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पुतिन ने नई परमाणु सिद्धांत अपनाकर पश्चिमी खतरे का जवाब दिया: दिमित्री किसेलेव
पुतिन ने नई परमाणु सिद्धांत अपनाकर पश्चिमी खतरे का जवाब दिया: दिमित्री किसेलेव
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रूस शांति का समर्थक है और पिछले 25 वर्षों से बहुध्रुवीय विश्व का विचारक रहा है, नई दिल्ली में Sputnik मीडिया कार्यक्रम में Sputnik न्यूज एजेंसी की मूल कंपनी 'Rossiya Segodnya' मीडिया समूह के महानिदेशक दिमित्री किसेलेव ने कहा।
2024-11-19T19:13+0530
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शांति अमेरिका और रूस के बीच परमाणु संतुलन पर निर्भर है, यह एक ऐसा तथ्य है जिससे कोई अस्वीकार नहीं करता, किसेलेव ने कहा।आगे उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों के बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि "फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने पिछले हफ़्ते कहा था कि सब देश शाकाहारी और मांसाहारी में बंटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि फ्रांस अब तक शाकाहारी रहा है, लेकिन वह इस तरह से जीवित नहीं रह सकता और उसे मांसाहारी बनना होगा। तो ज़रा रुकिए, फ्रांस शाकाहारी कब था?"उन्होंने आगे कहा, "औपनिवेशिक काल के दौरान? या यह नाटो के हिस्से के रूप में शाकाहारी था, जब समूह पूर्व की ओर रूसी सीमाओं की ओर बढ़ा? हमें गुमराह किया जा रहा है और अब, जब मैक्रों कहते हैं कि उन्हें मांसाहारी बनना चाहिए, तो हमें क्या आशा करनी चाहिए? खैर, जाहिर है, नई मिसाइलें हमारी दिशा में लक्षित हैं।""क्या हम और अधिक तनाव बढ़ाना चाहते हैं? रूस निश्चित रूप से और अधिक तनाव नहीं चाहता," उन्होंने कहा। किसेलेव 19 नवंबर को नई दिल्ली में Sputnik India द्वारा आयोजित “भारतीय और रूसी मीडिया के मध्य सहयोग के नए रास्ते: भारत और रूस के लोगों के बीच संबंधों को बढ़ावा देना” कार्यक्रम में बोल रहे थे।
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परमाणु संतुलन पर निर्भर, sputnik न्यूज एजेंसी की मूल कंपनी, रूस शांति का समर्थक, बहुध्रुवीय विश्व का विचारक, sputnik मीडिया कार्यक्रम, rossiya segodnya मीडिया समूह, गैर-परमाणु राज्य की आक्रामकता, पश्चिमी खतरों का जवाब, नये परमाणु सिद्धांत
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पुतिन ने नई परमाणु सिद्धांत अपनाकर पश्चिमी खतरे का जवाब दिया: दिमित्री किसेलेव
रूस शांति चाहता है, रूस पिछले 25 वर्षों से बहुध्रुवीय विश्व का विचारक रहा है, नई दिल्ली में Sputnik मीडिया कार्यक्रम में Sputnik न्यूज एजेंसी की मूल कंपनी 'Rossiya Segodnya' मीडिया समूह के महानिदेशक दिमित्री किसेलेव ने कहा।
शांति अमेरिका और रूस के बीच परमाणु संतुलन पर निर्भर है, यह एक ऐसा तथ्य है जिससे कोई अस्वीकार नहीं करता, किसेलेव ने कहा।
आगे उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों के बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि "फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने पिछले हफ़्ते कहा था कि सब देश शाकाहारी और मांसाहारी में बंटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि फ्रांस अब तक शाकाहारी रहा है, लेकिन वह इस तरह से जीवित नहीं रह सकता और उसे मांसाहारी बनना होगा। तो ज़रा रुकिए, फ्रांस शाकाहारी कब था?"
उन्होंने आगे कहा, "औपनिवेशिक काल के दौरान? या यह नाटो के हिस्से के रूप में शाकाहारी था, जब समूह पूर्व की ओर
रूसी सीमाओं की ओर बढ़ा? हमें गुमराह किया जा रहा है और अब, जब मैक्रों कहते हैं कि उन्हें मांसाहारी बनना चाहिए, तो हमें क्या आशा करनी चाहिए? खैर, जाहिर है, नई मिसाइलें हमारी दिशा में लक्षित हैं।"
"आज राष्ट्रपति पुतिन ने पश्चिमी खतरों का जवाब नये परमाणु सिद्धांत को अपनाकर दिया है, जिसके अनुसार रूस किसी परमाणु राज्य द्वारा समर्थित किसी गैर-परमाणु राज्य की आक्रामकता को एक संयुक्त आक्रमण मानेगा, और हमें तदनुसार परमाणु प्रतिक्रिया का अधिकार है," किसेलेव ने रूस के नए परमाणु सिद्धांत पर टिप्पणी करते हुए कहा।
"क्या हम और अधिक तनाव बढ़ाना चाहते हैं? रूस निश्चित रूप से और अधिक तनाव नहीं चाहता," उन्होंने कहा।
किसेलेव 19 नवंबर को नई दिल्ली में Sputnik India द्वारा आयोजित “भारतीय और रूसी मीडिया के मध्य सहयोग के नए रास्ते: भारत और रूस के लोगों के बीच संबंधों को बढ़ावा देना” कार्यक्रम में बोल रहे थे।