- Sputnik भारत, 1920
Sputnik स्पेशल
उबाऊ राजनीतिक मामले और अधिकारियों की टिप्पणियाँ आपको Sputnik से नहीं मिलेंगी! देश और विदेश से आम ही लोग अपनी भावनाएं और आकांक्षाएं Sputnik से साझा करते हैं। ह्रदय को छूनेवाली कहानियाँ, प्रेरणादायक सामग्रियाँ और आश्चर्यपूर्ण रहस्योद्घाटन प्राप्त करें!

क्या अमेरिका जानबूझकर तेजस जेट के लिए इंजनों की आपूर्ति में कर रहा है विलंब?

© AP Photo / Aijaz RahiIndian Air Force's fighter aircraft Tejas performs aerobatic maneuvers on the fourth day of the Aero India 2023 at Yelahanka air base in Bengaluru, India, Thursday, Feb. 16, 2023.
Indian Air Force's fighter aircraft Tejas performs aerobatic maneuvers on the fourth day of the Aero India 2023 at Yelahanka air base in Bengaluru, India, Thursday, Feb. 16, 2023. - Sputnik भारत, 1920, 18.08.2024
सब्सक्राइब करें
सामरिक मामलों के विशेषज्ञों ने Sputnik India को कहा कि अमेरिका द्वारा भारत को अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टरों और तेजस लड़ाकू विमानों के इंजन सहित महत्वपूर्ण सैन्य हार्डवेयर की आपूर्ति में देरी नई दिल्ली पर दबाव बनाने की अमेरिकी रणनीति का हिस्सा हो सकती है।
अमेरिकी रक्षा प्रमुख कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (GE) द्वारा भारत के स्वदेशी तेजस युद्धक विमानों के लिए इंजनों की आपूर्ति में देरी ने हिन्दुस्तान एरनॅटिक्स लिमिटेड (HAL) के विमान के उत्पादन की समयसीमा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। इसके बाद भारतीय सेना को अपाचे हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति भी स्थगित कर दी गई है।
भारतीय सेना ने 2020 में छह अपाचे हेलीकॉप्टरों के लिए 600 मिलियन डॉलर का सौदा किया था और देश के सशस्त्र बलों को मई 2024 में अमेरिका से पहला बैच मिलना चाहिए था, लेकिन उसे अभी तक हेलिकॉप्टरों की एक भी इकाई नहीं मिली है।
राष्ट्रीय सुरक्षा थिंक टैंक यूसनस फाउंडेशन के सीईओ डॉ. अभिनव पंड्या ने शुक्रवार को Sputnik India को बताया कि इस अमेरिका द्वारा की गई देरी का लक्ष्य नई दिल्ली को संदेश देना या नाराजगी व्यक्त करना हो सकता है।

उन्होंने कहा, "अपाचे हेलीकॉप्टरों और तेजस युद्धक विमानों के लिए GE इंजन की आपूर्ति में देरी भारत को अस्थिर करने के अमेरिकी लक्ष्य से संबंधित हो सकती है। हालांकि, इस सैन्य उपकरण की देरी और भारत के कार्य को बाधित करने की अमेरिकी षड़यंत्र के बीच सीधा संबंध स्थापित करने के लिए और अधिक ठोस सबूत सामने आने की आवश्यकता है।"

उन्होंने आगे कहा कि बांग्लादेश में शेख हसीना के सत्ता जाने के बाद भारतीय रक्षा अधिकारियों और देश के राजनीतिक नेताओं का एक पूर्वधारणा है कि विदेशी बल भारत को कमजोर करने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को अस्थिर करने के प्रयास किए गए, जिससे इस लोकप्रिय धारणा की पुष्टि हुई कि विदेशी बलों का देश में स्थिति परिवर्तन करने की मंशा है।

पंड्या ने कहा, "बांग्लादेश और हिंडनबर्ग रिपोर्ट जैसी घटनाएं ऐसी धारणाओं को और भी बल देती हैं, विशेष रूप से इस राय को कि अमेरिकी डीप स्टेट के नेतृत्व में पश्चिम नई दिल्ली में ढाका जैसा कुछ करने का प्रयास कर रहा है।"

वहीं रक्षा विश्लेषक गिरीश लिंगन्ना ने Sputnik India से बातचीत करते हुए बताया कि हाल ही में अमेरिका और भारत के रिश्तों में खटास आई है।

लिंगन्ना ने कहा, "भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था की आलोचना और हाल के जासूसी के मुद्दों ने तनाव को बढ़ा दिया है। भारत की विदेश नीति से मुख्यतः रूस के साथ उसके करीबी संबंधों से अमेरिका संतुष्ट नहीं है, इन रिश्तों ने तनाव को और बढ़ा दिया है। कुछ लोग इन कार्रवाइयों को अमेरिका द्वारा भारत को प्रभावित करने की कोशिश के रूप में देख सकते हैं, जिससे क्षेत्र में अस्थिरता उत्पन्न हो सकती है।"

लिंगन्ना ने अपनी बात में जोड़ते हुए कहा कि अन्य देशों में हस्तक्षेप करने तथा शासन परिवर्तनों में अमेरिका की संलिप्तता के इतिहास को देखते हुए यह समझ में आता है कि क्यों कुछ लोग इन कार्यों पर संदेह करने लगते हैं।
साथ ही लिंगन्ना ने बल दिया कि अंतर्राष्ट्रीय संबंध जटिल होते हैं, जिसे कई विभिन्न कारक प्रभावित करते हैं और इसलिए हर बात के लिए एक ही षड़यंत्र को दोषी ठहराना स्थिति को बहुत सरल बनाना है।
उन्होंने कहा कि अपाचे हेलीकॉप्टरों और GE इंजनों की आपूर्ति में देरी भारत के रक्षा बलों के लिए महत्वपूर्ण समस्याएं पैदा कर रही है, जिसे उन्होंने निम्न श्रेणियों में वर्गीकृत किया:
तत्परता के मुद्दे: भारतीय वायुसेना (IAF) और थल सेना को झटके लग रहे हैं। तेजस Mk-1A में देरी वायु रक्षा प्रभावित करती है, जबकि अपाचे हेलीकॉप्टरों की अनुपस्थिति से हमले और टोही मिशन प्रभावित होते हैं।
सामरिक चुनौती: इन देरियों के कारण भारतीय सेना को पुराने उपकरणों का उपयोग करना पड़ता है, जो संभवतः उतना अच्छा काम न कर पाएं और मिशन के दौरान जोखिम बढ़ा सकते हैं।
प्रशिक्षण में विलंब: समय-सारिणी में व्यवधान के कारण पायलटों और ग्राउंड क्रू को प्रशिक्षित करना कठिन हो जाता है, जिससे इन उन्नत प्रणालियों के एकीकरण में देरी होती है।
दूसरों पर निर्भरता: विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भरता कमजोरियों को दर्शाती है, जिससे भारत के लिए अपने स्थानीय रक्षा उत्पादन में तेजी लाने की आवश्यकता पर प्रकाश पड़ता है।
कूटनीतिक तनाव: वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के मुद्दे आम हैं, लेकिन अमेरिका जैसे प्रमुख रक्षा साझेदार की ओर से बार-बार की जाने वाली देरी कूटनीतिक संबंधों को प्रभावित कर सकती है और विश्वास को भी प्रभावित कर सकती है।
यह मुद्दा 23-27 अगस्त को भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अमेरिका दौरे के दौरान उनके अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन के साथ चर्चा का मुख्य विषय होने की संभावना है। सिंह से आशा की जा रही है कि वे अमेरिका से दी गई चुनौतियों का समाधान खोजने का आग्रह करेंगे, क्योंकि दोनों देश द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मानते हैं।
Indian Air Force & Indian Army carry out first-of-its-kind precise para-drop of BHISHM critical trauma care cube at 15,000 feet - Sputnik भारत, 1920, 17.08.2024
डिफेंस
दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में तुरंत होगी ट्रॉमा केयर, पैराशूट के जरिए 15000 फीट पर पहुंची संजीवनी
न्यूज़ फ़ीड
0
loader
चैट्स
Заголовок открываемого материала