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अमेरिका में बढ़ते 'हिंदूफोबिया' से वैश्विक स्तर पर बढ़ रहा है हिंदुओं में भय
अमेरिका में बढ़ते 'हिंदूफोबिया' से वैश्विक स्तर पर बढ़ रहा है हिंदुओं में भय
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भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका में एक हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ पर टिप्पणी करते हुए "चरमपंथियों और अलगाववादी ताकतों" को दूसरे देशों में शरण मिलने पर चिंता व्यक्त की है।
2023-12-24T20:23+0530
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कैलिफ़ोर्निया में एक हिंदू मंदिर को खालिस्तान समर्थक कट्टरपंथियों द्वारा भारत विरोधी भित्तिचित्रों से विरूपित किए जाने के एक दिन बाद दुनिया भर के हिंदू समूहों ने अमेरिका और कनाडा, यूनाइटेड किंगडम (यूके) और ऑस्ट्रेलिया जैसे अन्य देशों में बढ़ती 'हिंदूफोबिया' के बारे में गंभीर चिंता व्यक्त की है।अमेरिका और कनाडा में जमीनी स्तर पर वकालत करने वाले समूह, उत्तरी अमेरिका के हिंदुओं के गठबंधन (CoHNA) ने भी श्री स्वामीनारायण मंदिर पर "लक्षित हमले" की निंदा की है।यूनाइटेड किंगडम में एक अन्य हिंदू समूह इनसाइट्स यूके ने रविवार को एक बयान में कहा कि एक हिंदू मंदिर पर हमला पूरे हिंदू समुदाय पर हमले का प्रतिनिधित्व करता है।इसमें नामित आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नून की धमकी का भी उल्लेख किया गया है, जिसने इस वर्ष कनाडा में हिंदुओं को देश छोड़ने की धमकी दी थी।पन्नुन की धमकी कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा जून में अज्ञात लोगों द्वारा मारे गए एक अन्य खालिस्तान समर्थक आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए भारत सरकार के "एजेंटों" को जोड़ने के कुछ दिनों बाद दी गई थी।इसने अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा की सरकारों से भी उत्तर मांगा कि इन हिंदू विरोधी हमलों के अपराधियों को न्याय के दायरे में लाने के लिए क्या किया गया है।इस बीच, एक बयान के अनुसार, भारत के शीर्ष हिंदू समूह विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने बिडेन प्रशासन से "मानवाधिकार" की आड़ में पन्नून जैसे आतंकवादियों को नहीं बचाने का आग्रह किया है।अमेरिकी न्याय विभाग (DoJ) ने पिछले महीने एक अभियोग का खुलासा किया था ,जिसमें आरोप लगाया गया था कि अमेरिकी एजेंटों ने पन्नुन के विरुद्ध हत्या की षड़यंत्र को विफल कर दिया था, जिसे एक भारतीय नागरिक ने एक भारतीय अधिकारी के निर्देश पर अंजाम दिया था।नई दिल्ली ने घटना की जांच के लिए एक "उच्च-स्तरीय" जांच का गठन किया है।कैलिफोर्निया मंदिर में तोड़फोड़ पर अमेरिका ने कैसे प्रतिक्रिया दी है?कैलिफोर्निया के नेवार्क शहर पुलिस विभाग ने कहा है कि इस घटना की जांच "संभावित घृणा अपराध" के रूप में की जा रही है। विदेश विभाग के दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के ब्यूरो (एससीए) ने घटना की निंदा करते हुए, तोड़फोड़ करने वालों को जवाबदेह ठहराने के पुलिस के प्रयासों का स्वागत किया है।प्रमुख अमेरिकी-भारतीय कांग्रेसियों ने कैलिफोर्निया में हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की निंदा की है। डेमोक्रेट विधायक रो खन्ना, जिनके निर्वाचन क्षेत्र में यह घटना हुई, ने घटना की निंदा की है और मामले में जवाबदेही तय करने का आह्वान किया है।एक अन्य डेमोक्रेट सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने "कट्टरता के सभी विकृत रूपों" के विरुद्ध एकता का आह्वान किया है। हिंदुओं, बौद्धों, सिखों और जैनियों के लिए कांग्रेसनल कॉकस के संस्थापक, कांग्रेसी श्री थानेदार ने भी "त्वरित कार्रवाई" के आह्वान का समर्थन किया है।हालाँकि, हिंदू विरोधी घृणा घटना की जांच में बिडेन प्रशासन और अमेरिकी अधिकारियों के प्रयासों को लेकर भारत में संदेह बढ़ रहा है।एक सोशल मीडिया पोस्ट में, चेलानी ने कहा कि बढ़ती खालिस्तान कट्टरपंथ को हिंसा का महिमामंडन करने वालों के विरुद्ध,अधिकारियों की "निष्क्रियता" से बढ़ावा मिला है।अनुमान के अनुसार , अमेरिका में 4 मिलियन से अधिक भारतीय-अमेरिकी हैं, जो वहाँ की जनसंख्या का लगभग 1.3 प्रतिशत है।
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अमेरिका में बढ़ते 'हिंदूफोबिया' से वैश्विक स्तर पर बढ़ रहा है हिंदुओं में भय
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका में एक हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ पर टिप्पणी करते हुए "चरमपंथियों और अलगाववादी ताकतों" को दूसरे देशों में शरण मिलने पर चिंता व्यक्त की है।
कैलिफ़ोर्निया में एक हिंदू मंदिर को खालिस्तान समर्थक कट्टरपंथियों द्वारा भारत विरोधी भित्तिचित्रों से विरूपित किए जाने के एक दिन बाद दुनिया भर के हिंदू समूहों ने अमेरिका और कनाडा, यूनाइटेड किंगडम (यूके) और ऑस्ट्रेलिया जैसे अन्य देशों में बढ़ती 'हिंदूफोबिया' के बारे में गंभीर चिंता व्यक्त की है।
शनिवार को एक बयान में, वाशिंगटन मुख्यालय वाले हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन (HAF) ने कहा कि श्री स्वामीनारायण मंदिर पर छिड़के गए भित्तिचित्र में खालिस्तान आतंकवादी "सरगना" जरनैल सिंह भिंडरावाले का उल्लेख "विशेष रूप से मंदिर जाने वालों को आघात पहुंचाने " हिंसा"और "डर" उत्पन्न करने के लिए था।
अमेरिका और कनाडा में जमीनी स्तर पर वकालत करने वाले समूह,
उत्तरी अमेरिका के हिंदुओं के गठबंधन (CoHNA) ने भी श्री स्वामीनारायण मंदिर पर "लक्षित हमले" की निंदा की है।
“हम दुखी हैं परंतु हैरान नहीं हैं- अधिकारियों, मीडिया और अन्य समूहों ने क्षेत्र में बढ़ती हिंदूफोबिया को नियमित रूप से कमतर आंका है या अनदेखा किया है। संदर्भ के लिए, यह वही जिला है जहां अगस्त 2022 में फ़्रेमोंट टैको बेल में एक हिंदू व्यक्ति पर हमला किया गया था और अब तक, कोई कार्रवाई नहीं की गई है,” समूह ने एक घटना का संदर्भ देते हुए कहा, जब एक भारतीय मूल के व्यक्ति खालिस्तान समर्थक कार्यकर्ता ने निशाना बनाया था।
यूनाइटेड किंगडम में एक अन्य हिंदू समूह इनसाइट्स यूके ने रविवार को एक बयान में कहा कि एक हिंदू मंदिर पर हमला पूरे हिंदू समुदाय पर हमले का प्रतिनिधित्व करता है।
यूनाइटेड किंगडम समूह ने कहा, "पिछले कुछ वर्षों में विशेष रूप से ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और ब्रिटेन इन तीन राष्ट्रों में खालिस्तानी चरमपंथियों और इस्लाम समर्थकों द्वारा हिंदू मंदिरों पर हमले और तोड़फोड़ के साथ यही कार्यप्रणाली देखी गई है।"
इसमें नामित आतंकवादी
गुरपतवंत सिंह पन्नून की धमकी का भी उल्लेख किया गया है, जिसने इस वर्ष कनाडा में हिंदुओं को देश छोड़ने की धमकी दी थी।
पन्नुन की धमकी
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा जून में अज्ञात लोगों द्वारा मारे गए एक अन्य खालिस्तान समर्थक आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए भारत सरकार के "एजेंटों" को जोड़ने के कुछ दिनों बाद दी गई थी।
“17 सितंबर 2022 को ब्रिटेन के लीसेस्टर में एक हिंदू मंदिर पर इस्लामी भीड़ द्वारा हमला किया गया था। ये घटनाएं हिंदू विरोधी नफरत के एक गहरे पैटर्न को उजागर करती हैं। ऐसी घटनाओं से कानून का पालन करने वाले हिंदू असुरक्षित और हमले का शिकार अनुभव करते हैं,'' इनसाइट्स यूके ने चिंता व्यक्त की।
इसने अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा की सरकारों से भी उत्तर मांगा कि इन हिंदू विरोधी हमलों के अपराधियों को न्याय के दायरे में लाने के लिए क्या किया गया है।
इस बीच, एक बयान के अनुसार, भारत के शीर्ष हिंदू समूह विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने बिडेन प्रशासन से "मानवाधिकार" की आड़ में पन्नून जैसे आतंकवादियों को नहीं बचाने का आग्रह किया है।
अमेरिकी न्याय विभाग (DoJ) ने पिछले महीने एक अभियोग का खुलासा किया था ,जिसमें आरोप लगाया गया था कि अमेरिकी एजेंटों ने पन्नुन के विरुद्ध हत्या की षड़यंत्र को विफल कर दिया था, जिसे एक भारतीय नागरिक ने एक भारतीय अधिकारी के निर्देश पर अंजाम दिया था।
नई दिल्ली ने घटना की जांच के लिए एक "उच्च-स्तरीय" जांच का गठन किया है।
कैलिफोर्निया मंदिर में तोड़फोड़ पर अमेरिका ने कैसे प्रतिक्रिया दी है?
कैलिफोर्निया के नेवार्क शहर पुलिस विभाग ने कहा है कि इस घटना की जांच "संभावित घृणा अपराध" के रूप में की जा रही है।
विदेश विभाग के दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के ब्यूरो (एससीए) ने घटना की निंदा करते हुए, तोड़फोड़ करने वालों को जवाबदेह ठहराने के पुलिस के प्रयासों का स्वागत किया है।प्रमुख अमेरिकी-भारतीय कांग्रेसियों ने कैलिफोर्निया में हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की निंदा की है।
डेमोक्रेट विधायक रो खन्ना, जिनके निर्वाचन क्षेत्र में यह घटना हुई, ने घटना की निंदा की है और मामले में जवाबदेही तय करने का आह्वान किया है।
एक अन्य डेमोक्रेट सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने "कट्टरता के सभी विकृत रूपों" के विरुद्ध एकता का आह्वान किया है।
हिंदुओं, बौद्धों, सिखों और जैनियों के लिए कांग्रेसनल कॉकस के संस्थापक, कांग्रेसी श्री थानेदार ने भी "त्वरित कार्रवाई" के आह्वान का समर्थन किया है।
“भारत विरोधी भित्तिचित्रों द्वारा चिह्नित यह अपमान, हमारे विविध और समावेशी समाज के सार पर प्रहार करता है। मैं असहिष्णुता के ऐसे हमलों की निंदा करता हूं और इस जघन्य अपराध की गहन जांच का आह्वान करता हूं।''
हालाँकि,
हिंदू विरोधी घृणा घटना की जांच में बिडेन प्रशासन और अमेरिकी अधिकारियों के प्रयासों को लेकर भारत में संदेह बढ़ रहा है।
प्रमुख भारतीय रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञ ब्रह्मा चेलानी ने कनाडा और कैलिफ़ोर्निया में बढ़ते "सिख उग्रवाद" पर चिंता व्यक्त की।
एक सोशल मीडिया पोस्ट में, चेलानी ने कहा कि बढ़ती खालिस्तान कट्टरपंथ को हिंसा का महिमामंडन करने वालों के विरुद्ध,अधिकारियों की "निष्क्रियता" से बढ़ावा मिला है।
“सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर दो अलग-अलग हमलों के महीनों बाद, संघीय जांच ब्यूरो (FBI) ने कोई गिरफ्तारी नहीं की है और अभी भी जांच कर रही है। भारतीय विशेषज्ञ ने कहा, निष्क्रियता और अधिक हमलों को आमंत्रित कर रही है, जैसे कैलिफोर्निया में एक हिंदू मंदिर की नवीनतम बर्बरता।
अनुमान के अनुसार , अमेरिका में 4 मिलियन से अधिक भारतीय-अमेरिकी हैं, जो वहाँ की जनसंख्या का लगभग 1.3 प्रतिशत है।