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रूस द्वारा डीपीआर और एलपीआर को मान्यता देने वाले दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर करने का इतिहास
रूस द्वारा डीपीआर और एलपीआर को मान्यता देने वाले दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर करने का इतिहास
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दो साल से पहले 21 फरवरी 2022 को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने डीपीआर और एलपीआर को मान्यता देने वाले आदेशों पर हस्ताक्षर किए थे।
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2013 नवंबर में जब यूक्रेन के राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच ने यूरोपीय संघ के साथ मेल-मिलाप समझौते को खारिज करके यूक्रेन के रूस के साथ मेल-मिलाप को बढ़ावा देने का फैसला लिया, तो कीव में सड़कों पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। जल्द ही विरोध प्रदर्शन काफी क्रूर हो गए और विक्टर यानुकोविच को सत्ता से हटाया गया। यूक्रेन के दक्षिण-पूर्व में रहनेवाले रूसी भाषा बोलनेवाले लोगों ने कीव के नए प्रशासन को मान्यता नहीं दी, इसलिए डोनेट्स्क और लुगांस्क क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। जनमिलिशिया का गठन किया गया। जवाब में यूक्रेनी अधिकारियों ने रूसी समर्थक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ क्रूर सैन्य कार्यवाही की।7 अप्रैल, 2014 को डोनेट्स्क में रिपब्लिकन पीपुल्स काउंसिल की स्थापना की गई, जिसने डोनेट्स्क पीपुल्स रिपब्लिक की संप्रभुता की घोषणा की। इसके तुरंत बाद 20 अप्रैल को लुगांस्क में एक रैली में लुगांस्क पीपुल्स रिपब्लिक की घोषणा की गई।2014 में हुई घटनाओं के परिणामस्वरूप यूक्रेन ने आठ सालों के दौरान डोनबास के खिलाफ सशस्त्र सैन्य अभियान जारी रखा। 8 सालों तक चलते हुए संघर्ष के बाद 21 फरवरी 2022 को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने डीपीआर और एलपीआर को मान्यता देने वाले आदेशों पर हस्ताक्षर किए। बाद में डीपीआर, एलपीआर, खेरसॉन और जपोरोज़्ये क्षेत्रों को रूसी संघ में सम्मिलित करने के लिए जनमत संग्रह 23-27 सितंबर, 2022 को आयोजित किया गया।30 सितंबर को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने क्रेमलिन में इन जनमत संग्रहों के परिणामों पर बात की, जिसके बाद उन्होंने रूस में इन क्षेत्रों के प्रवेश पर उनके प्रमुखों के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
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रूस द्वारा डीपीआर और एलपीआर को मान्यता देने वाले दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर करने का इतिहास
21:01 21.02.2024 (अपडेटेड: 11:29 22.02.2024) दो साल पहले 21 फरवरी, 2022 को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने डीपीआर और एलपीआर को मान्यता देने वाले आदेशों पर हस्ताक्षर किए थे।
2013 नवंबर में जब यूक्रेन के राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच ने यूरोपीय संघ के साथ मेल-मिलाप समझौते को खारिज करके यूक्रेन के रूस के साथ मेल-मिलाप को बढ़ावा देने का फैसला लिया, तो कीव में सड़कों पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। जल्द ही विरोध प्रदर्शन काफी क्रूर हो गए और विक्टर यानुकोविच को सत्ता से हटाया गया।
यूक्रेन के दक्षिण-पूर्व में रहनेवाले रूसी भाषा बोलनेवाले लोगों ने कीव के नए प्रशासन को मान्यता नहीं दी, इसलिए डोनेट्स्क और लुगांस्क क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। जनमिलिशिया का गठन किया गया। जवाब में यूक्रेनी अधिकारियों ने रूसी समर्थक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ क्रूर सैन्य कार्यवाही की।
23 फरवरी, 2014 को नई यूक्रेनी संसद ने राज्य भाषा नीति पर कानून को रद्द कर दिया, जिनके परिणामस्वरूप रूसी और अल्पसंख्यक भाषाओं को उन क्षेत्रों में क्षेत्रीय भाषाओं का दर्जा दिया गया था जहां कम से कम 10 प्रतिशत आबादी उन्हें बोलती है। यूक्रेन के दक्षिण-पूर्व में कट्टरपंथियों के कार्यों, रूसी भाषा बोलने वाले नागरिकों और रूसी भाषा के खिलाफ भेदभाव के विरुद्ध और बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए।
7 अप्रैल, 2014 को डोनेट्स्क में रिपब्लिकन पीपुल्स काउंसिल की स्थापना की गई, जिसने डोनेट्स्क पीपुल्स रिपब्लिक की संप्रभुता की घोषणा की। इसके तुरंत बाद 20 अप्रैल को लुगांस्क में एक रैली में लुगांस्क पीपुल्स रिपब्लिक की घोषणा की गई।
2014 में हुई घटनाओं के परिणामस्वरूप
यूक्रेन ने आठ सालों के दौरान डोनबास के खिलाफ सशस्त्र सैन्य अभियान जारी रखा। 8 सालों तक चलते हुए संघर्ष के बाद 21 फरवरी 2022 को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने डीपीआर और एलपीआर को मान्यता देने वाले आदेशों पर हस्ताक्षर किए। बाद में डीपीआर, एलपीआर, खेरसॉन और जपोरोज़्ये क्षेत्रों को रूसी संघ में सम्मिलित करने के लिए जनमत संग्रह 23-27 सितंबर, 2022 को आयोजित किया गया।
डीपीआर में 100% मतपत्रों के प्रसंस्करण के परिणामों के आधार पर 99.23% मतदाताओं ने रूसी संघ में शामिल होने के पक्ष में मतदान किया, एलपीआर में - 98.42%, खेरसॉन क्षेत्र में - 87.05%, जपोरोज़्ये क्षेत्र में - 93.11%।
30 सितंबर को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने क्रेमलिन में इन जनमत संग्रहों के परिणामों पर बात की, जिसके बाद उन्होंने रूस में इन क्षेत्रों के प्रवेश पर उनके प्रमुखों के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर किए।