https://hindi.sputniknews.in/20250120/we-either-chopped-wood-for-the-commanders-or-never-saw-them-ukrainian-prisoners-8683292.html
हमने अपने कमांडरों को कभी देखा ही नहीं: पकड़े गए यूक्रेनी सैनिक का बयान
हमने अपने कमांडरों को कभी देखा ही नहीं: पकड़े गए यूक्रेनी सैनिक का बयान
Sputnik भारत
कुर्स्क क्षेत्र में पकड़े गए यूक्रेनी सैनिक विक्टर गोर्डिएन्को ने कहा कि जिन इकाइयों में उन्होंने सेवा की, उनमें से एक में उन्होंने कमांडरों के लिए जलाऊ लकड़ी काटी, जबकि दूसरी में उन्होंने सार्जेंट से ऊपर किसी को कभी नहीं देखा।
2025-01-20T15:07+0530
2025-01-20T15:07+0530
2025-01-20T15:07+0530
यूक्रेन संकट
रूस का विकास
रूस
मास्को
यूक्रेन
यूक्रेन सशस्त्र बल
यूक्रेन का जवाबी हमला
यूक्रेन की सुरक्षा सेवा (sbu)
रूसी सेना
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e8/07/02/7754045_0:0:3072:1728_1920x0_80_0_0_6aab49d048573a557c2825d0dc062d5a.jpg
रूसी सेना द्वारा कुर्स्क क्षेत्र में पकड़े गए यूक्रेनी सशस्त्र बलों के सैनिक विक्टर गोर्डिएन्को ने कहा कि जिन इकाइयों में उसने सेवा की, उनमें से एक में उसने कमांडरों के लिए जलाऊ लकड़ी काटी, जबकि दूसरी इकाई में उसने सार्जेंट से ऊपर किसी को कभी नहीं देखा।इसके अलावा, गोर्डिएन्को ने बताया कि नए साल की पूर्व संध्या पर, उसे और उसके चार अन्य साथी सैनिकों को एक ट्रेंच में लाया गया और मोर्चे पर डटे रहने को कहा गया, लेकिन यह असंभव था क्योंकि उनके पास केवल AK-74 हथियार था। ट्रेंच में मौजूद यूक्रेनी सैनिकों में से एक को तुरंत मार दिया गया और बाकी लोग भाग गए, जिसके बाद वह खुद खेतों से होते हुए तीन घंटे में निकटतम शहर पहुँचा।
https://hindi.sputniknews.in/20250117/kiev-regime-burns-bodies-of-soldiers-to-avoid-payments-to-families-captured-soldier-8672802.html
रूस
मास्को
यूक्रेन
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
2025
धीरेंद्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/135790_0:0:719:720_100x100_80_0_0_8e4e253a545aa4453ae659b236312d73.jpg
धीरेंद्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/135790_0:0:719:720_100x100_80_0_0_8e4e253a545aa4453ae659b236312d73.jpg
खबरें
hi_IN
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e8/07/02/7754045_177:0:2908:2048_1920x0_80_0_0_3f18a3c9226347b6e783e2d6e260052c.jpgSputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
धीरेंद्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/135790_0:0:719:720_100x100_80_0_0_8e4e253a545aa4453ae659b236312d73.jpg
रूस सेना, कुर्स्क क्षेत्र में पकड़ा गया यूक्रेनी सैनिक, यूक्रेनी सैनिक विक्टर गोर्डिएन्को, यूक्रेनी सशस्त्र बलों के सैनिक, russian army, ukrainian soldier captured in kursk region, ukrainian soldier viktor gordienko, soldier of the ukrainian armed forces,
रूस सेना, कुर्स्क क्षेत्र में पकड़ा गया यूक्रेनी सैनिक, यूक्रेनी सैनिक विक्टर गोर्डिएन्को, यूक्रेनी सशस्त्र बलों के सैनिक, russian army, ukrainian soldier captured in kursk region, ukrainian soldier viktor gordienko, soldier of the ukrainian armed forces,
हमने अपने कमांडरों को कभी देखा ही नहीं: पकड़े गए यूक्रेनी सैनिक का बयान
पकड़े गए यूक्रेनी सैनिक ने स्वीकार किया कि सेना से बुलावा आने के बाद, वह बीमारी के कारण सेवा के लिए अयोग्यता का प्रमाण पत्र लेने अस्पताल गया, लेकिन उसको यह नहीं मिल पाया।
रूसी सेना द्वारा कुर्स्क क्षेत्र में पकड़े गए यूक्रेनी सशस्त्र बलों के सैनिक विक्टर गोर्डिएन्को ने कहा कि जिन इकाइयों में उसने सेवा की, उनमें से एक में उसने कमांडरों के लिए जलाऊ लकड़ी काटी, जबकि दूसरी इकाई में उसने सार्जेंट से ऊपर किसी को कभी नहीं देखा।
"हम अपने कमांडरों के लिए अवांछनीय थे, हम जंगल में उनके लिए जलाऊ लकड़ी काट रहे थे, और मुझे यह पसंद नहीं था। सभी अवांछनीय लोगों को पैदल सेना में भेजा जाता है, और इसलिए मैं पांचवें टैंक ब्रिगैड में आ गया, लेकिन पूरे समय में मैंने एक भी टैंक नहीं देखा। कोई कमांडर नहीं था, हमारा नेतृत्व सार्जेंट कर रहे थे," गोर्डिएन्को ने रूसी रक्षा मंत्रालय द्वारा प्रकाशित एक वीडियो में कहा।
इसके अलावा, गोर्डिएन्को ने बताया कि नए साल की पूर्व संध्या पर, उसे और उसके चार अन्य साथी सैनिकों को एक ट्रेंच में लाया गया और मोर्चे पर डटे रहने को कहा गया, लेकिन यह असंभव था क्योंकि उनके पास केवल AK-74 हथियार था। ट्रेंच में मौजूद
यूक्रेनी सैनिकों में से एक को तुरंत मार दिया गया और बाकी लोग भाग गए, जिसके बाद वह खुद खेतों से होते हुए तीन घंटे में निकटतम शहर पहुँचा।