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बाज़ार में गायब हो जाएगा डेनिम? वेतन वृद्धि के बावजूद बांग्लादेशी कपड़ा मजदूर कर रहे प्रदर्शन
बाज़ार में गायब हो जाएगा डेनिम? वेतन वृद्धि के बावजूद बांग्लादेशी कपड़ा मजदूर कर रहे प्रदर्शन
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बांग्लादेश के कपड़ा कारखाने के कर्मचारी, जो देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले अपने काम के लिए बेहतर वेतन की मांग कर रहे थे, अब सरकार से अपने लिए और अधिक प्रयास करने को कह रहे हैं।
2023-11-09T18:03+0530
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जानकारी के अनुसार, बांग्लादेश के प्रशासन ने कपड़ा श्रमिकों के वेतन में 56.25 प्रतिशत की वृद्धि करने की घोषणा की, जिसे श्रमिकों ने कम बताया। उनका दावा है कि सरकार को इस मामले पर निर्णय लेते समय तात्कालिक मुद्रास्फीति को ध्यान में रखना चाहिए।बांग्लादेश की 3,500 कपड़ा कारखाने दक्षिण एशियाई देश के 55 अरब डॉलर के वार्षिक निर्यात का लगभग 85 प्रतिशत हिस्सा हैं, जो लेवी, ज़ारा और एच एंड एम जैसी विश्व में फ़ैशन सबसे बड़ी कंपनियों के लिए आपूर्ति करते हैं।रिपोर्टों के अनुसार, बांग्लादेश में 40 लाख कर्मचारी गंभीर स्थिति में हैं। उनमें से अधिकांश महिलाएं हैं। उनका मासिक वेतन 8,300 टका (75 डॉलर) से शुरू होता है।न्यूनतम वेतन सरकार द्वारा नियुक्त बोर्ड द्वारा निर्धारित किया जाता है। इस बोर्ड में निर्माताओं, श्रमिक संघों और वेतन विशेषज्ञों के प्रतिनिधि सम्मिलित होते हैं।श्रमिक संघों ने इसे बहुत कम बताते हुए इस निर्णय को रद्द किया और मांग की है कि न्यूनतम मासिक वेतन 23,000 टका किया जाए।श्रमिक संघों के अनुसार, उनके सदस्य मुद्रास्फीति से बुरी तरह प्रभावित हैं, जो अक्टूबर में लगभग 10 प्रतिशत तक पहुंच गई है। साथ ही उन्हें जीवनयापन की लागत में बढ़ोतरी का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि पिछले साल की शुरुआत से अमेरिकी डॉलर के मुकाबले टका में लगभग 30 प्रतिशत की गिरावट हुई।घोषणा के बाद श्रमिकों ने श्रम मंत्रालय से कुछ ही गज की दूरी पर गुस्से में विरोध प्रदर्शन किया। 21 वर्षीय कपड़ा श्रमिक सजल मिया ने मीडिया को बताया, "मैं इस नए मासिक न्यूनतम वेतन को खारिज करता हूं।"बुधवार को पूर्व बांग्लादेशी अधिकारियों ने Sputnik India को बताया कि ऐसा माना जाता है कि वाशिंगटन सरकार-विरोधी प्रदर्शनों का समर्थन करके बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रशासन को सत्ता से बाहर हटाना चाहता है।
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बांग्लादेश के कपड़ा कारखाने के कर्मचारी, अर्थव्यवस्था, 56.25 फीसदी का इजाफा, वार्षिक निर्यात का लगभग 85 प्रतिशत हिस्सा, दक्षिण एशियाई देश, बोर्ड सचिव रायशा अफ़रोज़, सरकार द्वारा नियुक्त बोर्ड, न्यूनतम वेतन, बांग्लादेश गारमेंट एंड इंडस्ट्रियल वर्कर्स फेडरेशन की अध्यक्ष कल्पना अख्तर, मासिक न्यूनतम वेतन, कपड़ा श्रमिक सजल मिया, बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना, विरोध प्रदर्शन, मजदूरों के न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी की घोषणा
बांग्लादेश के कपड़ा कारखाने के कर्मचारी, अर्थव्यवस्था, 56.25 फीसदी का इजाफा, वार्षिक निर्यात का लगभग 85 प्रतिशत हिस्सा, दक्षिण एशियाई देश, बोर्ड सचिव रायशा अफ़रोज़, सरकार द्वारा नियुक्त बोर्ड, न्यूनतम वेतन, बांग्लादेश गारमेंट एंड इंडस्ट्रियल वर्कर्स फेडरेशन की अध्यक्ष कल्पना अख्तर, मासिक न्यूनतम वेतन, कपड़ा श्रमिक सजल मिया, बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना, विरोध प्रदर्शन, मजदूरों के न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी की घोषणा
बाज़ार में गायब हो जाएगा डेनिम? वेतन वृद्धि के बावजूद बांग्लादेशी कपड़ा मजदूर कर रहे प्रदर्शन
बांग्लादेश में कपड़ा कारखाने के श्रमिक देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। हाल ही में सरकार ने मजदूरों के न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी की घोषणा की, जिसे उन्होंने कम बताया।
जानकारी के अनुसार,
बांग्लादेश के प्रशासन ने कपड़ा श्रमिकों के वेतन में
56.25 प्रतिशत की वृद्धि करने की घोषणा की, जिसे श्रमिकों ने कम बताया। उनका दावा है कि सरकार को इस मामले पर निर्णय लेते समय तात्कालिक मुद्रास्फीति को ध्यान में रखना चाहिए।
बांग्लादेश की 3,500 कपड़ा कारखाने दक्षिण एशियाई देश के 55 अरब डॉलर के वार्षिक निर्यात का लगभग 85 प्रतिशत हिस्सा हैं, जो लेवी, ज़ारा और एच एंड एम जैसी विश्व में फ़ैशन सबसे बड़ी कंपनियों के लिए आपूर्ति करते हैं।
रिपोर्टों के अनुसार, बांग्लादेश में 40 लाख कर्मचारी गंभीर स्थिति में हैं। उनमें से अधिकांश महिलाएं हैं। उनका मासिक वेतन 8,300 टका (75 डॉलर) से शुरू होता है।
न्यूनतम वेतन सरकार द्वारा नियुक्त बोर्ड द्वारा निर्धारित किया जाता है। इस बोर्ड में निर्माताओं, श्रमिक संघों और वेतन विशेषज्ञों के प्रतिनिधि सम्मिलित होते हैं।
मीडिया ने बोर्ड सचिव रायशा अफ़रोज़ के हवाले से कहा, सरकार ने कपड़ा मजदूरों के लिए नया न्यूनतम मासिक वेतन को 12,500 टका (113 डॉलर) निर्धारित किया है।
श्रमिक संघों ने इसे बहुत कम बताते हुए इस निर्णय को रद्द किया और मांग की है कि न्यूनतम मासिक वेतन 23,000 टका किया जाए।
श्रमिक संघों के अनुसार, उनके सदस्य मुद्रास्फीति से बुरी तरह प्रभावित हैं, जो अक्टूबर में लगभग 10 प्रतिशत तक पहुंच गई है। साथ ही उन्हें जीवनयापन की लागत में बढ़ोतरी का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि पिछले साल की शुरुआत से अमेरिकी डॉलर के मुकाबले टका में लगभग 30 प्रतिशत की गिरावट हुई।
बांग्लादेश गारमेंट एंड इंडस्ट्रियल वर्कर्स फेडरेशन की अध्यक्ष कल्पना अख्तर ने सरकार के फैसले पर बात करते हुए कहा कि "यह अस्वीकार्य है। यह हमारी उम्मीदों से कम है।"
घोषणा के बाद श्रमिकों ने श्रम मंत्रालय से कुछ ही गज की दूरी पर गुस्से में विरोध प्रदर्शन किया। 21 वर्षीय कपड़ा श्रमिक सजल मिया ने मीडिया को बताया, "मैं इस नए मासिक न्यूनतम वेतन को खारिज करता हूं।"
बुधवार को पूर्व बांग्लादेशी अधिकारियों ने Sputnik India को बताया कि ऐसा माना जाता है कि वाशिंगटन सरकार-विरोधी प्रदर्शनों का समर्थन करके बांग्लादेशी प्रधानमंत्री
शेख हसीना के प्रशासन को
सत्ता से बाहर हटाना चाहता है।