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यूक्रेन में यातना स्थल आम चीज कैसे बन गए
यूक्रेन में यातना स्थल आम चीज कैसे बन गए
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24 फरवरी 2022 के बाद संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय ने यूक्रेनी सुरक्षा बलों द्वारा व्यक्तियों की स्वतंत्रता और सुरक्षा के अधिकार के उल्लंघन में वृद्धि दर्ज की है।
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24 फरवरी, 2022 के बाद संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) ने यूक्रेनी सुरक्षा बलों द्वारा व्यक्तियों की स्वतंत्रता और सुरक्षा के अधिकार के उल्लंघन में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है।इसके अलावा, अंतर्राष्ट्रीय संगठन ने 88 रूसी नागरिक नाविकों की मनमानी हिरासत को दर्ज किया, जिनमें से एक की मौत पर्याप्त चिकित्सा देखभाल की कमी की स्थिति में पुरानी बीमारी से हो गई थी।रिपोर्ट में मार्च और जुलाई 2022 के बीच कीव द्वारा नियंत्रित क्षेत्र में संघर्ष-संबंधी यौन हिंसा में वृद्धि का उल्लेख भी किया गया है। OHCHR के अनुसार, ज्यादातर मामलों में इस से पुरुषों को प्रभावित किया गया था और इस में यूक्रेनी कानून प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा हिरासत के प्रारंभिक चरणों के दौरान मुख्य रूप में यौन हिंसा के खतरे शामिल थे या नागरिकों और क्षेत्रीय रक्षा बलों के सदस्यों द्वारा कथित कानून तोड़ने वालों को जबरन रूप में लोगों के सामने निर्वस्त्र करने के मामले शामिल थे।क्या हुआ है?इसके बीच, यूक्रेन सरकार द्वारा नियंत्रित क्षेत्रों में यातनाओं के जरिए पूछताछ के सबूत सामने आते रहते हैं।30 मई को रूसी कानून प्रवर्तन एजेंसी के एक सूत्र ने Sputnik को बताया था कि यूक्रेन की सुरक्षा सेवा ने उन लोगों से पूछताछ करने के लिए यातना स्थल खोले थे, जिन्होंने मार्च और नवंबर 2022 के बीच रूसी अधिकारियों का सहयोग किया था, जब क्षेत्र रूस के नियंत्रण में थे। यातना स्थल द्नेप्रोपेत्रोव्स्क के द्नेप्रोव्स्कीय और कोम्सोमोल्स्कीय नामक दो पुलिस विभागों में बनाए गए थे।Sputnik के एक सूत्र के अनुसार, खेरसॉन से रूसी सैनिकों के निकालने के बाद वहाँ रहे व्लादिमीर मलीना नामक एक बंदी और पूर्व व्यवसाय सहायक को द्नेप्रोव्स्कीय पुलिस विभाग के यातना स्थल में पीट-पीटकर मार डाला गया था। रूसियों के साथ सहयोग करने वाले दो अन्य बंदियों रोमन गवरिलुक और इगोर गूरोव को भी हिंसा मिली थी और उनको वह लेख लिखने पर मजबूर किया गया था कि मलीना को उनके साथ रिहा कर दिया गया था ताकि उनकी मौत को छुपाया जाए। मलीना के अलावा, उन यातना स्थलों में बहुत अन्य लोगों को यातना दी गई।यातना स्थलयूक्रेन में विशेष सैन्य अभियान की शुरुआत के बाद, रूसी सेना और इसके साथ सहयोग करने वाली मिलिशिया को आवासीय क्षेत्रों, बेसमेंटों और गैस स्टेशनों में स्थित बहुत यातना स्थल मिले हैं जहां भारी रूप से कटे हुए शव या उनके निशान पाए गए थे।मार्च 2022 में लुगांस्क पीपुल्स रिपब्लिक की मिलिशिया ने लुगांस्क क्षेत्र में त्रेखइज़्बेन्का नामक गांव के पास एक आवासीय इमारत के बेसमेंट में एक यूक्रेनी यातना स्थल की खोज की थी। लुगांस्क पीपुल्स रिपब्लिक के एक मिलिशियामेन ने Sputnik को बताया कि उन्हें वहाँ एक मारा गया नागरिक और फर्श पर खून के धब्बे मिले थे। लाश की स्थिति को देखते हुए Sputnik के सूत्र ने बताया कि सब से पहले यूक्रेनी सेना ने उस आदमी को यातना दी थी और बाद में उसके सिर में गोली मारा था।ज्यादातर यातना स्थल लुगांस्क पीपुल्स रिपब्लिक के मुक्त क्षेत्रों में मिले। उनमें से एक राइट सेक्टर* यानी नवंबर 2013 में दिमित्रो यारोश द्वारा स्थापित कई अल्ट्रानेशनलिस्ट और नव-नाजी संगठनों के अर्धसैनिक गठबंधन के नियंत्रण में गैस स्टेशन था। लुगांस्क पीपुल्स रिपब्लिक में राइट सेक्टर ने लुगांस्क नागरिकों को गैसोलीन के भंडारण टैंकों में जिंदा डुबाते हुए भीषण यातना दी थी।मई 2022 में खेरसॉन में एक और यातना स्थल मिला था, जिसमें सीरिंज और दवाओं के साथ एक पैर के बिना शव मिला था।'उन्होंने मनोरंजन के लिए मुझे नुकसान पहुंचाया'यूक्रेनी यातना मशीन के पीड़ितों ने बहुत गवाहियां दी हैं जिनके अनुसार उनके मानवाधिकारों का उल्लंघन किया गया था और उनको यातना दी गई थी।जून 2022 में, यूक्रेनी कैद से लौटे डोनबास के एक निवासी ने शारीरिक और मानसिक प्रताड़नाओं के बारे में बताया था जिनका शिकार वह दो महीनों के दौरान था।रूसी बंदीयूक्रेनी सेना, विदेशी सैनिकों और नव-नाजी बटालियनों द्वारा रूसी बंदियों को यातना देने के बारे में अभी अंतरराष्ट्रीय मीडिया अकसर नहीं बताता है। जिनेवा कन्वेंशन के अनुसार, युद्धबंदियों को यातना देना और उनको मारना मना है; उनके प्रति मानवीय व्यवहार करना चाहिए और जरूरत पड़ने पर उनको चिकित्सा सहायता देना चाहिए।4 अप्रैल को एक वीडियो ऑनलाइन दिखाई दिया जिसमें कथित तौर पर एक घायल रूसी सैनिक की हत्या को दर्शाया गया जो उस समय जिंदा था। कम से कम तीन और मारे गए रूसी सैनिक थे, जिनके हाथ उनकी पीठ के पीछे बंधे थे। बाद में यह साबित किया गया कि रूसी बंदियों की हत्याएं बुचा से सात मील दक्षिण-पश्चिम में दमित्रोव्का गांव के पास हुई थीं।रूसी बंदियों को यातना देने और उन्हें कैद में मारने के दूसरे बहुत मामले सामने आए। कुछ मामलों में, यूक्रेनी सैनिकों ने शायद पीड़ा के निशान छिपाने के लिए रूसी बंदियों के शवों को जलाया।मई 2022 में, एक यूक्रेनी सैनिक ने दावा किया था कि कई रूसी पायलटों को यातना देकर मार डाला गया था। उन्होंने कहा, "उनमें से कोई भी जल्दी नहीं मरा।"2014 में स्थापित यूक्रेनी यातना स्थलये भीषण यातनाएं रूसी विशेष सैन्य अभियान की शुरुआत से बहुत पहले कीव शासन बलों द्वारा दी गई थीं।2019 में यूक्रेन की सुरक्षा सेवा के एक पूर्व अधिकारी वासिली प्रोज़ोरोव ने बताया था कि कीव में फरवरी 2014 के तख्तापलट के बाद जून 2014 में डोनेट्स्क क्षेत्र के मारियुपोल में हवाई अड्डे में "पुस्तकालय" नामक एक गुप्त यातना जेल की स्थापना की गई थी। वह आज़ोव बटालियन** द्वारा संचालित की गई थी और यूक्रेन की सुरक्षा सेवा द्वारा "नियंत्रित" की गई थी।डोनेट्स्क पीपुल्स रिपब्लिक से संबंधों या रूसी समर्थक विचारों के कारण हिरासत में लिए गए लोगों को "किताबें" कहा जाता था। जांच के बाद कैदियों को हवाई अड्डे के रेस्तरां के रेफ्रिजरेटरों में रखा गया था। पूर्व बंदियों की गवाही के अनुसार, यूक्रेनी राष्ट्रवादियों ने विभिन्न यातना तकनीकों का इस्तेमाल किया था, जिनमें वॉटरबोर्डिंग, गला घोंटना और उंगलियां तोड़ना शामिल थे।हालांकि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय ने हाल ही में कीव शासन द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघन के कुछ मामलों पर ध्यान केंद्रित किया है, फिर भी 2014 से 2023 तक की अवधि के बहुत मामलों की जांच अंतरराष्ट्रीय संगठनों और मानवाधिकारों की रक्षा करने वालों को करने की जरूरत है।*राइट सेक्टर और एइदार बटालियन रूस में प्रतिबंधित चरमपंथी संगठन हैं**अज़ोव बटालियन रूस में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन है
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यूक्रेन में यातना स्थल आम चीज कैसे बन गए
संयुक्त राष्ट्र ने हाल ही में जारी किए गए एक रिपोर्ट में यूक्रेनी कानून प्रवर्तन अधिकारियों और सशस्त्र बलों पर बंदियों को प्रताड़ित करने और उनको लेकर यौन हिंसा करने का आरोप लगाया है।
24 फरवरी, 2022 के बाद संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) ने यूक्रेनी सुरक्षा बलों द्वारा व्यक्तियों की स्वतंत्रता और सुरक्षा के अधिकार के उल्लंघन में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है।
"यूक्रेन सरकार के नियंत्रण में यूक्रेन के क्षेत्र में, OHCHR ने यूक्रेनी सशस्त्र बलों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा जबरन रूप में गायब किए जाने और मनमानी हिरासत किए जाने के 91 मामलों (79 पुरुष, 12 महिलाएं) को दर्ज किया है," रिपोर्ट में यह उस बात पर जोर देते हुए कहा गया है कि बंदियों की बहुमत को रूसी सशस्त्र बलों के साथ सहयोग करने या उनको अन्य प्रकार की सहायता देने के संदेह के कारण गिरफ्तार किया गया था।
इसके अलावा, अंतर्राष्ट्रीय संगठन ने 88 रूसी नागरिक नाविकों की मनमानी हिरासत को दर्ज किया, जिनमें से एक की
मौत पर्याप्त चिकित्सा देखभाल की कमी की स्थिति में पुरानी बीमारी से हो गई थी।
रिपोर्ट में मार्च और जुलाई 2022 के बीच कीव द्वारा नियंत्रित क्षेत्र में संघर्ष-संबंधी यौन हिंसा में वृद्धि का उल्लेख भी किया गया है। OHCHR के अनुसार, ज्यादातर मामलों में इस से पुरुषों को प्रभावित किया गया था और इस में यूक्रेनी कानून प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा हिरासत के प्रारंभिक चरणों के दौरान मुख्य रूप में यौन हिंसा के खतरे शामिल थे या नागरिकों और क्षेत्रीय रक्षा बलों के सदस्यों द्वारा कथित कानून तोड़ने वालों को जबरन रूप में लोगों के सामने निर्वस्त्र करने के मामले शामिल थे।
इसके बीच, यूक्रेन सरकार द्वारा नियंत्रित क्षेत्रों में यातनाओं के जरिए पूछताछ के सबूत सामने आते रहते हैं।
30 मई को रूसी कानून प्रवर्तन एजेंसी के एक सूत्र ने Sputnik को बताया था कि
यूक्रेन की सुरक्षा सेवा ने उन लोगों से पूछताछ करने के लिए यातना स्थल खोले थे, जिन्होंने मार्च और नवंबर 2022 के बीच रूसी अधिकारियों का सहयोग किया था, जब क्षेत्र रूस के नियंत्रण में थे।
यातना स्थल द्नेप्रोपेत्रोव्स्क के द्नेप्रोव्स्कीय और कोम्सोमोल्स्कीय नामक दो पुलिस विभागों में बनाए गए थे।
Sputnik के एक सूत्र के अनुसार, खेरसॉन से रूसी सैनिकों के निकालने के बाद वहाँ रहे व्लादिमीर मलीना नामक एक बंदी और पूर्व व्यवसाय सहायक को द्नेप्रोव्स्कीय पुलिस विभाग के यातना स्थल में पीट-पीटकर मार डाला गया था। रूसियों के साथ सहयोग करने वाले दो अन्य बंदियों रोमन गवरिलुक और इगोर गूरोव को भी हिंसा मिली थी और उनको वह लेख लिखने पर मजबूर किया गया था कि मलीना को उनके साथ रिहा कर दिया गया था ताकि उनकी मौत को छुपाया जाए। मलीना के अलावा, उन यातना स्थलों में बहुत अन्य लोगों को यातना दी गई।
यूक्रेन में विशेष सैन्य अभियान की शुरुआत के बाद, रूसी सेना और इसके साथ सहयोग करने वाली मिलिशिया को आवासीय क्षेत्रों, बेसमेंटों और गैस स्टेशनों में स्थित बहुत यातना स्थल मिले हैं जहां भारी रूप से कटे हुए शव या उनके निशान पाए गए थे।
मार्च 2022 में लुगांस्क पीपुल्स रिपब्लिक की मिलिशिया ने लुगांस्क क्षेत्र में त्रेखइज़्बेन्का नामक गांव के पास एक आवासीय इमारत के बेसमेंट में एक यूक्रेनी यातना स्थल की खोज की थी। लुगांस्क पीपुल्स रिपब्लिक के एक मिलिशियामेन ने Sputnik को बताया कि उन्हें वहाँ एक मारा गया नागरिक और फर्श पर खून के धब्बे मिले थे। लाश की स्थिति को देखते हुए Sputnik के सूत्र ने बताया कि सब से पहले
यूक्रेनी सेना ने उस आदमी को यातना दी थी और बाद में उसके सिर में गोली मारा था।
ज्यादातर यातना स्थल लुगांस्क पीपुल्स रिपब्लिक के मुक्त क्षेत्रों में मिले। उनमें से एक राइट सेक्टर* यानी नवंबर 2013 में दिमित्रो यारोश द्वारा स्थापित कई अल्ट्रानेशनलिस्ट और नव-नाजी संगठनों के अर्धसैनिक गठबंधन के नियंत्रण में गैस स्टेशन था। लुगांस्क पीपुल्स रिपब्लिक में राइट सेक्टर ने लुगांस्क नागरिकों को गैसोलीन के भंडारण टैंकों में जिंदा डुबाते हुए भीषण यातना दी थी।
मई 2022 में खेरसॉन में एक और यातना स्थल मिला था, जिसमें सीरिंज और दवाओं के साथ एक पैर के बिना शव मिला था।
'उन्होंने मनोरंजन के लिए मुझे नुकसान पहुंचाया'
यूक्रेनी यातना मशीन के पीड़ितों ने बहुत गवाहियां दी हैं जिनके अनुसार उनके मानवाधिकारों का
उल्लंघन किया गया था और उनको यातना दी गई थी।
जून 2022 में, यूक्रेनी कैद से लौटे डोनबास के एक निवासी ने शारीरिक और मानसिक प्रताड़नाओं के बारे में बताया था जिनका शिकार वह दो महीनों के दौरान था।
उस व्यक्ति ने कहा, "मुझे स्टन गन और लाठियों की मदद से प्रताड़ित किया गया था।" उसने बताया कि उसके परिवार को भी धमकियां दी गई थीं। जब उससे पूछा गया कि यूक्रेनी सेना ने उसे यातना देकर कौन से लक्ष्य पूरे किए थे, तो उसने कहा कि लड़ने की उसकी इच्छा को हटाने के प्रयासों के अलावा उसके उत्पीड़कों को उसे पीड़ित होते देखने से खुशी आती थी।
यूक्रेनी सेना, विदेशी सैनिकों और नव-नाजी बटालियनों द्वारा रूसी बंदियों को यातना देने के बारे में अभी अंतरराष्ट्रीय मीडिया अकसर नहीं बताता है। जिनेवा कन्वेंशन के अनुसार, युद्धबंदियों को यातना देना और उनको मारना मना है; उनके प्रति मानवीय व्यवहार करना चाहिए और जरूरत पड़ने पर उनको चिकित्सा सहायता देना चाहिए।
4 अप्रैल को एक वीडियो ऑनलाइन दिखाई दिया जिसमें कथित तौर पर एक घायल
रूसी सैनिक की हत्या को दर्शाया गया जो उस समय जिंदा था। कम से कम तीन और मारे गए रूसी सैनिक थे, जिनके हाथ उनकी पीठ के पीछे बंधे थे। बाद में यह साबित किया गया कि रूसी बंदियों की हत्याएं बुचा से सात मील दक्षिण-पश्चिम में दमित्रोव्का गांव के पास हुई थीं।
रूसी बंदियों को यातना देने और उन्हें कैद में मारने के दूसरे बहुत मामले सामने आए। कुछ मामलों में, यूक्रेनी सैनिकों ने शायद पीड़ा के निशान छिपाने के लिए रूसी बंदियों के शवों को जलाया।
मई 2022 में, एक यूक्रेनी सैनिक ने दावा किया था कि कई रूसी पायलटों को यातना देकर मार डाला गया था। उन्होंने कहा, "उनमें से कोई भी जल्दी नहीं मरा।"
2014 में स्थापित यूक्रेनी यातना स्थल
ये भीषण यातनाएं रूसी विशेष सैन्य अभियान की शुरुआत से बहुत पहले कीव शासन बलों द्वारा दी गई थीं।
2019 में यूक्रेन की सुरक्षा सेवा के एक पूर्व अधिकारी वासिली प्रोज़ोरोव ने बताया था कि कीव में फरवरी 2014 के तख्तापलट के बाद जून 2014 में डोनेट्स्क क्षेत्र के
मारियुपोल में हवाई अड्डे में
"पुस्तकालय" नामक एक गुप्त यातना जेल की स्थापना की गई थी। वह आज़ोव बटालियन** द्वारा संचालित की गई थी और यूक्रेन की सुरक्षा सेवा द्वारा "नियंत्रित" की गई थी।
डोनेट्स्क पीपुल्स रिपब्लिक से संबंधों या रूसी समर्थक विचारों के कारण हिरासत में लिए गए लोगों को "किताबें" कहा जाता था। जांच के बाद कैदियों को हवाई अड्डे के रेस्तरां के रेफ्रिजरेटरों में रखा गया था। पूर्व बंदियों की गवाही के अनुसार, यूक्रेनी राष्ट्रवादियों ने विभिन्न यातना तकनीकों का इस्तेमाल किया था, जिनमें वॉटरबोर्डिंग, गला घोंटना और उंगलियां तोड़ना शामिल थे।
हालांकि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय ने हाल ही में कीव शासन द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघन के कुछ मामलों पर ध्यान केंद्रित किया है, फिर भी 2014 से 2023 तक की अवधि के बहुत मामलों की जांच अंतरराष्ट्रीय संगठनों और मानवाधिकारों की रक्षा करने वालों को करने की जरूरत है।
*राइट सेक्टर और एइदार बटालियन रूस में प्रतिबंधित चरमपंथी संगठन हैं
**अज़ोव बटालियन रूस में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन है