व्यापार और अर्थव्यवस्था

G-7 हीरा प्रोटोकॉल स्थगित, प्रमुख हीरे उत्पादकों ने पेश किया वैकल्पिक प्रस्ताव

© Sputnik / Yuri Somov  / मीडियाबैंक पर जाएंBulk of cut diamonds. File photo
Bulk of cut diamonds. File photo - Sputnik भारत, 1920, 09.11.2023
सब्सक्राइब करें
G-7 समूह अफ़्रीकी देशों के साथ-साथ भारत जैसे हीरा व्यापार के सबसे बड़े देशों पर वैश्विक बाजार से रूसी हीरों को बाहर करने के लिए एक 'प्रोटोकॉल' लागू करने के लिए दबाव डाल रहा है।
G-7 देशों द्वारा रूसी हीरों पर प्रतिबंध लगाने के लिए प्रस्तावित "प्रोटोकॉल" पर जिम्बाब्वे में किम्बर्ली प्रक्रिया (केपी) की बैठक में संदेह जताया गया।
यह बैठक 6-10 नवंबर के बीच जिम्बाब्वे के विक्टोरिया फॉल्स में हो रही है। आठ-पांच हीरा उत्पादक और व्यापारिक देश इस संगठन का हिस्सा हैं, जो वैश्विक कच्चे हीरा व्यापार में 99 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी रखते हैं।
वर्ल्ड डायमंड काउंसिल (डब्ल्यूडीसी) के अध्यक्ष फेरियल ज़ेरोउकी ने किम्बर्ली प्रोसेस बैठक को संबोधित करते हुए चिंता व्यक्त की कि वैश्विक हीरा व्यापार में "दो स्तरीय प्रणाली" बनाई जा रही है।

ज़ेरोउकी ने कहा, “ऊपरी, अधिक स्थापित स्तर, उपभोक्ता की अपेक्षाओं को पूरा करने में सक्षम है लेकिन निचला, कम स्थापित स्तर, जो न्यूनतम उपभोक्ता आवश्यकताओं को पूरा नहीं करता है, उसकी बाजार हिस्सेदारी कम हो जाएगी''।

हालांकि ज़ेरोउकी ने रूसी कच्चे हीरों पर प्रतिबंध लगाने वाले G-7 के 'प्रोटोकॉल' की आलोचना करने से इनकार कर दिया, उन्होंने केपी प्रतिभागियों से कहा कि डब्ल्यूडीसी इसे "प्रभावी और समावेशी" तरीके से लागू करने के लिए पश्चिमी देशों के साथ जुड़ना चाहेगा।
G-7 ने रूसी हीरों पर प्रतिबंध लगाने के लिए 'प्रोटोकॉल' का प्रस्ताव रखा है, जिसके अंतर्गत प्रमाणीकरण के लिए कच्चे हीरों को बेल्जियम के एंटवर्प शहर के रास्ते भेजना होगा। अगर यह योजना लागू की जाएगी, तो बेल्जियम के शहर को अमेरिका सहित पश्चिमी बाजारों में आयात के लिए वास्तविक प्रवेश द्वार बना दिया जाएगा।

ज़ेरोउकी ने कहा कि डब्ल्यूडीसी एक वैकल्पिक योजना का समर्थन कर रहा है। डब्ल्यूडीसी का प्रोटोकॉल संस्करण हीरे को एंटवर्प तक पहुंचाने की तुलना में व्यक्तिगत सरकारों द्वारा स्व-नियमन पर निर्भर करता है।

“डब्ल्यूडीसी-सुविधा प्राप्त G-7 डायमंड प्रोटोकॉल एक ऐसा समाधान है जो सभी के लिए न्यायसंगत और सुलभ है, जिसमें कारीगर खनिक, अनौपचारिक और औपचारिक क्षेत्र के छोटे और मध्यम खिलाड़ी तथा औपचारिक क्षेत्र के बड़े खिलाड़ी सम्मिलित हैं जिनके पास तकनीकी और अन्य व्यावहारिक समाधान हैं”।

G-7 देश मिलकर वैश्विक हीरा बाजार का लगभग 70 प्रतिशत हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं। दूसरी ओर, रूस हीरों का सबसे बड़ा वैश्विक उत्पादक है, जो वैश्विक कच्चे हीरे की आपूर्ति में लगभग एक तिहाई का योगदान देता है।
हालांकि, अफ्रीका एक महाद्वीप के रूप में विश्व स्तर पर सबसे बड़ा हीरा उत्पादक है। हीरा खनन लगभग 19 अफ्रीकी देशों में किया जाता है।
इस मध्य , भारत कच्चे हीरों का सबसे बड़ा आयातक है। इसका अधिकांश आयात रूस से आता है। साथ ही दक्षिण एशियाई देश पॉलिश किए गए हीरों का सबसे बड़ा निर्यातक भी है।

G-7 के दबाव को लेकर अफ़्रीकी देशों को चिंता

कई अफ्रीकी हीरा उत्पादक देशों ने केपी बैठक में रूसी हीरे को समाप्त करने के पश्चिमी देशों के दबाव पर अपनी चिंता व्यक्त की। दक्षिण अफ़्रीका के प्रतिनिधिमंडल ने रूसी हीरों पर प्रतिबंध लगाने के लिए G-7 के दोहरे मानकों की आलोचना की।

इससे पहले, अफ्रीकी हीरा उत्पादक संघ (एडीपीए) ने पश्चिमी देशों पर किम्बर्ली प्रक्रिया को दुर्बल करने का प्रयास करने का आरोप लगाया था। एडीपीए ने कहा है कि पश्चिमी देशों की परिकल्पना के अंतर्गत हीरों को एंटवर्प की ओर फिर से भेजने से वैश्विक हीरा व्यापार में बाधाएं बढ़ जाएंगी
अफ्रीकी देशों ने कहा है कि इसके बावजूद कि वैश्विक हीरा उत्पादन में उनकी लगभग 50 प्रतिशत हिस्सेदारी है, पश्चिमी देशों ने उनसे कोई परामर्श नहीं किया।
Gautam Adani, the head of billionaire ports-to-mining conglomerate Adani Enterprises, met the Bhutanese King Jigme Khesar Namgyel Wangchuck on 8 November. - Sputnik भारत, 1920, 08.11.2023
विश्व
अडानी समूह भूटान में अपनी पहली विदेशी जल-विद्युत परियोजना स्थापित करना चाहता है
न्यूज़ फ़ीड
0
loader
चैट्स
Заголовок открываемого материала