https://hindi.sputniknews.in/20230807/bharat-men-5-pratishat-pakshi-sthanik-hain-zoological-survey-of-india-ne-kiya-khulasa-3440024.html
भारत में 5% पक्षी स्थानिक हैं, जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने किया खुलासा
भारत में 5% पक्षी स्थानिक हैं, जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने किया खुलासा
Sputnik भारत
जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ZSI) के एक हालिया प्रकाशन से पता चलता है कि देश में पाए जाने वाले लगभग 5% पक्षी स्थानिक हैं
2023-08-07T19:43+0530
2023-08-07T19:43+0530
2023-08-07T19:43+0530
ऑफबीट
भारत
जानवर
जानवर संरक्षण
जानवरों का विलुप्त होना
पर्यावरण
पर्यावरणवाद
प्रकृति संरक्षण
वन्य जीव
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e7/08/07/3449715_0:160:3072:1888_1920x0_80_0_0_1390301cce6fedd7452f4eb91636a41f.jpg
जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ZSI) के एक हालिया प्रकाशन से पता चलता है कि देश में पाए जाने वाले लगभग 5% पक्षी स्थानिक हैं और दुनिया के अन्य हिस्सों में इसकी सूचना नहीं दी जाती है।प्रकाशन के लेखकों में से एक अमिताव मजूमदार ने कहा कि 78 प्रजातियों में से तीन प्रजातियों को पिछले कुछ दशकों में दर्ज नहीं किया गया है जिनमें मणिपुर बुश बटेर, हिमालयी बटेर और जेर्डन कौरसर शामिल हैं।साथ ही उन्होंने कहा कि प्रकाशन का उद्देश्य देश के स्थानिक पक्षियों के बारे में जानकारी सभी को उपलब्ध कराना और केवल प्रतिबंधित क्षेत्रों में पाई जाने वाली प्रजातियों के संरक्षण के प्रयासों को उजागर करना है।गौरतलब है कि 78 स्थानिक प्रजातियों में से 25 को अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) द्वारा 'संकटग्रस्त' के रूप में वर्गीकृत किया गया है। भारत में पांच स्थानिक पक्षियों को 'लुप्तप्राय' के रूप में वर्गीकृत किया गया है, और 17 को 'कमजोर' के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जबकि 11 को IUCN रेड लिस्ट में 'खतरे के करीब' प्रजाति के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
https://hindi.sputniknews.in/20230801/durlabh-pakshiyon-ko-bachaane-ke-lie-ruus-bhaarat-ko-ilektriik-dron-kii-aapuurti-karegaa-3326539.html
भारत
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
2023
सत्येन्द्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/137983_0:0:390:391_100x100_80_0_0_d7f05508f508b7ccc8f3f1e549c0f145.jpg
सत्येन्द्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/137983_0:0:390:391_100x100_80_0_0_d7f05508f508b7ccc8f3f1e549c0f145.jpg
खबरें
hi_IN
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e7/08/07/3449715_171:0:2902:2048_1920x0_80_0_0_4fba8013551a061affbd2dc38ee4d9bd.jpgSputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
सत्येन्द्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/137983_0:0:390:391_100x100_80_0_0_d7f05508f508b7ccc8f3f1e549c0f145.jpg
भारत में 5% पक्षी स्थानिक, जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (zsi), वैश्विक पक्षी विविधता, पक्षियों के बारे में जानकारी, प्रजातियों के संरक्षण के प्रयास, अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (iucn), पक्षियों को 'लुप्तप्राय' के रूप में वर्गीकृत, अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (iucn) रेड लिस्ट, भारत में पांच स्थानिक पक्षी
भारत में 5% पक्षी स्थानिक, जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (zsi), वैश्विक पक्षी विविधता, पक्षियों के बारे में जानकारी, प्रजातियों के संरक्षण के प्रयास, अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (iucn), पक्षियों को 'लुप्तप्राय' के रूप में वर्गीकृत, अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (iucn) रेड लिस्ट, भारत में पांच स्थानिक पक्षी
भारत में 5% पक्षी स्थानिक हैं, जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने किया खुलासा
भारत 1,353 पक्षी प्रजातियों का घर है, जो वैश्विक पक्षी विविधता का लगभग 12.40% हिस्सा हैं। इन 1,353 पक्षी प्रजातियों में से 78 (5%) देश में स्थानिक हैं।
जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ZSI) के एक हालिया प्रकाशन से पता चलता है कि देश में पाए जाने वाले लगभग 5% पक्षी स्थानिक हैं और
दुनिया के अन्य हिस्सों में इसकी सूचना नहीं दी जाती है।
प्रकाशन के लेखकों में से एक अमिताव मजूमदार ने कहा कि 78 प्रजातियों में से तीन प्रजातियों को पिछले कुछ दशकों में दर्ज नहीं किया गया है जिनमें मणिपुर बुश बटेर, हिमालयी बटेर और जेर्डन कौरसर शामिल हैं।
“चूंकि स्थानिक प्रजातियां प्रकृति में प्रतिबंधात्मक हैं, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि उनके आवास संरक्षित किए जाएं ताकि वे समाप्त न हों,” जेडएसआई निदेशक डॉ. धृति बनर्जी ने कहा।
साथ ही उन्होंने कहा कि प्रकाशन का उद्देश्य देश के स्थानिक पक्षियों के बारे में जानकारी सभी को उपलब्ध कराना और केवल प्रतिबंधित क्षेत्रों में पाई जाने वाली
प्रजातियों के संरक्षण के प्रयासों को उजागर करना है।
गौरतलब है कि 78 स्थानिक प्रजातियों में से 25 को अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) द्वारा 'संकटग्रस्त' के रूप में वर्गीकृत किया गया है। भारत में पांच स्थानिक पक्षियों को 'लुप्तप्राय' के रूप में वर्गीकृत किया गया है, और 17 को 'कमजोर' के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जबकि 11 को
IUCN रेड लिस्ट में 'खतरे के करीब' प्रजाति के रूप में वर्गीकृत किया गया है।