भारत-रूस संबंध
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रूस पहली बार भारत के शीर्ष तीन व्यापार साझेदारों की संख्या में शामिल हुआ

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रूस भारत के शीर्ष तीन सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में शामिल हुआ। इस वर्ष के पाँच महीनों में ही द्वीपक्षीय कारोबार 27.1 अरब डॉलर तक पहुँच गया।
भारतीय व्यापार और उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक जनवरी से मई तक अवधि में भारत-रूस के द्विपक्षीय व्यापार की मात्रा 3.8 गुनी बढ़कर रिकार्ड 27.1 अरब डॉलर हो गई।
इसके अलावा रूस में भारतीय उत्पादों का निर्यात भी तेजी से बढ़ गया: 2.6 गुनी वृद्धि से भारत से रूस में निर्यात 63.9 करोड़ डॉलर तक पहुँच गया।
निर्यात में इतनी तेज वृद्धि का मुख्य कारण भारत को रूसी तेल की आपूर्ति है। अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के अनुसार 2022 में रूस से भारत को तेल आयात 16 गुना बढ़ गया है। भारत ने पिछले साल रूस से समुद्रीय तेल के मुख्य खरीदार के रूप में यूरोप को पीछे छोड़ दिया। दोनों देशों ने राष्ट्रीय मुद्राओं में एक दूसरे के साथ तेल का व्यापार करना शुरू कर दिया है, और यह अंतरराष्ट्रीय तेल व्यापार में डॉलर के दीर्घकालिक प्रभुत्व को कमजोर कर रहा है।
इसके साथ-साथ, भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय व्यापार में बड़े हिस्से पर मशीनरी, उपकरण और वाहनों, कीमती धातुओं, रासायनिक उत्पादों, खाद्य उत्पादों और कृषि कच्चे माल का है।
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