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देखें रूस के याकुटिया इलाके में एक बड़े क्रेटर को जो बढ़ता ही जा रहा है
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बाटागाइका क्रेटर सबसे बड़ा पर्माफ्रॉस्ट डिप्रेशन है जो लगातार बढ़ता ही जा रहा है, जिससे इसका सटीक आयाम भी निर्धारित करना मुश्किल हो रहा है।
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1960 के दशक में सोवियत संघ में औद्योगीकरण के लिए की जा रही जंगल की कटाई के कारण यह गड्ढा बनना शुरू हुआ। पेड़ काटने के बाद गर्मी ने जमीन में गहराई तक प्रवेश किया, जिससे पर्माफ्रॉस्ट पिघल गया और ज़मीन तेजी से खिसकने लगी।यह क्रेटर हर साल करीब 20 से 30 मीटर कर चौड़ा होकर खिसक रहा है। स्थानीय लोग इस गड्ढे को "नरक का द्वार" कहते हैं।बाटागाइका क्रेटर के बारे में अधिक जानने के लिए Sputnik के वीडियो को देखें!
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बाटागाइका क्रेटर, पर्माफ्रॉस्ट डिप्रेशन, सटीक आयाम भी निर्धारित करना मुश्किल, स्थानीय लोग इस गड्ढे को "नरक का द्वार" कहते, मौसम, प्रकृति
बाटागाइका क्रेटर, पर्माफ्रॉस्ट डिप्रेशन, सटीक आयाम भी निर्धारित करना मुश्किल, स्थानीय लोग इस गड्ढे को "नरक का द्वार" कहते, मौसम, प्रकृति
देखें रूस के याकुटिया इलाके में एक बड़े क्रेटर को जो बढ़ता ही जा रहा है
बाटागाइका क्रेटर दुनिया के सबसे ठंडे याकुटिया क्षेत्र में सबसे बड़ा पर्माफ्रॉस्ट डिप्रेशन है जो लगातार बढ़ता ही जा रहा है, जिससे इसका सटीक आयाम भी निर्धारित करना मुश्किल हो रहा है।
1960 के दशक में सोवियत संघ में औद्योगीकरण के लिए की जा रही जंगल की कटाई के कारण यह गड्ढा बनना शुरू हुआ। पेड़ काटने के बाद गर्मी ने जमीन में गहराई तक प्रवेश किया, जिससे पर्माफ्रॉस्ट पिघल गया और ज़मीन तेजी से खिसकने लगी।
यह क्रेटर हर साल करीब 20 से 30 मीटर कर चौड़ा होकर खिसक रहा है। स्थानीय लोग इस गड्ढे को "नरक का द्वार" कहते हैं।
बाटागाइका क्रेटर के बारे में अधिक जानने के लिए Sputnik के वीडियो को देखें!