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संभवतः अनभिज्ञ हैं आप विश्व की सेनाओं के औसत आकार से? देखिए Sputnik का विशेष विश्लेषण

© Sputnik / Vitaliy Ankov / मीडियाबैंक पर जाएंCombat training at Bamburovo Marine Corps training grounds.
Combat training at Bamburovo Marine Corps training grounds. - Sputnik भारत, 1920, 23.02.2024
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रूस में पितृभूमि के संरक्षक दिवस के उत्सव के अवसर पर Sputnik ने विश्व की सेनाओं के विभिन्न संकेतकों पर आंकड़ों का सारांश प्रस्तुत किया है।
Sputnik ने खुले आंकड़ों से पता लगाया कि विश्व में सेना का औसत आकार 148 हजार लोगों का है। सबसे बड़ी और सबसे चोटी सेना के मध्य का अंतर 8 हजार गुना से अधिक तक पहुंचता है, जबकि विश्व के 69 देशों में भर्ती किए गए लोग औसतन डेढ़ वर्ष तक सेवा करते हैं।
रूस में 23 फरवरी को पितृभूमि के रक्षक दिवस मनाया जाता है। यह उत्सव 1922 में लाल सेना दिवस के रूप में स्थापित किया गया था, इसलिए इस दिन सैन्यकर्मियों को पारंपरिक तरह से बधाई दी जाती थी। इस अवकाश को इसका वर्तमान नाम 1995 में मिला।

सेना किस देशों के पास है?

193 राज्यों में से वेटिकन, आइसलैंड, कोस्टा रिका, पनामा और माइक्रोनेशिया सहित मात्र 23 देशों के पास सेनाएं नहीं हैं। अधिकांश राज्य जिनके पास सेना नहीं है, वे पूर्व मातृ देश या पड़ोसियों के संरक्षण में होते हुए पूर्व उपनिवेश हैं या उनके पास अर्धसैनिक बल हैं जो आंशिक रूप से सैन्य कार्य करते हैं।
विश्व की सबसे बड़ी सेना चीनी सेना है, जिसमें लगभग 20.4 लाख लोग काम करते हैं। आगे भारत (14.6 लाख) और संयुक्त राज्य अमेरिका (13.3 लाख) जाते हैं। पिछले वर्ष दिसंबर में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा हस्ताक्षरित अध्यादेश के अनुसार रूस के पास सेना के सैन्यकर्मियों की संख्या 13.2 लाख निर्धारित की गई है। ग्लोबल फायरपावर के अनुसार उत्तर कोरिया की सेना की संख्या 13.2 लाख है और यूक्रेन की 9 लाख है।
विश्व के सबसे बड़ी सेना वाले देशों में पाकिस्तान (6.54 लाख लोग), ईरान (6. 10 लाख लोग), दक्षिण कोरिया और वियतनाम (प्रत्येक 6 लाख लोग) और मिस्र (4. 40 लाख लोग) भी सम्मिलित हैं।
एंटीगुआ और बारबुडा में विश्व की सबसे छोटी सेना है। इसमें सिर्फ 245 लोग काम करते हैं, जो चीनी सैनिकों से 8.3 हजार गुना कम है। इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज के अनुसार शीर्ष 5 "बौने" सशस्त्र बलों में सेशेल्स तथा बारबाडोस और गाम्बिया सम्मिलित हैं, जिनमें क्रमशः 420, 610 और 800 सैनिक कार्य करते हैं। और शीर्ष पांच में से लक्ज़मबर्ग भी है, जहां नवीनतम आंकड़ों के अनुसार लगभग 1,000 सैनिक कार्यरत हैं।

सेना में भर्ती

69 देशों में सेना में अनिवार्य भर्ती की सेवा 18 महीने तक चल रही है।
सेवा की सबसे छोटी अवधि यानी 4 से 12 महीने तक डेनमार्क और कतर में है। कई देश मानक एक वर्ष की अवधि अपनाए रखते हैं, जिनमें रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, उज्बेकिस्तान, जॉर्जिया, ग्रीस, स्विट्जरलैंड, कुवैत और अल्जीरिया सम्मिलित हैं। दो वर्ष से अधिक सैन्य सेवा की अवधि बहुत देशों में है जैसे बेलारूस, चिली, आर्मेनिया, चीन, सिंगापुर और थाईलैंड।
अनिवार्य भर्ती जिन सेनाओं में नहीं होती, उनका गठन अनुबंधित सैनिकों द्वारा किया जाता है, लेकिन हाल के वर्षों में कई देशों को सेना में नियुक्त होने के इच्छुक लोगों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। हाल के वर्षों में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, भारत, जर्मनी और बुल्गारिया में भी अनुबंध श्रमिकों की भर्ती की समस्याओं को पहचाना गया है।

रक्षा बजट

रक्षा के लिए सबसे अधिक खर्च करने वाले दस देशों ने 2023 में कुल व्यय का अनुमान लगाया, जो रूसी मुद्रा के संदर्भ में लगभग 895.5 करोर रुपये (दस्तावेजों को अपनाने के समय विनिमय दर पर) था, जो 439 पिछले वर्ष के लिए इंडोनेशिया या स्पेन की जीडीपी है।
संयुक्त राज्य अमेरिका के खर्च 49.43 करोर रुपये हुए, जो रूसी बजट से आधे से अधिक है चीन का बजट लगभग 14.51 करोर रुपये था। 2023-2025 के लिए अपनाए गए बजट के अनुसार रूस ने पिछले वर्ष रक्षा खर्च का बजट 4.98 ट्रिलियन रूबल रखा था। भारत और ब्रिटेन का लगभग 4.45 करोर रुपये ट्रिलियन रूबल का खर्च थोड़ा कम था।
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