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भारतीय सेना ने 9 महीने पहले लापता हुए अपने तीन साथियों के शव निकाले
भारतीय सेना ने 9 महीने पहले लापता हुए अपने तीन साथियों के शव निकाले
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किसी साथी को पीछे नहीं छोड़ने की परंपरा को निभाते हुए भारतीय सेना ने 22 दिनों की मेहनत के बाद 18300 फीट ऊंचाई में दबे अपने तीन साथियों के शव निकाल लिए।
2024-07-10T14:41+0530
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इस खोज अभियान का नेतृत्व भारतीय सेना के हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल (HAWS) के डिप्टी कमांडेट ब्रिगेडियर एस.एस. शेखावत ने किया। इस अभियान में भारतीय सेना के 88 माहिर पर्वतारोही शामिल थे।4 जुलाई को डोगरा स्काउट के हवलदार रोहित का शव 30 फीट बर्फ के नीचे से निकाल लिया गया। 7 जुलाई को हवलदार ठाकुर बहादुर और 8 जुलाई को नायक गौतम राजबंशी का शव भी तलाश कर लिया गया। सभी शव सैनिक सम्मान के साथ परिवारजनों के पास भेज दिए गए हैं। पिछले साल पर्वतारोहण दुर्घटना का शिकार हुए HAWS के दल का कोई सदस्य अब लापता नहीं है।
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लद्दाख खोज अभियान haws भारतीय सेना डोगरा स्काउट्स गोरखा राइफल्स
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भारतीय सेना ने 9 महीने पहले लापता हुए अपने तीन साथियों के शव निकाले
14:41 10.07.2024 (अपडेटेड: 15:44 10.07.2024) किसी साथी को पीछे नहीं छोड़ने की परंपरा को निभाते हुए भारतीय सेना ने 22 दिनों की मेहनत के बाद 18300 फीट की ऊंचाई पर लापता हुए अपने तीन साथियों के शव खोज लिए हैं। ये सभी पिछले साल 8 अक्टूबर को एक पर्वतारोहण अभियान के दौरान बर्फीले तूफ़ान में दब गए थे।
इस खोज अभियान का नेतृत्व भारतीय सेना के हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल (HAWS) के डिप्टी कमांडेट ब्रिगेडियर एस.एस. शेखावत ने किया। इस अभियान में भारतीय सेना के 88 माहिर पर्वतारोही शामिल थे।
HAWS ने इस साल मौसम साफ़ होते ही 18 जून को ऑपरेशन RTG शुरू किया। ऑपरेशन का नाम तीनों साथियों हवलदार रोहित, हवलदार ठाकुर बहादुर और नायक गौतम के सम्मान में रखा गया था।
4 जुलाई को डोगरा स्काउट के हवलदार रोहित का शव 30 फीट बर्फ के नीचे से निकाल लिया गया। 7 जुलाई को हवलदार ठाकुर बहादुर और 8 जुलाई को नायक गौतम राजबंशी का शव भी तलाश कर लिया गया। सभी शव सैनिक सम्मान के साथ परिवारजनों के पास भेज दिए गए हैं। पिछले साल पर्वतारोहण दुर्घटना का शिकार हुए HAWS के दल का कोई सदस्य अब लापता नहीं है।
पिछले साल 8 अक्टूबर को लद्दाख के कुन पर्वत पर चढ़ाई के दौरान HAWS का 38 सदस्यीय पर्वतारोही दल बर्फीले तूफ़ान और एवेलांच की चपेट में आ गया। हादसे के शिकार केवल एक सदस्य का शव मिल पाया और तीन सदस्यों के शव बर्फ में दबे रह गए।