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जयशंकर द्वारा रूस से भारत के तेल आयात का विश्लेषणात्मक संरक्षण, बैठक में ब्लिंकन भी थे उपस्थित
जयशंकर द्वारा रूस से भारत के तेल आयात का विश्लेषणात्मक संरक्षण, बैठक में ब्लिंकन भी थे उपस्थित
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रूस सहित मित्र देशों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने और व्यापार जारी रखने की भारत की स्थिति बिल्कुल स्पष्ट रही है। जयशंकर ने इसे एक बार फिर रेखांकित किया है।
2024-02-18T12:06+0530
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भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पश्चिमी प्रतिबंधों के बाद भी रूसी तेल आयात करने के भारत के निर्णय का एक बार पुनः दृढ़ता से बचाव किया है और कहा है कि दोनों देशों के मध्य व्यापार से दूसरों को व्यथित नहीं होना चाहिए।संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ अपने बढ़ते संबंधों और रूस के साथ जारी व्यापार के मध्य भारत के संतुलन पर शनिवार को म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में एक पैनल चर्चा में भाग लेने के दौरान एक प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि यह एक स्मार्ट निर्णय था और इसकी सराहना की जानी चाहिए।राजनयिक ने यह भी कहा कि आज की परस्पर जुड़ी दुनिया में देशों से एकआयामी संबंध बनाए रखने की आशा करना अवास्तविक है।उनकी टिप्पणियां यूक्रेन के साथ रूस के संघर्ष के मध्य रूस के साथ भारत के निरंतर तेल व्यापार को पश्चिम की अस्वीकृति की पृष्ठभूमि में आई हैं। जयशंकर ने कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष पर भारत का रुख पुर्णतः स्पष्ट है, क्योंकि देश बार-बार बातचीत, कूटनीति और हिंसा की तत्काल समाप्ति की वकालत करता रहा है।
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जयशंकर द्वारा रूस से भारत के तेल आयात का विश्लेषणात्मक संरक्षण, बैठक में ब्लिंकन भी थे उपस्थित
12:06 18.02.2024 (अपडेटेड: 12:08 18.02.2024) रूस सहित मित्र देशों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने और व्यापार जारी रखने की भारत की स्थिति पूर्णतः स्पष्ट रही है। जयशंकर ने इसे एक बार पुनः रेखांकित किया है।
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पश्चिमी प्रतिबंधों के बाद भी रूसी तेल आयात करने के भारत के निर्णय का एक बार पुनः दृढ़ता से बचाव किया है और कहा है कि दोनों देशों के मध्य व्यापार से दूसरों को व्यथित नहीं होना चाहिए।
संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ अपने बढ़ते संबंधों और रूस के साथ जारी व्यापार के मध्य भारत के संतुलन पर शनिवार को म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में एक पैनल चर्चा में भाग लेने के दौरान एक प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि यह एक स्मार्ट निर्णय था और इसकी सराहना की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा, "क्या यह एक समस्या है, यह एक समस्या क्यों होनी चाहिए? हम स्मार्ट हैं, हमारे पास पास कई विकल्प हैं, आपको हमारी तारीफ करनी चाहिए।"
राजनयिक ने यह भी कहा कि आज की
परस्पर जुड़ी दुनिया में देशों से एकआयामी संबंध बनाए रखने की आशा करना अवास्तविक है।
उनकी टिप्पणियां यूक्रेन के साथ रूस के संघर्ष के मध्य रूस के साथ भारत के निरंतर तेल व्यापार को पश्चिम की अस्वीकृति की पृष्ठभूमि में आई हैं।
जयशंकर ने कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष पर
भारत का रुख पुर्णतः स्पष्ट है, क्योंकि देश बार-बार बातचीत, कूटनीति और हिंसा की तत्काल समाप्ति की वकालत करता रहा है।