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सीमा पर तनाव कम करने के लिए भारत और चीन के बीच कुछ समझौते संभव: विशेषज्ञ

© AP Photo / Indian ArmyThis photograph provided by the Indian Army, according to them shows Chinese troops dismantling their bunkers at Pangong Tso region, in Ladakh along the India-China border on Monday, Feb.15, 2021
This photograph provided by the Indian Army, according to them shows Chinese troops dismantling their bunkers at Pangong Tso region, in Ladakh along the India-China border on Monday, Feb.15, 2021 - Sputnik भारत, 1920, 14.11.2023
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3488 किमी लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा के लद्दाख क्षेत्र में किसी तरह की अनहोनी घटना न हो, इसके लिए भारत और चीन की सेनाएं बातचीत कर रही हैं। दोनों देशों की सेनाएं पिछली चार सर्दियों से हिमालय की प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना कर रही हैं।
भारत और चीन की सेनाओं की जारी बातचीत के बीच भारतीय विशेषज्ञ डॉ. बी. आर. दीपक का मानना है कि सीमा पर तनाव को कम करने के लिए कुछ समझौते किए जा सकते हैं।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के चीनी और दक्षिण पूर्व एशियाई अध्ययन केंद्र में प्रोफेसर दीपक का मानना है कि आने वाले समय में अगर वैश्विक स्तर पर तनाव कम हो जाता है और क्षेत्रीय स्तर पर भी रिश्ते सुधरते हैं तो भारत और चीन के बीच भी तनाव कम हो जाएगा।

“भारत और चीन तनाव को कम करने के लिए कुछ समझौते कर सकते हैं, लेकिन यह भी निर्भर करता है कि दोनों देशों के जो आपसी रिश्तों के साथ-साथ अमेरिका और अन्य उभरती हुई शक्तियों के साथ रिश्ता कैसा है,” प्रोफेसर बाली आर दीपक ने Sputnik India से कहा।

डॉ. बी. आर. दीपक
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर
भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव 2020 से पहले से ही बना हुआ है, हालांकि उससे पहले छिट-पुट घटनाएँ होती थीं। लेकिन 2020 गलवान की घटना के बाद दोनों देशों की सेनाएँ पश्चिमी क्षेत्र में आमने सामने हैं। लद्दाख क्षेत्र में आधारभूत संरचना के निर्माण के दौरान जून 2020 में दोनों देशों की सेनाओं के बीच खुनी संघर्ष हुआ था, जिसमें 20 भारतीय और चार चीनी सैनिक मारे गए थे।
अब तक दोनों देशों के बीच 20 बार सैन्य स्तर की वार्ता हो चुकी है। सीमा पर विश्वास बहाली को लेकर दोनों देशों ने कई कदम उठाए हैं जिनमें पैंगोग झील और कुछ अन्य क्षेत्रों में बफर जोन बनाया जाना शामिल है।
© AP Photo / Indian ArmyFILE-In this photograph provided by the Indian Army, army officers of India and China hold a meeting at Pangong lake region in Ladakh on the India-China border on Wednesday, Feb. 10, 2021
FILE-In this photograph provided by the Indian Army, army officers of India and China hold a meeting at Pangong lake region in Ladakh on the India-China border on Wednesday, Feb. 10, 2021 - Sputnik भारत, 1920, 14.11.2023
FILE-In this photograph provided by the Indian Army, army officers of India and China hold a meeting at Pangong lake region in Ladakh on the India-China border on Wednesday, Feb. 10, 2021
भारतीय मीडिया के अनुसार ब्रिगेड और उससे नीचे के स्तर पर स्थानीय कमांडरों के बीच लगभग 10 दिनों से वास्तविक नियंत्रण रेखा के कई बिंदुओं पर कई मुद्दे-आधारित बातचीत हो रही है, ताकि छोटे-मोटे विवादों को सुलझाया जा सके और किसी अनहोनी से रोका जा सके। आने वाले कुछ हफ्तों में इस तरह की और बैठकों की संभावना है।

“दोनों देशों के बीच सैन्य वार्ताएं और राजनायिक स्तर पर जो बातचीत हो रही है, वह तनाव कम करने के लिए हो रही है। भारत और चीन भी इस कालचक्र में नहीं चाहते हैं कि दोनों देशों के बीच कोई युद्ध या कोई बड़ी घटना हो।

डॉ. बी. आर. दीपक
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर
दीपक का इशारा रूस-यूक्रेन तनाव, इजरायल-हमास युद्ध और चीन-अमेरिका तनाव की तरफ है। भारत के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय के प्रोफेसर दीपक मानते हैं कि जिस तरह से वैश्विक समीकरण बन रहे हैं इससे यह मालूम होता है कि यह तनाव फिलहाल बना रहेगा।

“चीन ने जो 2020 -21 में अपनी विदेश नीति बनाई है चाहे वह अमेरिका के साथ हो या किसी अन्य दूसरे देश के साथ, वह "आंख से आंख मिलाकर बात करने" की डिप्लोमेसी है। और इस तरह के रिश्ते के जरिए वह दूसरे देशों को कुछ संकेत देने की कोशिश करता है।”

डॉ. बी. आर. दीपक
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर
भारत और चीन के बीच सीधी हवाई यात्रा नहीं हो रही है हालांकि दोनों देशों के व्यापारी एक-दूसरे के देश जाते हैं। भारतीय वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि इस साल के पहले छह महीनों में द्विपक्षीय व्यापार 58.11 बिलियन डॉलर का रहा है। 2022 में भारत और चीन के मध्य व्यापार करीब 140 बिलियन डॉलर का हुआ था।

“भारत और चीन के बीच व्यापार संबंध को छोड़कर, राजनीति रिश्तों में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है। अमरीका और चीन के राष्ट्रपति के बीच जो मुलाकात होने वाली है, उससे भी यह पता चलेगा कि दोनों देशों के बीच क्या समीकरण बनते हैं और उसका प्रभाव भारत और चीन के संबंध पर [किस तरह] पड़ सकता है

डॉ. बी. आर. दीपक
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर
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