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भारत-बांग्लादेश ने व्यापार बढ़ाने के लिए 16 सीमा हाट स्थापित करने की बनाई योजना
भारत-बांग्लादेश ने व्यापार बढ़ाने के लिए 16 सीमा हाट स्थापित करने की बनाई योजना
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नई दिल्ली और ढाका दोनों देशों के बीच व्यापार की मात्रा बढ़ाने के लिए 16 नए सीमा हाटों की स्थापना पर विचार कर रहे हैं
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नई दिल्ली और ढाका दोनों देशों के बीच व्यापार की मात्रा को बढ़ाने के लिए 16 नए सीमा हाटों की स्थापना पर विचार कर रहे हैं, भारतीय विदेश मंत्रालय की वरिष्ठ राजनयिक स्मिता पंत ने कहा।वहीं नए सीमा हाट सीमा पार अनौपचारिक व्यापार को कम करते हुए सीमावर्ती समुदायों के लिए बाजारों और आर्थिक अवसरों तक पहुंच में सुधार कर सकते हैं।दरअसल यह पहल तब हुई है जब दोनों पक्ष व्यापार के प्रवाह में सुधार के लिए कई उपायों की योजना बना रहे हैं। दोनों देशों ने कनेक्टिविटी में सुधार के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण में तेजी लाई है।वर्ष 2027 तक बांग्लादेश में माताबारी बंदरगाह की स्थापना से भारत से बांग्लादेश और उसके बाद एशियाई बाजारों तक माल के सहज प्रवाह की अनुमति प्राप्त होने की भी आशा है।इसके अतिरिक्त, नई दिल्ली और ढाका एक व्यापक आर्थिक समझौते पर सक्रिय रूप से बातचीत कर रहे हैं। एक संयुक्त व्यवहार्यता अध्ययन ने एक व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA) के विचार का समर्थन किया है। दोनों देशों का लक्ष्य व्यापार और आर्थिक एकीकरण को सुविधाजनक बनाना है।बता दें कि भारत ने विशेष भूमि सीमा शुल्क स्टेशनों, बंदरगाहों और हवाई अड्डों के माध्यम से तीसरे देशों को माल निर्यात करने के लिए अपने क्षेत्र के माध्यम से बांग्लादेश को निःशुल्क पारगमन का भी प्रस्ताव दिया है। बांग्लादेश ने चिल्हाटी-हल्दीबाड़ी क्रॉसिंग पर पारगमन रेल कनेक्टिविटी का भी अनुरोध किया था।सितंबर 2022 में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना के मध्य चर्चा के अंतराल कनेक्टिविटी एक महत्वपूर्ण विषय के रूप में उभरी। दोनों नेताओं ने निर्बाध व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए अपनी साझा प्रतिबद्धता पर बाल देते हुए, चिन्हित भूमि सीमा शुल्क स्टेशनों पर मौलिक ढांचे के उन्नयन, बंदरगाह प्रतिबंधों और गैर-टैरिफ बाधाओं को हटाने की तात्कालिकता को रेखांकित किया।
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भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापार, सीमा हाट स्थापित करने की योजना, व्यापार बढ़ाने के लिए 16 सीमा हाट स्थापित करने की योजना, 16 नए सीमा हाटों की स्थापना, आर्थिक अवसरों तक पहुंच, व्यापार के प्रवाह में सुधार, बंदरगाह की स्थापना, माल के आसान प्रवाह, व्यापक आर्थिक समझौते, व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (cepa), व्यापार और आर्थिक एकीकरण, बांग्लादेश को मुफ्त पारगमन की पेशकश, भारत और बांग्लादेश के बीच निर्बाध व्यापार, पारगमन रेल कनेक्टिविटी
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भारत-बांग्लादेश ने व्यापार बढ़ाने के लिए 16 सीमा हाट स्थापित करने की बनाई योजना
13:21 17.08.2023 (अपडेटेड: 13:22 17.08.2023) मिली जानकारी के अनुसार नवीन सीमा हाट, जिनकी स्थापना पर अभी चर्चा चल रही है, मिजोरम और पश्चिम बंगाल में निर्मित होंगे।
नई दिल्ली और ढाका दोनों देशों के बीच व्यापार की मात्रा को बढ़ाने के लिए 16 नए सीमा हाटों की स्थापना पर विचार कर रहे हैं, भारतीय विदेश मंत्रालय की वरिष्ठ राजनयिक स्मिता पंत ने कहा।
"दोनों देशों में आठ हाट कार्यरत हैं, जो त्रिपुरा और मेघालय जैसे कई पूर्वोत्तर राज्यों में स्थित हैं," वरिष्ठ राजनयिक ने कहा।
वहीं नए सीमा हाट सीमा पार अनौपचारिक व्यापार को कम करते हुए सीमावर्ती समुदायों के लिए बाजारों और आर्थिक अवसरों तक पहुंच में सुधार कर सकते हैं।
दरअसल यह पहल तब हुई है जब दोनों पक्ष
व्यापार के प्रवाह में सुधार के लिए कई उपायों की योजना बना रहे हैं। दोनों देशों ने कनेक्टिविटी में सुधार के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण में तेजी लाई है।
वर्ष 2027 तक
बांग्लादेश में माताबारी बंदरगाह की स्थापना से भारत से बांग्लादेश और उसके बाद एशियाई बाजारों तक माल के सहज
प्रवाह की अनुमति प्राप्त होने की भी आशा है।
इसके अतिरिक्त, नई दिल्ली और ढाका एक व्यापक
आर्थिक समझौते पर सक्रिय रूप से बातचीत कर रहे हैं। एक संयुक्त व्यवहार्यता अध्ययन ने एक व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA) के विचार का समर्थन किया है। दोनों देशों का लक्ष्य
व्यापार और आर्थिक एकीकरण को सुविधाजनक बनाना है।
बता दें कि भारत ने विशेष भूमि सीमा शुल्क स्टेशनों, बंदरगाहों और हवाई अड्डों के माध्यम से तीसरे देशों को माल निर्यात करने के लिए अपने क्षेत्र के माध्यम से बांग्लादेश को निःशुल्क पारगमन का भी प्रस्ताव दिया है। बांग्लादेश ने चिल्हाटी-हल्दीबाड़ी क्रॉसिंग पर पारगमन रेल कनेक्टिविटी का भी अनुरोध किया था।
सितंबर 2022 में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेशी प्रधानमंत्री
शेख हसीना के मध्य चर्चा के अंतराल कनेक्टिविटी एक महत्वपूर्ण विषय के रूप में उभरी। दोनों नेताओं ने
निर्बाध व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए अपनी साझा प्रतिबद्धता पर बाल देते हुए, चिन्हित भूमि सीमा शुल्क स्टेशनों पर मौलिक ढांचे के उन्नयन, बंदरगाह प्रतिबंधों और गैर-टैरिफ बाधाओं को हटाने की तात्कालिकता को रेखांकित किया।