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भारत और रूस वैकल्पिक भुगतान प्लेटफॉर्म बनाने पर चर्चा कर रहे हैं: लवरोव
भारत और रूस वैकल्पिक भुगतान प्लेटफॉर्म बनाने पर चर्चा कर रहे हैं: लवरोव
Sputnik भारत
दिल्ली में G-20 सम्मेलन का सफलतापूर्वक समापन हो गया है। रूस का प्रतिनिधित्व कर रहे विदेश मंत्री सर्गे लवरोव ने एक साक्षात्कार दिया। इस बीच Sputnik India के संवाददाता ने राजनयिक से कई मुद्दों पर किया सवाल।
2023-09-10T17:01+0530
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2024-03-05T17:22+0530
नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन
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Sputnik India के संवाददाता के प्रश्न का उत्तर देते हुए रूसी विदेश मंत्री सेर्गे लवरोव ने कहा कि भारत और रूस अतिरिक्त भुगतान प्लेटफॉर्म बनाने और राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार को बढ़ावा देने के तरीकों पर काम कर रहे हैं।लवरोव ने स्विफ्ट (SWIFT) को लेकर कहा कि आर्थिक स्वतंत्रता के लिए इस प्रणाली का विकल्प बनाने की आवश्यकता है।लवरोव ने अपनी बात में जोड़ते हुए कहा कि G-20 शिखर सम्मेलन के दौरान उन्होंने अमेरिकी प्रतिनिधियों से कोई बात नहीं की।
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डी-डॉलरीकरण की प्रक्रिया, डी-डॉलरीकरण, विदेश मंत्री सर्गे लवरोव, ब्रिक्स (brics), राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार, स्विफ्ट (swift), आर्थिक स्वतंत्रता, g-20 शिखर सम्मेलन, वैकाल्पीक भुगतान प्लेटफ़ॉर्म बनाने पर काम, वैकाल्पीक भुगतान प्लेटफ़ॉर्म लवरोव, ब्रिक्स में वैकाल्पीक भुगतान प्लेटफ़ॉर्म, g-20 शिखर सम्मेलन, g-20 शिखर सम्मेलन, एशिया और यूरोप के सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों के नेता, वैश्विक नेताओं की बैठक के समापन पर एक संयुक्त विज्ञप्ति, ग्लोबल साउथ की आवाज
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भारत और रूस वैकल्पिक भुगतान प्लेटफॉर्म बनाने पर चर्चा कर रहे हैं: लवरोव
17:01 10.09.2023 (अपडेटेड: 17:22 05.03.2024) विशेष
दिल्ली में G-20 सम्मेलन का सफलतापूर्वक समापन हो गया है। रूस का प्रतिनिधित्व कर रहे विदेश मंत्री सर्गे लवरोव ने एक प्रेस ब्रीफिंग दी। इस बीच Sputnik India के संवाददाता ने राजनयिक से कई मुद्दों पर किया सवाल।
Sputnik India के संवाददाता के प्रश्न का उत्तर देते हुए रूसी विदेश मंत्री सेर्गे लवरोव ने कहा कि भारत और रूस अतिरिक्त भुगतान प्लेटफॉर्म बनाने और राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार को बढ़ावा देने के तरीकों पर काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “डी-डॉलरीकरण की अगर बात की जाए, [इससे संबंधित] प्रक्रिया शुरू हो गई है, विशेषतः भारत के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंध में। (…) जहां तक लेनदेन का संबंध है, हम BRICS समूह में काम कर रहे हैं, और जोहान्सबर्ग में राष्ट्रीय मुद्राओं में भुगतान बढ़ाने के तरीकों पर विचार करने का निर्णय लिया गया था। और हम वैकाल्पीक भुगतान प्लेटफ़ॉर्म बनाने पर काम करने पर सहमत हुए, क्योंकि अभी हमारे पास केवल पश्चिम द्वारा नियंत्रित प्लेटफ़ॉर्म हैं।“
लवरोव ने स्विफ्ट (SWIFT) को लेकर कहा कि आर्थिक स्वतंत्रता के लिए इस प्रणाली का विकल्प बनाने की आवश्यकता है।
राजनयिक ने कहा, “जब वैश्विक समुदाय देखता है कि स्विफ्ट के साथ क्या हो रहा है तथा अमेरिका सहित पश्चिमी देश मनमानी ढंग से इसका प्रयोग कैसे कर रहे हैं, वह समझता है कि [स्विफ्ट का] विकल्प होना चाहिए।“
लवरोव ने अपनी बात में जोड़ते हुए कहा कि
G-20 शिखर सम्मेलन के दौरान उन्होंने अमेरिकी प्रतिनिधियों से कोई बात नहीं की।
उन्होंने कहा, “हर कोई समझता है कि अमेरिकी रूस से क्या चाहते हैं। वे अपने प्रतिद्वंदी से छुटकारा पाना चाहते हैं। जैसा कि उन्होंने कई बार कहा था, वे हमें रणनीतिक रूप से पराजित करना चाहते हैं। यदि उनके मन में कुछ नया होता, तो वे हमें अवश्य बताते।“