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G20 में आर्थिक वृद्धि के मामले में भारत पहले स्थान पर रहा
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Sputnik द्वारा राष्ट्रीय सांख्यिकी सेवाओं के डेटा के विश्लेषण के अनुसार, 2024 में भारत ने G20 देशों के बीच सबसे तेज आर्थिक वृद्धि दर हासिल की
2025-03-23T15:12+0530
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चीन और इंडोनेशिया ने 5% की आर्थिक वृद्धि के साथ दूसरा स्थान हासिल किया। इस दौरान, चीन को विकास दर में मामूली गिरावट का सामना करना पड़ा, जो 0.2 प्रतिशत अंक कम रही, जबकि इंडोनेशिया ने अपनी वृद्धि दर को स्थिर बनाए रखा।पिछले साल मंदी का सामना करने वाली एकमात्र प्रमुख अर्थव्यवस्था अर्जेंटीना और जर्मनी थी, क्योंकि उनकी जीडीपी में लगातार दूसरे साल गिरावट जारी रही। लैटिन अमेरिकी देश वर्तमान में नए राष्ट्रपति जेवियर माइली द्वारा दर्दनाक सुधारों से गुजर रहा है, इसकी जीडीपी में एक साल पहले 1.6% के बाद इस साल 1.7% की कमी आई है। वहीं, जर्मन अर्थव्यवस्था को रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों और अपने प्रमुख बाजारों में चीन से बढ़ती प्रतिस्पर्धा के चलते चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसकी वजह से इसकी वृद्धि दर में पिछले वर्ष 0.3% की गिरावट के बाद इस वर्ष 0.2% की और कमी आई।हालांकि, सऊदी अरब 2023 की मंदी से उबरने में सफल रहा और साल के अंत तक अपनी वृद्धि दर को 1.3% पर वापस लाने में सक्षम रहा। इसी तरह, दक्षिण कोरिया ने भी आर्थिक गतिशीलता में शानदार सुधार दर्ज किया, जहां जीडीपी वृद्धि दर पिछले साल के 1.4% से बढ़कर 2% तक पहुंच गई। वहीं, ब्रिटेन में भी स्थिति में सुधार हुआ, जहां वृद्धि दर 0.4% से बढ़कर 0.9% हो गई।अन्य देशों में या तो उनकी विकास दर स्थिर रही है या फिर उसमें गिरावट दर्ज की गई है। पहले समूह में इटली, फ्रांस और कनाडा शामिल हैं, जहां विकास दर क्रमशः 0.7%, 1.1% और 1.5% बनी रही। वहीं, दूसरे समूह में सबसे अधिक गिरावट जापान में देखी गई, जहां विकास दर 19 गुना कम होकर केवल 0.1% रह गई। ऑस्ट्रेलिया में यह दर आधी होकर 1% पर पहुंच गई, जबकि दक्षिण अफ्रीका और संयुक्त राज्य अमेरिका में मामूली कमी दर्ज की गई, जहां विकास दर क्रमशः 0.6% और 2.8% पर पहुँच गई।
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G20 में आर्थिक वृद्धि के मामले में भारत पहले स्थान पर रहा
Sputnik द्वारा राष्ट्रीय सांख्यिकी सेवाओं के डेटा के विश्लेषण के अनुसार, 2024 में भारत ने G20 देशों के बीच सबसे तेज आर्थिक वृद्धि दर हासिल की, हालांकि देश की जीडीपी वृद्धि दर 2023 के 8.8% की तुलना में घटकर 6.7% रह गई।
चीन और इंडोनेशिया ने 5% की आर्थिक वृद्धि के साथ दूसरा स्थान हासिल किया। इस दौरान, चीन को विकास दर में मामूली गिरावट का सामना करना पड़ा, जो 0.2 प्रतिशत अंक कम रही, जबकि इंडोनेशिया ने अपनी वृद्धि दर को स्थिर बनाए रखा।
रूस लगातार दूसरे वर्ष अपनी अर्थव्यवस्था में 4.1% की वृद्धि के साथ शीर्ष तीन में शामिल रहा। ब्राजील चौथे स्थान पर रहा, जहां उसकी जीडीपी वृद्धि दर पिछले वर्ष के 3.2% से बढ़कर 3.4% हो गई। तुर्की पांचवें स्थान पर रहा, जो शीर्ष 5 में शामिल एकमात्र गैर-ब्रिक्स देश है, लेकिन उसे अपनी आर्थिक वृद्धि की दर में तेज गिरावट का सामना करना पड़ा, जो पिछले वर्ष के 5.1% से घटकर इस वर्ष 3.2% रह गई।
पिछले साल मंदी का सामना करने वाली एकमात्र प्रमुख अर्थव्यवस्था अर्जेंटीना और जर्मनी थी, क्योंकि उनकी जीडीपी में लगातार दूसरे साल गिरावट जारी रही। लैटिन अमेरिकी देश वर्तमान में नए राष्ट्रपति जेवियर माइली द्वारा दर्दनाक सुधारों से गुजर रहा है, इसकी जीडीपी में एक साल पहले 1.6% के बाद इस साल 1.7% की कमी आई है। वहीं, जर्मन अर्थव्यवस्था को रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों और अपने प्रमुख बाजारों में चीन से बढ़ती प्रतिस्पर्धा के चलते चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसकी वजह से इसकी वृद्धि दर में पिछले वर्ष 0.3% की गिरावट के बाद इस वर्ष 0.2% की और कमी आई।
हालांकि, सऊदी अरब 2023 की मंदी से उबरने में सफल रहा और साल के अंत तक अपनी वृद्धि दर को 1.3% पर वापस लाने में सक्षम रहा। इसी तरह, दक्षिण कोरिया ने भी
आर्थिक गतिशीलता में शानदार सुधार दर्ज किया, जहां जीडीपी वृद्धि दर पिछले साल के 1.4% से बढ़कर 2% तक पहुंच गई। वहीं, ब्रिटेन में भी स्थिति में सुधार हुआ, जहां वृद्धि दर 0.4% से बढ़कर 0.9% हो गई।
अन्य देशों में या तो उनकी विकास दर स्थिर रही है या फिर उसमें गिरावट दर्ज की गई है। पहले समूह में इटली, फ्रांस और कनाडा शामिल हैं, जहां विकास दर क्रमशः 0.7%, 1.1% और 1.5% बनी रही। वहीं, दूसरे समूह में सबसे अधिक गिरावट जापान में देखी गई, जहां विकास दर 19 गुना कम होकर केवल 0.1% रह गई। ऑस्ट्रेलिया में यह दर आधी होकर 1% पर पहुंच गई, जबकि दक्षिण अफ्रीका और
संयुक्त राज्य अमेरिका में मामूली कमी दर्ज की गई, जहां विकास दर क्रमशः 0.6% और 2.8% पर पहुँच गई।