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हथियारों पर खर्च में यूक्रेन सबसे आगे, आत्मनिर्भरता की तरफ़ बढ़ता भारत: रिपोर्ट
हथियारों पर खर्च में यूक्रेन सबसे आगे, आत्मनिर्भरता की तरफ़ बढ़ता भारत: रिपोर्ट
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यूक्रेन ने पिछले चार सालों में दुनिया में सबसे ज्यादा हथियार खरीदे हैं। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट यानी SIPRI की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार यूरोपीय... 11.03.2025, Sputnik भारत
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पिछले चार सालों में दुनिया में हथियारों के कारोबार के बारे में SIPRI की रिपोर्ट बताती है कि यूक्रेन ने पिछले चार सालों कुल हथियारों के आयात का 8.8 प्रतिशत खरीदा। यह आयात 2015-2019 में हुए हथियारों का आयात का 100 गुना है। दिलचस्प यह आंकड़ा भी है कि खुद यूरोप के देशों का अमेरिकी हथियारों का आयात भी तेज़ी से बढ़ा है। यूरोप ने 2020-2024 में दुनिया के कुल हथियारों के आयात का 28 प्रतिशत किया जबकि 2015-2019 के बीच यह आंकड़ा 11 प्रतिशत था। इसमें से आधे हथियार केवल अमेरिका से खरीदे गए यानी यूरोप अभी भी हथियारों के लिए अमेरिका पर ही निर्भर है। अमेरिका की नई सरकार की यूक्रेन के सैनिक सहायता को निलंबित करने की नीति के बाद यूरोप ने यूक्रेन को सहायता देने की योजना पर काम कर रहे हैं। इसका अर्थ यह है कि आने वाले दिनों में यू्क्रेन को मिलने वाले हथियारों के यूरोप होकर जाने की संभावना है।
https://hindi.sputniknews.in/20250307/production-of-su-57-in-india-may-start-soon-waiting-for-indias-green-signal-rosoboronexport-8843502.html
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भारत, अमेरिका, यूक्रेन , रूस , हथियारों की आपूर्ति, जर्मनी, पोलैंड
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हथियारों पर खर्च में यूक्रेन सबसे आगे, आत्मनिर्भरता की तरफ़ बढ़ता भारत: रिपोर्ट
यूक्रेन ने पिछले चार सालों में दुनिया में सबसे ज्यादा हथियार खरीदे हैं। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट यानी SIPRI की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार यूरोपीय देशों के हथियारों की खरीद में भी उछाल आया है। वहीं रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होते भारत के हथियारों के आयात में कमी आई है।
पिछले चार सालों में दुनिया में हथियारों के कारोबार के बारे में SIPRI की रिपोर्ट बताती है कि यूक्रेन ने पिछले चार सालों कुल हथियारों के आयात का 8.8 प्रतिशत खरीदा। यह आयात 2015-2019 में हुए हथियारों का आयात का 100 गुना है।
इस आयात में सबसे ज्यादा 45 प्रतिशत यानि लगभग आधा अमेरिकी हथियारों का हिस्सा था लेकिन यूरोप के देश भी यूक्रेन को हथियार बेचने में पीछे नहीं थे। रूस-यूक्रेन संघर्ष के बीच 34 यूरोपीय देशों ने यूक्रेन को हथियार बेचे जिसमें जर्मनी ने 12 प्रतिशत और पोलैंड ने 11 प्रतिशत हथियार बेचे।
दिलचस्प यह आंकड़ा भी है कि खुद यूरोप के देशों का अमेरिकी हथियारों का आयात भी तेज़ी से बढ़ा है। यूरोप ने 2020-2024 में दुनिया के कुल हथियारों के आयात का 28 प्रतिशत किया जबकि 2015-2019 के बीच यह आंकड़ा 11 प्रतिशत था। इसमें से आधे हथियार केवल अमेरिका से खरीदे गए यानी यूरोप अभी भी हथियारों के लिए अमेरिका पर ही निर्भर है।
अमेरिका की नई सरकार की यूक्रेन के सैनिक सहायता को निलंबित करने की नीति के बाद यूरोप ने यूक्रेन को सहायता देने की योजना पर काम कर रहे हैं। इसका अर्थ यह है कि आने वाले दिनों में यू्क्रेन को मिलने वाले हथियारों के यूरोप होकर जाने की संभावना है।
दूसरी ओर रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने की भारत की कोशिश का असर दिखने लगा है। भारत लंबे अरसे से हथियारों का सबसे बड़ा आयातक रहा है लेकिन अब उसके आयात में कमी आने लगी है। 2015-2019 में भारत का हथियारों का आयात कुल व्यापार का 9.8 प्रतिशत था कि इस बार यह 8.3 प्रतिशत है। भारत ने हथियारों के डिज़ाइन और उत्पादन की अपनी क्षमता को तेज़ी से बढ़ाया है। 2023-24 में भारत के रक्षा उत्पादन में 17.25 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है।