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मेटा के RT और Sputnik पर लगाए बैन को विशेषज्ञों ने बताया राजनीति से प्रेरित

© Sputnik / Фотохост-агентство РИА Новости / मीडियाबैंक पर जाएंSputnik and RT at the SPIEF-2023
Sputnik and RT at the SPIEF-2023 - Sputnik भारत, 1920, 17.09.2024
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यह प्रतिबंध अमेरिका द्वारा रूसी मीडिया आउटलेट पर प्रतिबंध लगाने के कुछ ही दिनों बाद लगाया गया है हालांकि रूस ने बार-बार विदेशी हस्तक्षेप से इनकार किया है।
मेटा* के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि मेटा ने RT और Sputnik पर विदेशी हस्तक्षेप का आरोप लगाते हुए उन्हें वैश्विक स्तर पर अपने ऐप से प्रतिबंधित कर दिया।
मेटा का प्रतिबंध फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप और थ्रेड्स पर भी लागू किया जाएगा, संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन द्वारा RT और अन्य मॉस्को-नियंत्रित मीडिया के खिलाफ प्रतिबंधों की घोषणा के कुछ दिनों बाद आया है।

बयान में कहा गया, "सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद हमने रूसी राज्य मीडिया आउटलेट के खिलाफ अपने चल रहे प्रवर्तन का विस्तार किया। सोमवार को एनबीसी न्यूज द्वारा प्राप्त एक बयान में एक प्रवक्ता ने कहा कि Sputnik की पेरन्ट कंपनी रोसिया सेगोदन्या, RT और अन्य संबंधित संस्थाओं को अब विदेशी हस्तक्षेप गतिविधि के लिए वैश्विक स्तर पर हमारे ऐप से प्रतिबंधित कर दिया गया है।"

इस बैन पर विशेषज्ञों की राय

बैन पर विश्लेषकों ने Sputnik को दिए अलग-अलग साक्षात्कारों में कहा कि मेटा द्वारा रूस के Sputnik और RT समाचार आउटलेट को वैश्विक स्तर पर अपने ऐप से प्रतिबंधित करने का राजनीतिक रूप से प्रेरित कदम कंपनी के पक्षपाती दृष्टिकोण को दर्शाता है।
कर्टिन विश्वविद्यालय के राजनीतिक वैज्ञानिक और ग्लोबल फ्यूचर्स के डीन प्रोफेसर जो सिराकुसा ने Sputnik को बताया की अमेरिकी धारणा रूसी सुचना के बारे में गलत है।

प्रोफेसर जो सिराकुसा ने कहा, "संयुक्त राज्य अमेरिका में एक धारणा है कि रूसी सूचना का प्रवाह हमेशा गलत सूचना होगी और यह डोनाल्ड ट्रम्प के पक्ष में झुकेगी, भले ही [रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर] पुतिन ने कहा है कि वह कमला हैरिस से भी निपट सकते हैं। यह [धारणा] बिल्कुल असत्य है। मेरा मतलब है, विचार अमेरिकी लोगों को डराने का है कि वे एक विचार को दूसरे से नहीं पहचानते हैं। मेरा मतलब है, यह स्मोकस्क्रीन है।"

सिराकुसा ने कहा कि इस प्रकार, यह विचार कि रूस अपना सारा समय अमेरिकी जनता को प्रचारित करने में बिताता है,और यह कि "वहां ऐसी जानकारी का एक समूह है जो उनके विश्वास और उनकी स्वतंत्रता को कमजोर करने वाला है, हास्यास्पद है।"
राजनीतिक जानकार आगे बताते हैं कि एक अमेरिकी कंपनी की ओर से आने वाला यह निर्णय "बहुत बुरा निर्णय है।
Sputnik के साथ एक अलग साक्षात्कार में फेसबुक व्हिसलब्लोअर रयान हार्टविग ने कहा कि एक पूर्व फेसबुक कंटेंट मॉडरेटर के रूप में उन्होंने स्वयं देखा कि कैसे कंपनी ने "दुनिया भर में चुनावों को प्रभावित किया।

"फेसबुक स्पष्ट रूप से पक्षपाती है और चुनावों को लेकर उसका एजेंडा है। अपनी स्वेक्षा से, यह कुछ राजनेताओं की रक्षा के लिए समाचार योग्य अपवाद बना सकता है। वे अपने स्वयं के ऐप को प्रतिबंधित कर सकते हैं और विदेशी हस्तक्षेप गतिविधि के लिए स्वयं पर मुकदमा चला सकते हैं," हार्टविग, जो "बिहाइंड द मास्क ऑफ फेसबुक: ए व्हिसलब्लोअर शॉकिंग स्टोरी ऑफ बिग टेक बायस एंड सेंसरशिप" के सह-लेखक हैं, बताते हैं।

जब फेसबुक के विदेशी प्रभाव की बात आती है, तो हार्टविग के अनुसार, स्पेन, वेनेजुएला और अमेरिका में चुनावों का उल्लेख करना पर्याप्त है। इस तथ्य को देखते हुए कि फेसबुक हंटर बिडेन लैपटॉप गाथा जैसी "प्रमुख कहानियों को दबाने के लिए" अमेरिका के संघीय जांच ब्यूरो (FBI) से प्रभावित था।

हार्टविग ने कहा, "अन्य देशों को मेटा को एक सरकारी एजेंसी मानना ​​चाहिए," व्हिसलब्लोअर कहते हैं। जबकि यूक्रेन संकट के लिए, "यह स्पष्ट है कि मेटा एक विदेशी संघर्ष के लिए एक प्रॉक्सी के रूप में अमेरिकी सरकार और अमेरिकी विदेश विभाग के साथ समन्वय में कार्य कर रहा है।"

*चरमपंथ के लिए रूस में प्रतिबंधित
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