मीद नजर आती है।

"हम सब जानते हैं जिस तरीके से भारतीय जवान गलवान में शहीद हुए थे जब चीन ने एक हिस्से पर कब्जा करने को कोशिश की थी हालांकि अभी भी हमारा कुछ हिस्सा चीन के कब्जे में है, जिस पर बातचीत चल रही है और बातचीत के माध्यम से भारत चाहता है कि मसलों को हल किया जाए। दूसरी तरफ भारत की नीति यह भी है कि हमारी सेना पूरी तरीके से सक्षम है, अगर बातचीत से मसला न हल हो तो उनको पीछे भी धकेल सकती है। भारत की पहली कोशिश बातचीत की होती है। अब चीन के रक्षा मंत्री आएंगे तो आपस में बातचीत से कुछ मसलों के सुलझने की आशा नजर आती है," रक्षा विशेषज्ञ कमर आग़ा ने Sputnik को दिए साक्षात्कार में कहा।

 - Sputnik भारत, 1920, 25.04.2023
लद्दाख स्टैन्डॉर्फ
भारत-चीन लद्दाख गतिरोध के समाधान में तेजी लाने पर सहमत: चीनी रक्षा मंत्रालय
रक्षा विशेषज्ञ कमर ने SCO देशों के बीच सहयोग बढ़ाने और तकनीक का हस्तांतरण एक दूसरे के बीच करने पर जोर दिया जिससे देश विकास की और आगे बढ़ सकें। आगे उन्होंने कहा कि पाकिस्तान हो या - चीन सभी के साथ बातचीत से मसलों को हल किया जाना चाहिए क्योंकि युद्ध किसी भी चीज का हल नहीं होता है।
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