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हानिया की हत्या में 'भारतीय' मोसाद एजेंट की झूठी अफवाह पर मीडिया ने भरोसा किया
हानिया की हत्या में 'भारतीय' मोसाद एजेंट की झूठी अफवाह पर मीडिया ने भरोसा किया
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एक दिलचस्प मोड़ में, तुर्की मीडिया ने हाल ही में खबर दी कि हमास के शीर्ष नेता इस्माइल हानिया की हत्या ‘अमित नकेश’ नामक एक रहस्यमय मोसाद एजेंट ने की थी।
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इज़राइली सोशल मीडिया उपयोगकर्ता, जो काल्पनिक इज़राइली सैनिकों और मोसाद एजेंटों के बारे में मनगढ़ंत नाम और कहानियां लिखकर फर्जी पोस्ट बनाने के लिए जाने जाते हैं, ऐसा लगता है कि इस स्थिति में उनकी भी भूमिका रही है।दिलचस्प बात यह है कि ‘अमित नकेश’ नाम हिब्रू शब्द ‘हमितनकेश’ से मिलता-जुलता है, जिसका अर्थ है ‘हत्यारा’। इस समानता ने शायद भ्रम उत्पन्न किया होगा।जेरूसलम पोस्ट के अनुसार, रिपोर्टों में इस काल्पनिक मोसाद एजेंट का विवरण भी दिया गया, जिसके बाद जब इज़रायली नेटिज़न्स को इस कहानी की भनक लगी तो उनका और भी मज़ाक उड़ाया गया।रिपोर्ट में कहा गया है कि उसाक ओले सहित कुछ मीडिया संस्थानों ने कथित एजेंट की विस्तृत पृष्ठभूमि उपलब्ध कराते हुए दावा किया कि वह विशिष्ट ऑपरेशनों में विशेषज्ञता रखने वाला एक पूर्व आईडीएफ अधिकारी था तथा एक गुप्त खुफिया इकाई का हिस्सा रह चुका था।
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हानिया की हत्या में 'भारतीय' मोसाद एजेंट की झूठी अफवाह पर मीडिया ने भरोसा किया
एक दिलचस्प मोड़ में तुर्की मीडिया ने हाल ही में खबर दी कि हमास के शीर्ष नेता इस्माइल हानिया की हत्या ‘अमित नकेश’ नामक एक रहस्यमय मोसाद एजेंट ने की थी। यह नाम अजीब तरह से एक भारतीय नाम से मिलता-जुलता है, यूरेशियन टाइम्स ने रिपोर्ट की।
इज़राइली सोशल मीडिया उपयोगकर्ता, जो काल्पनिक इज़राइली सैनिकों और मोसाद एजेंटों के बारे में मनगढ़ंत नाम और कहानियां लिखकर फर्जी पोस्ट बनाने के लिए जाने जाते हैं, ऐसा लगता है कि इस स्थिति में उनकी भी भूमिका रही है।
ऐसा प्रतीत होता है कि तुर्की मीडिया ने इन मनगढ़ंत कहानियों को पकड़ लिया और गलती से यह रिपोर्ट दे दी कि अमित नकेश नामक एक एजेंट इस हत्या के लिए जिम्मेदार था और इस तरह एक काल्पनिक चरित्र का निर्माण कर दिया।
दिलचस्प बात यह है कि ‘अमित नकेश’ नाम हिब्रू शब्द ‘हमितनकेश’ से मिलता-जुलता है, जिसका अर्थ है ‘हत्यारा’। इस समानता ने शायद भ्रम उत्पन्न किया होगा।
जेरूसलम पोस्ट के अनुसार, रिपोर्टों में इस काल्पनिक
मोसाद एजेंट का विवरण भी दिया गया, जिसके बाद जब इज़रायली नेटिज़न्स को इस कहानी की भनक लगी तो उनका और भी मज़ाक उड़ाया गया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि उसाक ओले सहित कुछ मीडिया संस्थानों ने कथित एजेंट की विस्तृत पृष्ठभूमि उपलब्ध कराते हुए दावा किया कि वह विशिष्ट ऑपरेशनों में विशेषज्ञता रखने वाला एक पूर्व आईडीएफ अधिकारी था तथा एक गुप्त खुफिया इकाई का हिस्सा रह चुका था।