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AI को प्रभावी रूप से नियंत्रित करने की जरूरत: साइबर विशेषज्ञ
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अर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के उपयोग के बारे में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि ऐसी तकनीक के विकास को रोकना या कृत्रिम सुपर इंटेलिजेंस के निर्माण को रोकना असंभव है।
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अर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के उपयोग के बारे में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि ऐसी तकनीक के विकास को रोकना या कृत्रिम सुपर इंटेलिजेंस के निर्माण को रोकना असंभव है।इसके अतिरिक्त उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि रूस को AI प्रौद्योगिकी में अग्रणी बनना चाहिए, या कम से कम इस दिशा में वैश्विक नेताओं में से एक बनने के लिए अपनी शक्ति के भीतर सब कुछ करना चाहिए। हालाँकि, यह भविष्यवाणी करना असंभव है कि यह पूर्ण कैसे होगा।दरअसल AI तेजी से अधिक गतिशील विश्व के विकास को बढ़ावा दे रही है। सीधे शब्दों में कहें तो यह सूचना तकनीक के युग में एक दोहरे उपयोग वाली तकनीक है। ऐसे में Sputnik India ने साइबर सुरक्षा कानून पर अंतरराष्ट्रीय आयोग के संस्थापक और अध्यक्ष डॉ पवन दुग्गल से बात की। डॉ दुग्गल Cyberlaws.Net के अध्यक्ष भी हैं और साइबर सुरक्षा कानून के अग्रणी क्षेत्र में लगातार कार्य कर रहे हैं।साथ ही साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ ने कहा कि "अगर दुरूपयोग होगा तो हो सकता है उससे परमाणु युद्ध भी छिड़ सकती है। ये भी हो सकता है कि संभावित तौर पर आप पाएंगे कि कहीं न कहीं AI खुद छेड़खानी करेगा, शैतानी करेगा और उसके परिणाम इंसानों को भुगतान पड़ेगा।"इसके अतिरिक्त उन्होंने रेखांकित किया कि "किस तरीके से हम AI को रेगुलेट करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि AI का दुरूपयोग मानवमात्र के विरुद्ध न किया जा सके, ये बुनियादी आज की ज्वलंत समस्या है, चुनौती है, उसको जितनी जल्दी हम एड्रेस कर पाएंगे उतना अच्छा होगा वरना यही AI कहीं न कहीं परमाणु युद्ध को छिड़ने में अपना योगदान दे सकती है और, उस सबका परिणाम मानवमात्र को भुगतना पड़ सकता है।"
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अर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (ai) के उपयोग, अर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (ai) के विकास, अर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (ai) का प्रयोग, दोहरे उपयोग वाली तकनीक, ai को नियंत्रित, ai को रेगुलेट, ai का दुरूपयोग,
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AI को प्रभावी रूप से नियंत्रित करने की जरूरत: साइबर विशेषज्ञ
18:15 15.12.2023 (अपडेटेड: 15:39 16.12.2023) रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ गुरुवार को वार्षिक टेलीविज़न डायरेक्ट लाइन प्रश्न-उत्तर सत्र के दौरान प्रश्न पूछने वाले एक छात्र ने अर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) का प्रयोग कर अपने चेहरे को राष्ट्रपति के चेहरे जैसा बनाया हुआ था।
अर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के उपयोग के बारे में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि ऐसी तकनीक के विकास को रोकना या कृत्रिम सुपर इंटेलिजेंस के निर्माण को रोकना असंभव है।
इसके अतिरिक्त उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि रूस को
AI प्रौद्योगिकी में अग्रणी बनना चाहिए, या कम से कम इस दिशा में वैश्विक नेताओं में से एक बनने के लिए अपनी शक्ति के भीतर सब कुछ करना चाहिए। हालाँकि, यह भविष्यवाणी करना असंभव है कि यह पूर्ण कैसे होगा।
दरअसल AI तेजी से अधिक गतिशील विश्व के विकास को बढ़ावा दे रही है। सीधे शब्दों में कहें तो यह सूचना तकनीक के युग में एक दोहरे उपयोग वाली तकनीक है। ऐसे में Sputnik India ने साइबर सुरक्षा कानून पर अंतरराष्ट्रीय आयोग के संस्थापक और अध्यक्ष डॉ पवन दुग्गल से बात की। डॉ दुग्गल Cyberlaws.Net के अध्यक्ष भी हैं और साइबर सुरक्षा कानून के अग्रणी क्षेत्र में लगातार कार्य कर रहे हैं।
"रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने अपने वार्षिक कांफ्रेंस में AI क्लोन के साथ बात की है। ये घटना दिखाती है कि AI में बहुत तेज रफ्तार से विकास हो रहे हैं। AI अब लोगों के अवतारों को और यहाँ तक कि लोगों को भी पूरी तरह से पावर करेगा। और उसका सीधा तात्पर्य ये है कि AI का इस्तेमाल सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही पहलुओं के लिए किया जा पाएगा। तो दायित्व होगा हम सब के ऊपर कि ये जो हम रचनात्मक उपयोग है AI का उस पर ध्यान केंद्रित करें और यह सुनिश्चित करें कि इस नई तकनीक का दुरूपयोग मानव मात्र के विरुद्ध न किया जाए," डॉ दुग्गल ने कहा।
साथ ही साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ ने कहा कि "अगर दुरूपयोग होगा तो हो सकता है उससे परमाणु युद्ध भी छिड़ सकती है। ये भी हो सकता है कि संभावित तौर पर आप पाएंगे कि कहीं न कहीं AI खुद छेड़खानी करेगा, शैतानी करेगा और उसके परिणाम इंसानों को भुगतान पड़ेगा।"
"पूरी दुनिया भर में एक होड़ सी लगी हुई है कि हम किस तरीके से आज AI को प्रभावी रूप से नियंत्रित कर सके। क्योंकि विश्व भर में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हम पाते हैं कि अंतर्राष्ट्रीय कानून विद्यमान नहीं है या अंतर्राष्ट्रीय संधि उपलब्ध नहीं है AI को नियंत्रित करने के लिए। लिहाजा अलग-अलग राष्ट्र अपने अलग-अलग नए राष्ट्रीय कानून लेकर आ रहे हैं," डॉ दुग्गल ने कहा।
इसके अतिरिक्त उन्होंने रेखांकित किया कि "किस तरीके से हम AI को रेगुलेट करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि
AI का दुरूपयोग मानवमात्र के विरुद्ध न किया जा सके, ये बुनियादी आज की ज्वलंत समस्या है, चुनौती है, उसको जितनी जल्दी हम एड्रेस कर पाएंगे उतना अच्छा होगा वरना यही AI कहीं न कहीं परमाणु युद्ध को छिड़ने में अपना योगदान दे सकती है और, उस सबका परिणाम मानवमात्र को भुगतना पड़ सकता है।"