विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

चंद्रयान-3 आज पृथ्वी की सबसे उच्च कक्षा में स्थापित, 1 अगस्त को चंद्रमा की ओर बढ़ेगा

© AP Photo / Aijaz RahiIndian spacecraft Chandrayaan-3, the word for "moon craft" in Sanskrit, travels after it was launched from the Satish Dhawan Space Centre in Sriharikota, India, Friday, July 14, 2023. The Indian spacecraft blazed its way to the far side of the moon Friday in a follow-up mission to its failed effort nearly four years ago to land a rover softly on the lunar surface, the country's space agency said. A successful landing would make India the fourth country, after the United States, the Soviet Union, and China, to achieve the feat.
Indian spacecraft Chandrayaan-3, the word for moon craft in Sanskrit, travels after it was launched from the Satish Dhawan Space Centre in Sriharikota, India, Friday, July 14, 2023. The Indian spacecraft blazed its way to the far side of the moon Friday in a follow-up mission to its failed effort nearly four years ago to land a rover softly on the lunar surface, the country's space agency said. A successful landing would make India the fourth country, after the United States, the Soviet Union, and China, to achieve the feat. - Sputnik भारत, 1920, 25.07.2023
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चंद्रयान-3 मिशन 14 जुलाई को लॉन्च किया गया था और यह अगले महीने चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा पृथ्वी से छोड़ा गया भारत का सबसे महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान मंगलवार को पृथ्वी की सबसे ऊंची कक्षा में पहुंच गया जहां 6 दिनों तक पृथ्वी के चक्कर लगाने के बाद अपने गंतव्य चंद्रमा की ओर प्रस्थान करेगा।

"दूसरी कक्षा में जाने की कलाबाजी (पृथ्वी-बाउंड पेरिजी फायरिंग) ... सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया है… अगली फायरिंग, ट्रांसलूनर इंजेक्शन (TLI) 1 अगस्त, 2023 को 12 मध्यरात्रि और रात के 1 बजे IST के बीच करने की योजना है," इसरो ने ट्वीट कर जानकारी दी।

The Indian Space Research Organisation (ISRO) launches Chandrayaan-3 Moon mission from Satish Dhawan Space Centre in Sriharikota - Sputnik भारत, 1920, 14.07.2023
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भारत का चंद्रयान-3 अपनी यात्रा पर निकलने को तैयार
इसरो के अनुसार यान को पांचवीं और अंतिम कक्षा में मंगलवार दोपहर को स्थापित किया गया। इस कक्षा की पृथ्वी की सतह से दूरी 1,27,609 किमी है।
वर्तमान में यह पृथ्वी के चारों ओर अण्डाकार कक्षाओं में घूम रहा है और 1 अगस्त को यह पृथ्वी की कक्षा छोड़कर सीधे चंद्रमा की ओर बढ़ना शुरू करेगा।
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