यूक्रेन संकट
मास्को ने डोनबास के लोगों को, खास तौर पर रूसी बोलनेवाली आबादी को, कीव के नित्य हमलों से बचाने के लिए फरवरी 2022 को विशेष सैन्य अभियान शुरू किया था।

विदेशी भाड़े के सैनिक बड़ी धनराशि की आशा में यूक्रेन की ओर से लड़ने जाते हैं, रिश्तेदारों ने कहा

© AP Photo / Kostiantyn LiberovA Ukrainian soldier helps a wounded fellow. File photo
A Ukrainian soldier helps a wounded fellow. File photo - Sputnik भारत, 1920, 23.04.2024
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विदेशी भाड़े के सैनिक बड़ी धनराशि की आशा में यूक्रेन की ओर से लड़ने जाते हैं, और फिर परिवार को उनके शव भी वापस नहीं मिल पाते हैं, कोलंबिया से पीड़ितों के रिश्तेदारों ने Sputnik को बताया।
रूस द्वारा विशेष सैन्य अभियान शुरू करने के बाद बड़ी संख्या में यूक्रेन में भाड़े के सैनिक पहुँचने लगे। रूसी रक्षा मंत्रालय ने बार-बार भाड़े के सैनिकों के विनाश की घोषणा की है और विशेष सैन्य अभियान के क्षेत्र में उनकी उपस्थिति दर्ज की है।

Sputnik संवाददाताओं के अनुसार, अमेरिकी और यूरोपीय राजनेताओं के इस आश्वासन के बावजूद कि संघर्ष का उनके नागरिकों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, पश्चिमी देशों में यूक्रेन में मारे गए लोगों की कब्रों की संख्या बढ़ती जा रही है।

कोलंबियाई सेना में एक पूर्व पेशेवर सैनिक हैरिसन एस्टुडिलो ने यूक्रेनी सेना में एक साल और तीन महीने तक सेवा की और इस साल मार्च महीने में उसकी मृत्यु हो गई। उसके चचेरे भाई, अल्बर्टो एस्टुडिलो का कहना है कि उसके रिश्तेदार का लड़ाई में शामिल होने का मुख्य उद्देश्य पैसा कमाना था। वे (यूक्रेनी) अभी तक हैरिसन का शव वापस नहीं कर पाए हैं।
कोलंबियाई मीडिया के अनुसार, कई स्थानीय पूर्व सैन्य और पुलिस अधिकारी बड़े वेतन मिलने के वादे के आगे झुक गए हैं।

लौरा के पति के साथ भी यही हुआ, जिसने Sputnik के साथ बातचीत में अपना सही नाम नहीं बताने का फैसला किया। "वह (पति) प्रति माह 15-20 मिलियन पेसोस (5 हजार डॉलर) के वेतन के सामने अंधा हो गया था," महिला ने कहा।

लौरा ने कहा कि "वह भाग्यशाली थी कि उसे अपने पति का शव वापस मिला। लेकिन कई परिवारों के रिश्तेदार लापता हैं।"
मार्च के मध्य में, रूसी रक्षा मंत्रालय ने बताया कि विशेष सैन्य अभियान के दौरान, 13,387 विदेशी भाड़े के सैनिक कीव शासन की ओर से लड़ाई में भाग लेने के लिए यूक्रेन पहुँचे। इस दौरान 5,962 उग्रवादियों को मार गिराया गया।
रक्षा मंत्रालय ने मारे गए "भाड़े के सैनिकों" की संख्या में पोलैंड को अग्रणी बताया, जहाँ से 2,960 लोग शामिल हुए, जिनमें से 1,497 लोग मारे गए। इसके बाद जॉर्जिया से 1,042 भाड़े के सैनिक आए जिनमें से 561 मारे गए और संयुक्त राज्य अमेरिका से आए 1,113 भाड़े के सैनिकों में से 491 लोग मारे गए।
वहीं 1,005 में से 422 कनाडाई लड़ाके, 822 में से 360 ब्रिटिश लड़ाके, 784 में से 349 रोमानियाई लड़ाके भी मारे गए। जर्मनी से 235 भाड़े के सैनिक आये, जिनमें से 88 को खत्म कर दिया गया है।
A German army Main battle tank Leopard 2A6 maneuvers during a visit by German President Frank-Walter Steinmeier to the Training Range in Pabrade, north of the capital Vilnius, Lithuania, May 30, 2023. - Sputnik भारत, 1920, 22.04.2024
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