सुदर्शन पटनायक ने रेत का कछुआ बना कर दिया प्रकृति संरक्षण का संदेश
सुदर्शन पटनायक ने रेत का कछुआ बना कर दिया प्रकृति संरक्षण का संदेश
Sputnik भारत
भारत के प्रसिद्ध रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक ने सोमवार को ओडिशा के पुरी समुद्र तट पर 2320 प्लास्टिक की बोतलों का उपयोग करके एक आश्चर्यजनक कछुए की मूर्ति बनाई है।
भारत के प्रसिद्ध रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक ने सोमवार को ओडिशा के पुरी समुद्र तट पर 2320 प्लास्टिक की बोतलों का उपयोग करके एक आश्चर्यजनक कछुए की मूर्ति बनाए हैं। कलाकृति न केवल उनके कलात्मक कौशल को प्रदर्शित करती है बल्कि प्लास्टिक प्रदूषण का मुकाबला करने के बारे में एक शक्तिशाली संदेश भी देती है।इस अवसर को चिन्हित करते हुए प्रशंसित रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक ने तस्वीर ट्वीट कर पर्यावरण जागरूकता का संदेश दिया और समुद्री जीवन पर फेंकी गई प्लास्टिक की बोतलों के प्रभाव को प्रदर्शित किया। वस्तुतः प्लास्टिक को जमीन और समुद्र दोनों में सबसे बड़े प्रदूषकों में से एक के रूप में चिह्नित किया गया है।इस बीच पटनायक के प्रशंसकों और अन्य सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने कला को पसंद किया और पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने में कलाकार के प्रयास की सराहना की।बता दें कि पटनायक अपनी रेत कलाओं के माध्यम से महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों पर कई वर्षों से लोगों को जागरूक करते रहे हैं। उनको कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए साल 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया था।
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सुदर्शन पटनायक ने रेत का कछुआ बना कर दिया प्रकृति संरक्षण का संदेश
विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून को लोगों को पर्यावरण की रक्षा और पोषण के लिए उनकी साझा जिम्मेदारी के बारे में याद दिलाने के अवसर के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष, संयुक्त राष्ट्र ने प्लास्टिक कचरे के दबाव वाले मुद्दे के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए 'बीट प्लास्टिक प्रदूषण' विषय चुना है।
भारत के प्रसिद्ध रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक ने सोमवार को ओडिशा के पुरी समुद्र तट पर 2320 प्लास्टिक की बोतलों का उपयोग करके एक आश्चर्यजनक कछुए की मूर्ति बनाए हैं।
कलाकृति न केवल उनके कलात्मक कौशल को प्रदर्शित करती है बल्कि प्लास्टिक प्रदूषण का मुकाबला करने के बारे में एक शक्तिशाली संदेश भी देती है।
इस अवसर को चिन्हित करते हुए प्रशंसित रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक ने तस्वीर ट्वीट कर पर्यावरण जागरूकता का संदेश दिया और समुद्री जीवन पर फेंकी गई प्लास्टिक की बोतलों के प्रभाव को प्रदर्शित किया। वस्तुतः प्लास्टिक को जमीन और समुद्र दोनों में सबसे बड़े प्रदूषकों में से एक के रूप में चिह्नित किया गया है।
इस बीच पटनायक के प्रशंसकों और अन्य सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने कला को पसंद किया और पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने में कलाकार के प्रयास की सराहना की।
बता दें कि पटनायक अपनी रेत कलाओं के माध्यम से महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों पर कई वर्षों से लोगों को जागरूक करते रहे हैं। उनको कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए साल 2014 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया था।
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