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भारत को बांग्लादेश में स्थिति अस्थिर करने के पश्चिमी प्रयासों को रोकना चाहिए: विशेषज्ञ

© AP Photo / Manish SwarupIndian Prime Minister Narendra Modi, right, watches his Bangladeshi counterpart Sheikh Hasina wave to the media before their meeting in New Delhi, India, Saturday, Oct. 5, 2019.
Indian Prime Minister Narendra Modi, right, watches his Bangladeshi counterpart Sheikh Hasina wave to the media before their meeting in New Delhi, India, Saturday, Oct. 5, 2019. - Sputnik भारत, 1920, 28.07.2024
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विशेषज्ञ के अनुसार, यदि स्थिति अधिक खराब होती है, तो भारत के लिए बड़ी चुनौतियां पैदा हो सकती हैं।
बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना ने शनिवार को हालिया विरोध प्रदर्शनों को एक गंभीर साजिश का हिस्सा बताया जिसका उद्देश्य बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाकर उसे गरीबी की स्थिति में पहुंचाना है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) द्वारा विरोध प्रदर्शनों को रोकने में विफल रहने के बाद प्राधिकारियों ने देशव्यापी कर्फ्यू लगा दिया और विरोध प्रदर्शन को समाप्त करने के लिए सेना की टुकड़ियाँ तैनात कर दीं।

इंटरनेशनल कन्सेर्वटिवे राजनीतिक, आर्थिक और विदेश नीति विशेषज्ञ डॉ. सुव्रोकमल दत्ता ने Sputnik India को बताया कि अमेरिका, यूरोप और ब्रिटेन में पश्चिमी मीडिया पर शेख हसीना की सरकार को अस्थिर करने और उसे अवैध ठहराने के लिए बांग्लादेश में विपक्षी दलों के साथ मिलीभगत करने का संदेह है, जिसका संभावित उद्देश्य उन्हें सत्ता से हटाना है।

दत्ता ने इस बात पर जोर दिया कि बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार ने बांग्लादेश में उग्रवाद, कट्टरवाद से निपटने के लिए निर्णायक कदम उठाए हैं।

विशेषज्ञ ने कहा कि उन्होंने "खालिदा जिया के पिछले शासन के तहत जमात-ए-इस्लामी* और तालिबान** से संबद्ध समूहों को नियंत्रित करने और समाप्त करने के लिए भी महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं।"

दत्ता ने कहा कि पिछले 15 वर्षों में शेख हसीना का नेतृत्व प्रभावी रहा है, जिसका प्रमाण उनकी हालिया चुनावी जीत है, जबकि अमेरिका और पश्चिमी देशों ने विपक्ष को समर्थन देकर चुनावों को कमजोर करने का कथित प्रयास किया था।

दत्ता ने कहा कि भारत सरकार निष्क्रिय नहीं रह सकती, क्योंकि बांग्लादेश में अस्थिर स्थिति से भारत के सामरिक संतुलन तथा इसकी क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखंडता को खतरा हो सकता है।

उन्होंने कहा कि एक बार बांग्लादेशी सेना और पुलिस अपने नियमित काम पर लौट आए तो भी भविष्य में तनाव बढ़ने का खतरा बना रहेगा, क्योंकि मौजूदा उथल-पुथल में विदेशी ताकतें शामिल हैं।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि ऐसी अशांति बढ़ती है, तो यह भारत के लिए बड़ी चुनौतियां उत्पन्न कर सकती है, जिससे संभावित रूप से सीमा पार शरणार्थी मुद्दे और राजनीतिक शरण की मांग जैसे मुद्दे उत्पन्न हो सकते हैं।

दत्ता ने इस बात पर जोर दिया कि भारत सरकार को बांग्लादेश में स्थिरता बनाए रखने के लिए हर संभव कार्रवाई करनी चाहिए तथा शेख हसीना को वर्तमान में उनके सामने मौजूद चुनौतियों से निपटने में सहायता करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि भारत को सभी उपलब्ध संसाधनों का उपयोग यह सुनिश्चित करने के लिए करना चाहिए कि बांग्लादेश में चुनौतियों के बीच शेख हसीना की मित्रवत सरकार स्थिर बनी रहे।
*बांग्लादेश में प्रतिबंधित
**आतंकवाद के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के तहत
Indian Foreign Minister Subramanyam Jaishankar, Singapore's Foreign Minister Vivian Balakrishnan and Philippine Foreign Secretary Enrique Manalo hold hands for a group photo at the ASEAN Post Ministerial Conference with India - Sputnik भारत, 1920, 26.07.2024
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