यूक्रेन संकट
मास्को ने डोनबास के लोगों को, खास तौर पर रूसी बोलनेवाली आबादी को, कीव के नित्य हमलों से बचाने के लिए फरवरी 2022 को विशेष सैन्य अभियान शुरू किया था।

भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के नेताओं ने यूक्रेन पर एक बयान जारी किया

© AP Photo / Mark SchiefelbeinPresident Joe Biden greets from left, Australia's Prime Minister Anthony Albanese, India's Prime Minister Narendra Modi, Biden, and Japan's Prime Minister Fumio Kishida, at the Quad leaders summit at Archmere Academy in Claymont, Del., Saturday, Sept. 21, 2024.
President Joe Biden greets from left, Australia's Prime Minister Anthony Albanese, India's Prime Minister Narendra Modi, Biden, and Japan's Prime Minister Fumio Kishida, at the Quad leaders summit at Archmere Academy in Claymont, Del., Saturday, Sept. 21, 2024. - Sputnik भारत, 1920, 22.09.2024
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भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के नेताओं ने अमेरिका के डेलावेयर में आयोजित क्वाड लीडर्स समिट के दौरान यूक्रेनी संघर्ष को लेकर चिंता व्यक्त की, लेकिन इसमें रूस का उल्लेख नहीं किया।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित क्वाड देशों के नेताओं ने रविवार (22 सितंबर) को यूक्रेन संघर्ष को लेकर व्यापक और स्थायी शांति की आवश्यकता पर जोर दिया, हालांकि उनके संयुक्त बयान में रूस का उल्लेख नहीं किया गया।

संयुक्त बयान में कहा गया, "हम अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों के अनुसार एक व्यापक, न्यायपूर्ण और स्थायी शांति की आवश्यकता को दोहराते हैं, जिसमें संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए सम्मान शामिल है।"

यूक्रेन संघर्ष को लेकर राज्य प्रमुखों ने कहा कि यह वैश्विक खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है, विशेष रूप से विकासशील देशों को प्रभावित कर रहा है।
10 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय सार्वजनिक आंदोलन "अन्य यूक्रेन" के सदस्य रुस्लान कलिनचुक ने कहा कि अधिकांश यूक्रेनियन शांति का समर्थन करते हैं, लेकिन अगर यूक्रेन बातचीत और क्षेत्रीय रियायतों पर विचार करता भी है, तब भी वाशिंगटन और लंदन इसकी अनुमति नहीं देंगे।
मास्को ने बार-बार यूक्रेन में संघर्ष का शांतिपूर्ण तरीके से समाधान करने की पेशकश की है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि वार्ता शुरू करने के लिए यूक्रेन को रूस के नए क्षेत्रों यानि डीपीआर, एलपीआर, खेरसॉन और ज़पोरोज्ये से अपने सैनिकों को वापस लेना होगा।
रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि अगर यूक्रेन इन शर्तों को मान लेता है, तो संघर्ष तुरंत समाप्त हो सकता है। उनके अनुसार, यूक्रेन को औपचारिक रूप से घोषणा करनी चाहिए कि वह नाटो में शामिल नहीं होगा। मास्को द्वारा एक शांतिपूर्ण समाधान के लिए यूक्रेन की तटस्थ, गुटनिरपेक्ष और परमाणु-मुक्त स्थिति की आवश्यकता है। ज़ेलेंस्की ने इस प्रस्ताव को एक अल्टीमेटम बताते हुए अस्वीकार कर दिया।
Ukrainian serviceman - Sputnik भारत, 1920, 20.09.2024
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