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अफगानिस्तान की नजर अपने क्षेत्र के जरिए रूस से दक्षिण एशिया तक तेल निर्यात मार्ग पर है
अफगानिस्तान की नजर अपने क्षेत्र के जरिए रूस से दक्षिण एशिया तक तेल निर्यात मार्ग पर है
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काबुल ने हेरात प्रांत में एक प्रचालन केंद्र निर्माण पर मास्को के साथ बातचीत शुरू करने की योजना बनाई है
2024-05-17T13:32+0530
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काबुल ने हेरात प्रांत में एक प्रचालन केंद्र के निर्माण पर मास्को के साथ बातचीत आरंभ करने की योजना बनाई है, जो दक्षिण एशिया में रूसी तेल सहित निर्यात को सरल बनाएगा, अफगानिस्तान के उद्योग और व्यापार मंत्री नुरिद्दीन अज़ीज़ी ने Sputnik को बताया।जैसा कि अज़ीज़ी ने पहले रॉयटर्स को बताया था, तालिबान* "लाखों टन तेल" पर दांव लगा रहा है जिसे रूस आने वाले वर्षों में दक्षिण एशियाई देशों को बेचने की आशा कर रहा है।बता दें कि रूस और इस्लामिक सहयोग संगठन "रूस - इस्लामिक वर्ल्ड: कज़ानफोरम" के देशों का अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक मंच 14 से 19 मई तक रूसी शहर कज़ान में आयोजित किया गया है।ज्ञात है कि भारत रूस से कच्चे तेल के आयात के कारण पेट्रोल के मूल्य को नियंत्रित रखने में सक्षम रहा है, वहीं एशिया के अन्य देश भी अपनी घरेलू ऊर्जा आवश्यकताओं को पूर्ण करने के लिए रूसी तेल की खरीद को बढ़ाना चाहते है।*संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के अधीन
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अफगानिस्तान की नजर अपने क्षेत्र के जरिए रूस से दक्षिण एशिया तक तेल निर्यात मार्ग पर है
अफगानिस्तान के मंत्री ने यह भी कहा कि काबुल के पास पहले से ही तुर्कमेनिस्तान और कजाकिस्तान के साथ एक समान रसद केंद्र के निर्माण का कार्यक्रम है, और अफगानिस्तान का निजी क्षेत्र भी इसमें भाग ले रहा है।
काबुल ने हेरात प्रांत में एक प्रचालन केंद्र के निर्माण पर मास्को के साथ बातचीत आरंभ करने की योजना बनाई है, जो दक्षिण एशिया में रूसी तेल सहित निर्यात को सरल बनाएगा, अफगानिस्तान के उद्योग और व्यापार मंत्री नुरिद्दीन अज़ीज़ी ने Sputnik को बताया।
"हम इस विषय पर बातचीत आरंभ करना चाहते हैं, और रूसी तेल के पारगमन के हिस्से को अफगानिस्तान के क्षेत्र से होकर गुजरना चाहते हैं, क्योंकि यह निकटतम मार्ग है," अज़ीज़ी ने "रूस-इस्लामिक वर्ल्ड: कज़ानफ़ोरम" फोरम के अवसर पर कहा।
जैसा कि अज़ीज़ी ने पहले रॉयटर्स को बताया था, तालिबान* "लाखों टन तेल" पर दांव लगा रहा है जिसे रूस आने वाले वर्षों में दक्षिण एशियाई देशों को बेचने की आशा कर रहा है।
बता दें कि रूस और इस्लामिक सहयोग संगठन "
रूस - इस्लामिक वर्ल्ड: कज़ानफोरम" के देशों का अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक मंच 14 से 19 मई तक रूसी शहर कज़ान में आयोजित किया गया है।
ज्ञात है कि भारत
रूस से कच्चे तेल के आयात के कारण पेट्रोल के मूल्य को नियंत्रित रखने में सक्षम रहा है, वहीं एशिया के अन्य देश भी अपनी घरेलू ऊर्जा आवश्यकताओं को पूर्ण करने के लिए रूसी तेल की खरीद को बढ़ाना चाहते है।
*संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के अधीन