विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

ब्रेन चिप्स के मानव परीक्षण के लिए एलोन मस्क के न्यूरालिंक को स्वीकृति

© Sputnik ScreenshotElon Musk reveals Neuralink's "Link" brain implant at an August 28, 2020, press conference
Elon Musk reveals Neuralink's Link brain implant at an August 28, 2020, press conference - Sputnik भारत, 1920, 26.05.2023
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सिंक्रोन और ब्लैकरॉक न्यूरोटेक ने क्लिनिकल परीक्षण के लिए दुनिया भर में कम से कम 42 लोगों में पहले ही उपकरण प्रत्यारोपित कर दिए हैं, जिसमें एक लकवाग्रस्त व्यक्ति भी सम्मिलित है।
एलोन मस्क के स्टार्टअप न्यूरालिंक ने लोगों के मस्तिष्क में चिप लगाने का परीक्षण शुरू करने के लिए अमेरिकी नियामकों से स्वीकृति प्राप्त कर ली है।
अरबपति मस्क के स्टार्टअप का उद्देश्य दिमाग को कंप्यूटर से जोड़कर लोगों की दृष्टि और गतिशीलता को बहाल करना है। एक सिक्के के आकार के प्रोटोटाइप का पहले ही बंदरों और सूअरों पर परीक्षण किया जा चुका है।

"हम यह साझा करने के लिए उत्साहित हैं कि हमें अपना पहला मानव नैदानिक अध्ययन शुरू करने के लिए FDA की स्वीकृति मिल गई है," न्यूरालिंक ने ट्विटर पर एक पोस्ट में कहा।

कंपनी ने 2022 में भी इसकी इजाजत मांगी थी। हालांकि, इसे सुरक्षा कारणों से अस्वीकार कर दिया गया था।

न्यूरालिंक टेक्नोलॉजी कैसे काम करती है?

2022 में एक बंदर के दिमाग में चिप लगाने के बाद कंपनी ने दिखाया कि बंदर पिंग पोंग खेल रहा था।
इस प्रक्रिया में एक रोबोट जैसी दिखने वाली सिलाई मशीन मस्तिष्क के अंदर माइक्रोचिप लगाती है और जिससे बाद केवल एक छोटा निशान रह जाता है।
सर्जरी के दौरान, खोपड़ी का एक छोटा हिस्सा हटा कर मस्तिष्क के मनचाही जगह पर लगा दिया जाता है, सर्जरी 30 मिनट में हो जाती है और मरीज को उसी दिन छुट्टी दी जा सकती है।
माइक्रोचिप तंत्रिका संकेतों को संसाधित और प्रसारित करती है जिसे ब्लूटूथ के माध्यम से कंप्यूटर या फोन जैसे उपकरणों में प्रेषित किया जा सकता है।
जुलाई 2021 में, सिंक्रोन को FDA की स्वीकृति मिली और ऑस्ट्रेलिया में चार मरीजों पर तकनीक का परीक्षण किया गया, जिसमें बिना किसी कीबोर्ड या फोन का उपयोग किए अपने दिमाग से टेक्स्ट संदेश भेजे गए थे।
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