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लंदन के डॉक्टरों ने भारतीय मूल के छात्र को दिन में छह बार दिल के दौरे के बाद भी बचाया
लंदन के डॉक्टरों ने भारतीय मूल के छात्र को दिन में छह बार दिल के दौरे के बाद भी बचाया
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ब्रिटेन की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (NHS) के डॉक्टरों ने एक भारतीय अमेरिकी छात्र के दिल के छह बार रुकने के बाद उसकी जान बचा ली।
2023-10-05T19:05+0530
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ब्रिटेन की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (NHS) के डॉक्टरों ने एक भारतीय अमेरिकी छात्र के दिल के छह बार रुकने के उपरांत भी उसकी जान बचा ली। अमेरिका के सिएटल में रहने वाला और टेक्सास के बायलर विश्वविद्यालय का छात्र अतुल राव फेफड़े की बीमारी से पीड़ित था और इसकी वजह से पीड़ित के फेफड़ों में खून का थक्का जम गया जो दिल में खून के प्रवाह के रुकने का कारण बना। इस स्थिति को पल्मोनरी एम्बोलिज्म कहा जाता है जिसकी कारण से उन्हें दिल का दौरा पड़ गया। लंदन के इम्पीरियल कॉलेज हेल्थ केयर NHS ट्रस्ट हैमरस्मिथ अस्पताल ले जाया गया और सघन जांच के उपरांत डॉक्टरों को ज्ञात हुआ कि अतुल के फेफड़ों में खून के थक्के की वजह से रक्त का संचार दिल में अवरोधित हो रहा था। अस्पताल के कर्मचारियों ने पीड़ित अतुल को जीवित रखने के लिए रात भर कड़ा परिश्रम किया और अगले दिन उन्हें एक्स्ट्राकोर्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेशन (ECMO) के लिए सेंट थॉमस अस्पताल ले जाया गया। ECMO एक जीवन समर्थन प्रणाली है जो हृदय और फेफड़ों के काम को पूरी तरह से कर सकता है जीससे रोगियों को स्वास्थ्य बहाल करने का समय मिल सकता है। अतुल के पिता अजय अमेरिका में एक सॉफ्टवेयर कंपनी में कार्यरत हैं और माँ सिएटल में गणित की प्रोफेसर हैं।
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ब्रिटेन की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा,दिल के छह बार रुकने के बाद शख्स बचा, टेक्सास के बायलर विश्वविद्यालय का छात्र अतुल राव, पल्मोनरी एम्बोलिज्म, इम्पीरियल कॉलेज हेल्थ केयर nhs ट्रस्ट हैमरस्मिथ अस्पताल,एक्स्ट्राकोर्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेशन (ecmo) के लिए सेंट थॉमस अस्पताल
ब्रिटेन की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा,दिल के छह बार रुकने के बाद शख्स बचा, टेक्सास के बायलर विश्वविद्यालय का छात्र अतुल राव, पल्मोनरी एम्बोलिज्म, इम्पीरियल कॉलेज हेल्थ केयर nhs ट्रस्ट हैमरस्मिथ अस्पताल,एक्स्ट्राकोर्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेशन (ecmo) के लिए सेंट थॉमस अस्पताल
लंदन के डॉक्टरों ने भारतीय मूल के छात्र को दिन में छह बार दिल के दौरे के बाद भी बचाया
अधिकतर लोग एक बार के दिल के दौरे की वजह से जान गवां देते हैं लेकिन अगर हम आपको बताने वाले हैं कि एक व्यक्ति दिन में छह दिल के दौरे के पड़ने के उपरांत भी जीवित रहा।
ब्रिटेन की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (NHS) के डॉक्टरों ने एक भारतीय अमेरिकी छात्र के दिल के छह बार रुकने के उपरांत भी उसकी जान बचा ली।
अमेरिका के सिएटल में रहने वाला और टेक्सास के
बायलर विश्वविद्यालय का छात्र अतुल राव फेफड़े की बीमारी से पीड़ित था और इसकी वजह से पीड़ित के फेफड़ों में खून का थक्का जम गया जो दिल में खून के प्रवाह के रुकने का कारण बना। इस स्थिति को पल्मोनरी एम्बोलिज्म कहा जाता है जिसकी कारण से उन्हें दिल का दौरा पड़ गया।
लंदन के इम्पीरियल कॉलेज हेल्थ केयर NHS ट्रस्ट
हैमरस्मिथ अस्पताल ले जाया गया और सघन जांच के उपरांत डॉक्टरों को ज्ञात हुआ कि अतुल के फेफड़ों में खून के थक्के की वजह से रक्त का संचार दिल में अवरोधित हो रहा था।
अस्पताल के कर्मचारियों ने पीड़ित अतुल को जीवित रखने के लिए रात भर कड़ा परिश्रम किया और अगले दिन उन्हें एक्स्ट्राकोर्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेशन (ECMO) के लिए सेंट थॉमस अस्पताल ले जाया गया। ECMO एक जीवन समर्थन प्रणाली है जो हृदय और फेफड़ों के काम को पूरी तरह से कर सकता है जीससे रोगियों को स्वास्थ्य बहाल करने का समय मिल सकता है।
“यह एक वास्तविक टीम प्रयास था और इतने सारे लोगों ने यह सुनिश्चित करने में सहायता की कि अतुल यहाँ आ पाए। इसका हिस्सा बनना और यह सुनना सौभाग्य की बात है कि आपने इतना सकारात्मक प्रभाव डालने में सहायता की है, ”इंपीरियल कॉलेज हेल्थकेयर NHS ट्रस्ट के हैमरस्मिथ अस्पताल में महत्वपूर्ण देखभाल सलाहकार डॉ. लुइट ठाकुरिया ने कहा।
अतुल के पिता अजय अमेरिका में एक
सॉफ्टवेयर कंपनी में कार्यरत हैं और माँ सिएटल में गणित की प्रोफेसर हैं।