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गुजरात डॉक्यूमेंट्री को लेकर मानहानि मामले में अदालत ने बीबीसी को भेजा समन
गुजरात डॉक्यूमेंट्री को लेकर मानहानि मामले में अदालत ने बीबीसी को भेजा समन
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दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुजरात दंगों पर बनी विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री को लेकर मानहानि मामले में ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (BBC) को समन जारी किया है।
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दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुजरात दंगों पर बनी विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री को लेकर मानहानि मामले में ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (BBC) को समन जारी किया है।दरअसल गुजरात के एक गैर सरकारी संगठन (NGO) 'जस्टिस ऑन ट्रायल' की ओर से दिल्ली हाईकोर्ट में विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री को लेकर मानहानि याचिका दायर की गई थी इस पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने अब बीबीसी को समन जारी किया है।एनजीओ की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने तर्क दिया कि दो भाग में बनी डाक्यूमेंट्री ने न्यायपालिका सहित देश को बदनाम किया है।बता दें कि इससे पहले, 3 मई को दिल्ली की एक ट्रायल कोर्ट ने बीबीसी, विकिमीडिया और इंटरनेट आर्काइव को एक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता द्वारा दायर एक आपराधिक शिकायत पर समन जारी किया था।विचारणीय है कि ब्रिटिश ब्रॉडकास्टर ने इस साल 17 जनवरी को विवादस्पद डॉक्यूमेंट्री, इंडिया: द मोदी क्वेश्चन का पहला भाग जारी किया था। जिसके बाद भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए इसे पूर्वाग्रह से प्रेरित प्रोपेगैंडा बताया था। देश में इस विवादस्पद डाक्यूमेंट्री को बैन किया जा चुका है।
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बीबीसी को ने भेजा सम्मन, मानहानि मामले में समन जारी, बीबीसी की डाक्यूमेंट्री पर विवाद, विवादस्पद डॉक्यूमेंट्री इंडिया द मोदी क्वेश्चन
बीबीसी को ने भेजा सम्मन, मानहानि मामले में समन जारी, बीबीसी की डाक्यूमेंट्री पर विवाद, विवादस्पद डॉक्यूमेंट्री इंडिया द मोदी क्वेश्चन
गुजरात डॉक्यूमेंट्री को लेकर मानहानि मामले में अदालत ने बीबीसी को भेजा समन
शिकायतकर्ता गुजरात स्थित एक गैर सरकारी संगठन (NGO) है जिसने आरोप लगाया था कि बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री से भारत की प्रतिष्ठा पर धब्बा लगा है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुजरात दंगों पर बनी विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री को लेकर मानहानि मामले में ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (BBC) को समन जारी किया है।
दरअसल गुजरात के एक गैर सरकारी संगठन (NGO) 'जस्टिस ऑन ट्रायल' की ओर से दिल्ली हाईकोर्ट में विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री को लेकर मानहानि याचिका दायर की गई थी इस पर संज्ञान लेते हुए
अदालत ने अब बीबीसी को समन जारी किया है।
"यह दलील दी गई है कि डॉक्यूमेंट्री ने भारत, यहां की न्यायपालिका और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिष्ठा पर दाग लगाने की कोशिश की है। प्रतिवादियों को नोटिस जारी करें ...," अदालत ने कहा।
एनजीओ की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने तर्क दिया कि दो भाग में बनी डाक्यूमेंट्री ने न्यायपालिका सहित देश को बदनाम किया है।
बता दें कि इससे पहले, 3 मई को दिल्ली की एक ट्रायल कोर्ट ने बीबीसी, विकिमीडिया और इंटरनेट आर्काइव को एक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता द्वारा दायर एक आपराधिक शिकायत पर समन जारी किया था।
विचारणीय है कि ब्रिटिश ब्रॉडकास्टर ने इस साल 17 जनवरी को विवादस्पद डॉक्यूमेंट्री, इंडिया: द मोदी क्वेश्चन का पहला भाग जारी किया था। जिसके बाद
भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए इसे पूर्वाग्रह से प्रेरित प्रोपेगैंडा बताया था। देश में इस विवादस्पद डाक्यूमेंट्री को बैन किया जा चुका है।