https://hindi.sputniknews.in/20230428/madhy-pradesh-men-donon-chiiton-kii-maut-sanrakshan-pariiyojnaa-kii-apekshit-mrityu-dar-ke-bhiitar-dakshin-afriikaa-1732288.html
मध्य प्रदेश में दोनों चीतों की मौत संरक्षण परियोजना की अपेक्षित मृत्यु दर के भीतर: दक्षिण अफ्रीका
मध्य प्रदेश में दोनों चीतों की मौत संरक्षण परियोजना की अपेक्षित मृत्यु दर के भीतर: दक्षिण अफ्रीका
Sputnik भारत
दक्षिण अफ्रीका के वानिकी, मत्स्य और पर्यावरण विभाग ने गुरुवार को अफ्रीका से भारत में लाए गए 20 में से दो चीतों की मौत पर कहा कि यह संरक्षण परियोजना की अपेक्षित मृत्यु दर के भीतर है।
2023-04-28T19:42+0530
2023-04-28T19:42+0530
2023-04-28T19:42+0530
राजनीति
भारत
अफ्रीकी चीता
कूनो राष्ट्रीय उद्यान
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e7/02/12/925302_0:0:1921:1080_1920x0_80_0_0_35aa14bc5f43a1d8f12d26a6720dded0.jpg
दक्षिण अफ्रीका के वानिकी, मत्स्य और पर्यावरण विभाग ने गुरुवार को अफ्रीका से भारत में लाए गए 20 में से दो चीतों की मौत पर कहा कि यह संरक्षण परियोजना की अपेक्षित मृत्यु दर के भीतर है। दक्षिण अफ्रीकी विभाग ने एक बयान में कहा हालांकि एक शव परीक्षण की रिपोर्ट का इंतजार है फिर भी अभी कोई संकेत नहीं है कि उदय की मृत्यु एक संक्रामक बीमारी के कारण हुई थी। आगे ब्यान में कहा गया कि यह अन्य चीतों में से किसी के लिए समान खतरा नहीं है। विभाग ने कहा कि उसे अपेक्षा है कि रिहा होने के बाद पहले साल के भीतर कुछ शुरुआती आबादी की मृत्यु हो जाएगी। भारतीय मीडिया के मुताबिक फोरेंसिक वैज्ञानिक सहित पांच सदस्यीय टीम द्वारा किए गए प्रारंभिक शव परीक्षण में कहा गया है कि उदय की मृत्यु कार्डियोपल्मोनरी विफलता के कारण हुई। छह वर्षीय चीता को बोटुलिज़्म का गंभीर मामला हुआ, जो उसकी मृत्यु का संभावित कारण है। बोटुलिज़्म एक दुर्लभ स्थिति है जो एक विष शरीर के तंत्रिका तंत्र पर प्रभाव डालने से होती है और अंततः मौत का कारण बनती है।
भारत
कूनो राष्ट्रीय उद्यान
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
2023
धीरेंद्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/135790_0:0:719:720_100x100_80_0_0_8e4e253a545aa4453ae659b236312d73.jpg
धीरेंद्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/135790_0:0:719:720_100x100_80_0_0_8e4e253a545aa4453ae659b236312d73.jpg
खबरें
hi_IN
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e7/02/12/925302_36:0:1743:1280_1920x0_80_0_0_f16e8be4f1d4ce226463c1d56e67665b.jpgSputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
धीरेंद्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/135790_0:0:719:720_100x100_80_0_0_8e4e253a545aa4453ae659b236312d73.jpg
दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण अफ्रीका का पर्यावरण विभाग, दक्षिण अफ्रीका के वानिकी, मत्स्य और पर्यावरण विभाग, अफ्रीका से लाए गए 20 में से 2 की मौत, कूनो राष्ट्रीय उधान
दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण अफ्रीका का पर्यावरण विभाग, दक्षिण अफ्रीका के वानिकी, मत्स्य और पर्यावरण विभाग, अफ्रीका से लाए गए 20 में से 2 की मौत, कूनो राष्ट्रीय उधान
मध्य प्रदेश में दोनों चीतों की मौत संरक्षण परियोजना की अपेक्षित मृत्यु दर के भीतर: दक्षिण अफ्रीका
दक्षिण अफ्रीका का कहना है कि चीतों की मौत परियोजना के लिए अपेक्षित मृत्यु दर के अंतर्गत आती है। मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 20 चीतों में से एक साशा नामक की किडनी में संक्रमण के कारण 27 मार्च को और फिर 23 अप्रैल को उदय नाम के दूसरे चीते की मौत हो गई।
दक्षिण अफ्रीका के वानिकी, मत्स्य और पर्यावरण विभाग ने गुरुवार को अफ्रीका से भारत में लाए गए 20 में से दो चीतों की मौत पर कहा कि यह संरक्षण परियोजना की अपेक्षित मृत्यु दर के भीतर है।
दक्षिण अफ्रीकी विभाग ने एक बयान में कहा हालांकि एक शव परीक्षण की रिपोर्ट का इंतजार है फिर भी अभी कोई संकेत नहीं है कि उदय की मृत्यु एक संक्रामक बीमारी के कारण हुई थी। आगे ब्यान में कहा गया कि यह अन्य चीतों में से किसी के लिए समान खतरा नहीं है।
"सभी दक्षिण अफ्रीकी चीते बड़े बाड़ों में हैं और उन पर दिन में दो बार कड़ी नजर रखी जाती है। जैसा कि वे जंगली चीते हैं, उनके व्यवहार, चाल और शरीर की स्थिति का दूर से मूल्यांकन किया जाना चाहिए," बयान में कहा गया है।
विभाग ने कहा कि उसे अपेक्षा है कि रिहा होने के बाद पहले साल के भीतर कुछ शुरुआती आबादी की मृत्यु हो जाएगी।
"बड़े मांसाहारी पुनरुत्पादन बेहद जटिल और स्वाभाविक रूप से जोखिम भरा संचालन है। यह परियोजना का एक महत्वपूर्ण चरण है, जिसमें चीतों को बड़े वातावरण में छोड़ा जा रहा है, जहां उनकी दिन-प्रतिदिन की जिंदगी पर नियंत्रण कम होता जा रहा है। चोट और मृत्यु दर के जोखिम बढ़ रहे होंगे और इन जोखिमों को पुन: प्रजनन योजना में शामिल किया गया है," बयान में आगे कहा गया।
भारतीय मीडिया के मुताबिक फोरेंसिक वैज्ञानिक सहित पांच सदस्यीय टीम द्वारा किए गए प्रारंभिक शव परीक्षण में कहा गया है कि उदय की मृत्यु कार्डियोपल्मोनरी विफलता के कारण हुई।
छह वर्षीय चीता को बोटुलिज़्म का गंभीर मामला हुआ, जो उसकी मृत्यु का संभावित कारण है। बोटुलिज़्म एक दुर्लभ स्थिति है जो एक विष शरीर के तंत्रिका तंत्र पर प्रभाव डालने से होती है और अंततः मौत का कारण बनती है।